BYJU’s के संस्थापक रवींद्रन को US कोर्ट से मिला बड़ा झटका! अदालत ने 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का जुर्माना ठोका
बायजूस के संस्थापक बायजू रवींद्रन को अमेरिका की डेलावेयर अदालत से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने डिस्कवरी ऑर्डर न मानने और सुनवाई में सहयोग न करने पर उनके खिलाफ डिफॉल्ट जजमेंट जारी कर 1 बिलियन डॉलर से अधिक भुगतान का आदेश दिया है। पूरी जानकारी रिपोर्ट में.
एडटेक कंपनी बायजूस पहले ही वित्तीय संकट और कानूनी विवादों में घिरी हुई थी, लेकिन अब इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को अमेरिका की एक अदालत ने तगड़ा झटका दिया है. डेलावेयर की एक बैंकरप्सी कोर्ट ने 20 नवंबर 2025 को रवींद्रन के खिलाफ डिफॉल्ट जजमेंट जारी करते हुए उन्हें 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की राशि कर्जदाताओं को चुकाने का आदेश दिया है. यह फैसला उस लंबे कानूनी विवाद में तेजी मानी जा रही है, जिसमें 2021 के 1.2 बिलियन डॉलर के टर्म लोन को लेकर लगातार टकराव चल रहा है.
क्यों देना पड़ेगा इतना बड़ा जुर्माना?
यह मामला BYJU’s Alpha और अमेरिकी लेंडर GLAS Trust Company LLC की याचिका पर आधारित है. अदालत ने पाया कि रवींद्रन ने कोर्ट की डिस्कवरी ऑर्डर का पालन नहीं किया. कई नोटिसों के बावजूद उन्होंने जरूरी दस्तावेज जमा नहीं किए और सुनवाई में भी उपस्थित नहीं हुए. जजमेंट के अनुसार, अदालत ने पहले काउंट पर 533 मिलियन डॉलर और काउंट II, V और VI पर 540.64 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है. अदालत ने साफ कहा कि रवींद्रन ने बार-बार टालमटोल की और जांच में सहयोग नहीं किया.
डिस्कवरी ऑर्डर को न मानने पर सख्त रुख
अदालत ने कहा कि बायजू रवींद्रन, जो इस समय दुबई में रहते हैं, बार-बार पेश होने से बचते रहे. इससे पहले भी उन्हें डिस्कवरी ऑर्डर न मानने पर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट में रखा गया था और उन पर रोजाना 10,000 डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, जिसे उन्होंने अब तक नहीं भरा. कोर्ट का कहना है कि आर्थिक दंड का कोई असर नहीं हो रहा, इसलिए अब कड़ा कदम उठाना जरूरी था.
क्या है BYJU’s Alpha का विवाद?
BYJU’s Alpha वह कंपनी है जिसे उस समय स्थापित किया गया था जब रवींद्रन बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (TLPL) का संचालन कर रहे थे. TLPL ने अमेरिकी कर्जदाताओं से 1 बिलियन डॉलर का टर्म लोन B लिया था. बाद में लेंडर्स ने आरोप लगाया कि BYJU’s Alpha ने 533 मिलियन डॉलर अमेरिका से बाहर अवैध रूप से ट्रांसफर किए, जिससे लोन की शर्तें टूट गईं. GLAS Trust ने डेलावेयर कोर्ट में मामला दायर किया और BYJU’s Alpha पर नियंत्रण हासिल करने की अनुमति प्राप्त कर ली.
अदालत ने क्यों ठुकराई रवींद्रन की दलीलें?
रवींद्रन का कहना था कि GLAS Trust को जरूरी दस्तावेज BYJU’s Alpha की बुक्स में मिल जाएंगे. लेकिन अदालत ने कहा कि ऐसी कोई भी ठोस जानकारी रिकॉर्ड में नहीं है, और यह भी कि रवींद्रन ने इरादतन जांच से बचने की रणनीति अपनाई.
कोर्ट के अनुसार, “यह उनकी अपनी इच्छा से लिया गया फैसला है कि वे डिस्कवरी का पालन नहीं करेंगे.”
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अदालत ने रवींद्रन को निर्देश दिया है कि वे Alpha Funds और उससे जुड़े सभी लेन-देन का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराएं. उनकी ओर भेजे गए प्रश्न पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. यह फैसला बायजूस और उसके संस्थापक दोनों के लिए कानूनी और वित्तीय मोर्चे पर बड़ा झटका माना जा रहा है.
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