TCS के CEO की सैलरी 26 करोड़, 12000 की छंटनी के प्लान पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
TCS ने 12,000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है, वहीं CEO के. कृतिवासन की 26.50 करोड़ कमाई पर बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया पर लोग वेतन कटौती vs कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

TCS CEO’s ₹26 crore Income in spotlight: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS ने वित्त वर्ष 2026 में अपनी ग्लोबल वर्कफोर्स का लगभग 2 फीसदी यानि करीब 12,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की घोषणा की. इस फैसले के बाद CEO K Krithivasan की लगभग 26.52 करोड़ रुपये के सालाना कमाई पर तीखी आलोचनाओं को जन्म दिया है. इस बीच सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है कि क्या इतने अधिक वेतन के बावजूद शीर्ष नेतृत्व थोड़ी कटौती करके काम नहीं चला सकते थे? यानी लोग चाहते हैं कि उच्च पद पर काम करने वाले अधिकारियों के वेतन में कटौती हो और कर्मचारियों की छटनी नहीं हो. सोशल मीडिया पर छिड़ी इस जंग में कुछ समर्थकों का कहना है कि TCS कोई चैरिटेबल संस्था नहीं है, जबकि कंपनी के इस फैसले से नाराज यूजर्स का मानना है कि यह सही नहीं है.
CEO के. कृतिवासन की कमाई 26.50 करोड़ पार
CNBC की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में TCS के CEO के. कृतिवासन की कमाई 26.50 करोड़ रुपये से अधिक रही. इसमें 1.39 करोड़ सैलरी, 2.12 करोड़ बैनिफिट्स और 23 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में मिला है. छटनी के बाद इनकी कमाई की चर्चा विवाद का केंद्र बनता जा रहा है.
X पर कंपनी को मिल रही तीखी प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक यूजर ने लिखा कि 3 करोड़ रुपये ना लेकर 2.5 करोड़ रुपये लेने पर उनकी जिंदगी खराब नहीं होगी. 12,000 परिवारों के लिए 15 लाख रुपये के बदले 0 वेतन पर जिदगी दयनीय हो जाएगी.

एक एक्स यूजर ने पूछा कि “क्या किसी चेयरमैन का सालाना 150 करोड़ रुपये वेतन लेना जायज है? जबकि हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया जाता है.

वहीं कंपनी के फैसले का समर्थन करते हुए एक X यूजर ने कहा कि, वे कंपनी चला रहे हैं, कोई चैरिटी नहीं.

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ऐसा करने के लिए हम मजबूर हैं: CEO
TCS के CEO के. कृतिवासन ने Moneycontrol को दिए इंटरव्यू में बताया था कि हम लगातार नई टेक्नोलॉजी, खासकर AI और ऑपरेटिंग मॉडल में हो रहे बदलावों पर काम कर रहे हैं. हमें आने वाले समय के लिए तैयार रहना है. हमने अपने कर्मचारियों के करियर ग्रोथ और रीडिप्लॉयमेंट पर निवेश किया है, लेकिन कुछ रोल ऐसे हैं जिनमें ये काम के नहीं हो पाया. ये फैसला लेना आसान नहीं था, लेकिन यह कंपनी के हित के लिए जरूरी है. यह छंटनी मिड और सीनियर लेवल कर्मचारियों पर ज्यादा असर डालेगी, और यह प्रक्रिया वित्त वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) तक चलेगी.
लोगों का टूट रहा है भ्रम
भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विस कंपनी, TCS, को आमतौर पर भारतीय आईटी सेक्टर का मजबूत स्तंभ माना जाता है और नौकरी की सुरक्षा के लिहाज से इसे सरकारी नौकरी के समान ही माना जाता था. छंटनी की हालिया ऐलान ने ना केवल आईटी उद्योग में हलचल मचा दी है, बल्कि लोगों का भ्रम भी टूटने लगा है.
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