टाटा – मिस्त्री की रार पर लगेगा फुलस्टॉप? | Tata Group | Cyrus Mistry | Tata vs SP
Tata Group: शापूरजी पल्लोनजी, जो कि टाटा संस में 18 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखता है, अब इसे बेचने की तैयारी में है, जिससे भारत के सबसे बड़े कारोबारी घराने में बड़ा बदलाव आ सकता है. यह हिस्सेदारी गिरवी रखी गई है क्योंकि SP ग्रुप पर कर्ज का बोझ है और इसे चुकाने के लिए हिस्सेदारी बेचना जरूरी हो गया है. दूसरी ओर, टाटा संस इस हिस्सेदारी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने के पक्ष में नहीं है, बल्कि संभव है कि वह इसे खुद खरीद ले. यह विवाद 2020 में दोबारा उभरा था जब SP ग्रुप ने हिस्सेदारी बेचने का इरादा जताया था. 1.8 लाख करोड़ रुपये के इस शेयरहोल्डिंग में दांव पर टाटा ग्रुप का कंट्रोल और SP ग्रुप का फॉइनेंशियल फ्यूचर दोनों हैं. चूंकि टाटा संस एक कोर इन्वेस्टमेंट कंपनी (CIC) है, इसलिए इस लेन-देन में RBI की मंजूरी जरूरी होगी. यह मामला केवल शेयरों का नहीं, बल्कि एक सदी पुरानी साझेदारी के अंत का संकेत भी है.
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