DGCA ऑडिट में कई खामियां उजागर, 263 सुरक्षा चूक मामले आए सामने; इन एयरलाइंस का रहा सबसे खराब प्रदर्शन
DGCA की हालिया ऑडिट रिपोर्ट में घरेलू एयरलाइंस में 263 सुरक्षा चूक सामने आई हैं, जिनमें एयर इंडिया, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस में सबसे ज्यादा उल्लंघन पाए गए. रिपोर्ट में लेवल-1 जैसी गंभीर खामियों का जिक्र किया गया है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय हैं. DGCA ने संबंधित एयरलाइंस को सुधार की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

DGCA audit: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने पिछले एक साल में घरेलू एयरलाइंस के 23 ऑडिट के दौरान 263 सुरक्षा संबंधी कमियां पाई हैं. इनमें कुछ गंभीर उल्लंघन शामिल हैं, जिन्हें तुरंत ठीक करने की आवश्यकता है. DGCA ने कहा कि जिन एयरलाइंस का संचालन बड़े पैमाने पर होता है, उनमें ऑडिट के दौरान ज्यादा कमियां मिलना आम बात है. नियामक का मानना है कि बड़ी एयरलाइंस के व्यापक कार्यों के चलते ऐसी खामियां सामने आना स्वाभाविक है.
एयर इंडिया पर सबसे ज्यादा निशाना
आंकड़ों के अनुसार, टाटा समूह की एयरलाइंस एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और विस्तारा (अब विलय हो चुकी) में सबसे ज्यादा 93 कमियां पाई गईं. इनमें से 19 लेवल-1 उल्लंघन थे, जो गंभीर सुरक्षा जोखिम माने जाते हैं और जिन्हें तुरंत ठीक करना आवश्यक होता है.
मंगलवार को सूत्रों ने पीटीआई को बताया था कि DGCA ने एयर इंडिया में कर्मचारियों के प्रशिक्षण, क्रू के आराम और ड्यूटी समय, तथा एयरफील्ड योग्यता से जुड़े लगभग 100 उल्लंघन और अवलोकन दर्ज किए हैं. इनमें से 51 ऑडिट निष्कर्ष एयर इंडिया से संबंधित थे.
अन्य एयरलाइंस में कमियां
- इंडिगो: 23 ऑडिट
- स्पाइसजेट: 14 ऑडिट
- अलायंस एयर: 57 ऑडिट
- क्विक जेट: 35 ऑडिट
- घोडावत स्टार: 41 ऑडिट
- विस्तारा: 17 ऑडिट
सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए किए जाते हैं ऑडिट
DGCA ने एक बयान में कहा कि ये ऑडिट सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर काम करने वाली एयरलाइंस में ऑडिट निष्कर्षों की संख्या अधिक होना सामान्य है. यह उनके व्यापक संचालन को दिखाता है, न कि कोई असामान्य चूक.
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क्या हैं लेवल-1 और लेवल-2 उल्लंघन
- लेवल-1: गंभीर सुरक्षा जोखिम, जिन्हें तुरंत ठीक करना आवश्यक होता है.
- लेवल-2: नियमों का पालन न करने जैसी सामान्य कमियां.
एयरलाइंस को सुधार के निर्देश
DGCA ने बताया कि ऑडिट पूरा होने के बाद संबंधित एयरलाइंस को सुधारात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट जमा करनी होती है. उन्होंने यात्रियों को आश्वस्त किया कि यह प्रक्रिया मजबूत है और ऐसे निष्कर्ष नियामक निगरानी की सक्रियता को दिखाता हैं. DGCA ने कहा कि दुनिया भर में विमानन नियामक बड़ी एयरलाइंस में ऐसी ही कमियां पाते हैं, क्योंकि उनका संचालन बड़े पैमाने पर होता है.
इस खबर से स्पष्ट है कि भारतीय विमानन क्षेत्र में सुरक्षा मानकों को लेकर सख्त निगरानी जारी है, लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि एयरलाइंस को अपनी कमियों को गंभीरता से सुधारने की आवश्यकता है.
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