2025 में किस एसेट क्लास ने दिया सबसे धांसू रिटर्न? जानें कैसा रहा गोल्ड, सिल्वर, रियल एस्टेट व बिटकॉइन का हाल

2025 में निवेश के मोर्चे पर सिल्वर सबसे बड़ा विजेता रहा, जिसने 80% से ज्यादा रिटर्न देकर सभी एसेट क्लास को पछाड़ दिया. गोल्ड ने भी शानदार रिटर्न दिया, रियल एस्टेट ने करीब 15% रिटर्न दिया, इक्विटी सीमित बढ़े, जबकि बिटकॉइन गिरावट के साथ सबसे कमजोर एसेट साबित हुआ.

अगर 2025 को निवेश के नजरिए से याद किया जाएगा, तो यह साल एक साफ संदेश देकर जा रहा है. जहां जोखिम डगमगाया, वहीं सुरक्षित और ठोस एसेट्स ने बाजी मार ली. महंगाई का दबाव, बदलती वैश्विक मौद्रिक नीतियां और जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने जिस एसेट पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया, वह रहा सिल्वर. सोने से लेकर रियल एस्टेट तक ने मजबूत रिटर्न दिए, लेकिन चांदी ने जिस तरह पोर्टफोलियो को चमकाया, उसने 2025 को ‘मेटल्स का साल’ बना दिया. वहीं इक्विटी ने जूझकर बढ़त दिखाई और बिटकॉइन निवेशकों की परीक्षा लेता नजर आया.

सिल्वर

2025 में सबसे शानदार प्रदर्शन चांदी ने किया. घरेलू बाजार में चांदी ₹2,42,000 प्रति किलो के पार निकल गई और इस साल के दौरान करीब 82% की तेजी दर्ज की. कुछ वैश्विक बेंचमार्क्स पर देखें तो सिल्वर की कुल उछाल 165% तक बताई जा रही है, जिसने इसे सिर्फ सेफ-हेवन नहीं बल्कि स्मार्ट पोर्टफोलियो डाइवर्सिफायर भी बना दिया. इसकी तेजी के पीछे सेंट्रल बैंकों की खरीद, ETF में मजबूत निवेश और Federal Reserve द्वारा ब्याज दरों में लगातार कटौती जैसे बड़े कारण बताये जा रहे है.

गोल्ड

गोल्ड ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया, हालांकि इसकी रफ्तार सिल्वर से कम रही. अनिश्चित वैश्विक माहौल में सोना स्थिरता का भरोसेमंद विकल्प बना रहा, लेकिन रिटर्न के मामले में चांदी ने इसे पीछे छोड़ दिया. सोने ने महज एक साल में करीब 78% का रिटर्न दिया है. 31 दिसंबर 2024 को जहां सोना ₹78,950 प्रति 10 ग्राम था, वहीं अब यह ₹61,900 की छलांग लगाकर ₹1.40 लाख के पार निकल गया है.

इक्विटी

इक्विटी की बात करें तो 2025 शेयर बाजार के लिए आसान नहीं रहा. भारतीय बाजारों पर अमेरिकी टैरिफ, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और आय में सुस्ती का दबाव दिखा. इसके बावजूद Nifty 50 करीब 10% चढ़ा. जानकारों के मुताबिक मजबूत GDP ग्रोथ, Reserve Bank of India की दर कटौती और घरेलू निवेशकों की खरीद ने बाजार को सहारा दिया, हालांकि विदेशी निवेशकों की सतर्कता बनी रही.

रियल एस्टेट

रियल एस्टेट ने इस साल इक्विटी से बेहतर प्रदर्शन किया. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट ने करीब 15% का टोटल रिटर्न दिया. खासतौर पर प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग की मांग मजबूत रही, जबकि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी रियल एस्टेट गतिविधियां बढ़ीं.

बिटक्वाइन

वहीं, बिटक्वाइन 2025 का सबसे कमजोर एसेट क्लास साबित हुआ. अक्टूबर में आई भारी बिकवाली के बाद इसमें रिकवरी नहीं हो पाई और साल भर में यह करीब 6% फिसल गया. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि क्रिप्टो फिलहाल लिक्विडिटी और पॉलिसी-सेंसिटिव बना रहेगा.

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