सिल्वर की मल्टीबैगर उड़ान! इस साल दिया 103% का जबरदस्त रिटर्न, क्या आगे टिक पाएगी रैली?
Silver ने 2025 में 103% की मल्टीबैगर रैली के साथ 1.8 लाख रुपये प्रति किलो का नया रिकॉर्ड बनाया है. डॉलर इंडेक्स की कमजोरी, फेड की संभावित रेट कट और रुपये की गिरावट ने घरेलू कीमतों को नई ऊंचाई दी है. बहरहाल, निवेशकों के लिए यह बड़ा सवाल है कि क्या यह रैली आगे टिकेगी?
सोमवार को Silver ने Rs 1.8 लाख प्रति किलो की ऐतिहासिक दीवार तोड़ते ही 2025 के टॉप मल्टीबैगर एसेट्स में शामिल हो गई. अब तक 103% रिटर्न देने वाली इस कीमती धातु ने रिटर्न के मामले में न सिर्फ गोल्ड को पीछे छोड़ा है, बल्कि BSE और NSE पर लिस्टेड ज्यादातर शेयरों के मुकाबले भी कहीं ज्यादा मजबूत रिटर्न दिया है. पहली बार Silver ऐसी लीग में पहुंचा है जहां अब यह साल के 20 सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाले एसेट्स में शामिल है.
Silver की उछाल कहां तक?
Enrich Money के सीईओ पोनमुदी आर का अनुमान है कि सिल्वर शॉर्ट टर्म में 1,85,000 के लेवल को छू सकता है. मार्च फ्यूचर का रेट इस समय Rs 1,79,000–1,80,000 के बीच है, जिसे फिलहाल एक अहम रेजिस्टेंस माना जा रहा है. इसके ऊपर ब्रेकआउट तेजी को और मजबूत कर सकता है.
कौन-कौन Stocks बने Multibagger?
Elitecon International ने इस Multibagger Club की कमान संभाल रखी है, 2025 में अब तक 746% रिटर्न के साथ. इसके बाद Kothari Industrial Corporation 561% और फिर Fertiliser Segment की Kothari Industrial Corporation 376% रिटर्न पर है. इनके अलावा क्यूपिड, इंडो थाई सिक्योरिटीज, NACL इंडस्ट्रीज, फोर्स मोटर्स, ASM टेक्नोलॉजी, लूमैक्स इंडस्ट्रीज, लूमैक्स ऑटा टेक, GRM ओवरसीज, अपोलो माइक्रो सिस्टम, एक्सिसकेड्स टेक TFCI, गैब्रिएल इंडिया, SML महिंद्रा, AB इन्फ्राबिल्ड और कार ट्रेड टेक जैसे स्मालकैप ने 334% से 108% तक की तेजी दिखाई है. ETMarkets के मुताबिक ये सभी कंपनियांए ऐसी हैं, जिनका मार्केट कैप 1,000 करोड़ या उससे ऊपर है.
Silver क्यों आया उबाल?
2025 में Dollar Index (DXY) करीब 8.5% कमजोर हुआ है. पिछले पांच सत्रों में भी यह 0.82% फिसला है. कमजोर डॉलर और Federal Reserve की तरफ से संभावित रेट कट की उम्मीद ने Gold और Silver दोनों को मजबूत सपोर्ट दिया है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक BofA Global Research को उम्मीद है कि Fed इस महीने 25 bps की कटौती करेगा और 2026 में दो और Cuts की संभावना है.
इंडस्ट्रियल डिमांड का बूस्ट
Silver की इंडस्ट्रियल डिमांड खासतौर पर इलेक्ट्रोनिक्स, EVs और सोलर कंपोनेंट्स में लगातार बढ़ रही है. इसके चलते निवेशकों की नजर में सिल्वर एक टेक्टिकल एसेट के रूप में तेजी से उभर रहा है.
रुपये की कमजोरी पड़ी भारी
एनालिस्टों के मुताबिक इस साल रुपया डॉलर के मुकाबले 4.6% गिरा है. महंगा आयात सीधे सिल्वर और गोल्ड दोनों के भारतीय दामों को ऊपर खींचता है, इसलिए घरेलू कीमतें अंतरराष्ट्रीय भावों से कहीं ज्यादा तेज दिख रही हैं.
इतिहास क्या कहता है?
Silver ने कभी साल भर में इतनी तेजी नहीं दिखाई. 2020 में Covid संकट के दौरान यह 46% चढ़ा था, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. 2019 में रिटर्न 20% थे, जबकि 2021 में यह लगभग 8% गिरा. 2022 से 2024 में Silver ने लगातार 11%–17% की स्थिर बढ़त दी.
क्या अभी Silver खरीदना चाहिए?
ज्यादातर एनालिस्टों की राय है कि Silver की कहानी अभी खत्म नहीं हुई. Silver 2026 मार्च तक Rs 1,90,000 और दिवाली 2026 तक Rs 2,00,000 के स्तर को छू सकता है. वहीं, SAMCO सिक्योरिटीज के अपूर्व सेठ के मुताबिक चार्ट्स पर Silver ने 46 से 54 डॉलर प्रति आउंस के कंसोलिडेशन से जोरदार ब्रेकआउट दिया है. ट्रेंड अब भी मजबूती में है और तकनीकी सेटअप संकेत देता है कि तेजी का अगला चरण अभी बाकी है.
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