17 महीने की उम्र में इस बच्चे ने कमा लिए 3.3 करोड़,नारायण मूर्ति से नाता,पैदा होते ही बना था अरबपति

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति भारत के सबसे कम उम्र के करोड़पतियों में से एक हैं. उन्हें इंफोसिस कंपनी से 3.3 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने वाला है. महज 17 महीने की उम्र में करोड़पति होने अपने आप में बड़ी बात है. नारायण मूर्ति व राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के तीसरे पोते हैं. उनके चचेरे भाई-बहन कृष्णा और अनुष्का, अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बेटियां हैं.

एकाग्र रोहन मूर्ति Image Credit: Money 9

इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के पोते से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, उनके 17 महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति भारत के सबसे कम उम्र के करोड़पतियों में से एक हैं. अब उन्हें इंफोसिस कंपनी से 3.3 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिलने वाला है. ऐसे में उसने 17 महीने की उम्र में इस बच्चे ने 3.3 करोड़ कमा लिए.

एकाग्र रोहन मूर्ति की बल्ले बल्ले

एकाग्र का जन्म नवंबर 2023 में बेंगलुरु में हुआ था. वह रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन के बेटे हैं. नारायण मूर्ति व राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति के तीसरे पोते हैं. उनके चचेरे भाई-बहन कृष्णा और अनुष्का, अक्षता मूर्ति ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की बेटियां हैं. एकाग्र के पास इंफोसिस की 15 लाख शेयर हैं. यह कंपनी में 0.04 फीसदी हिस्सेदारी है.

यह भी पढ़ें: IPO बाजार में सन्‍नाटे की ये हैं 3 बड़ी वजह, LG, टाटा कैपिटल समेत इन कंपनियों ने टाला 1.47 लाख करोड़ का प्‍लान

चार महीने की उम्र में मिला था गिफ्ट

ये शेयर उन्हें नारायण मूर्ति ने तब गिफ्ट किए थे जब वह सिर्फ चार महीने के थे. मार्च 2024 में इन शेयरों की कीमत 240 करोड़ रुपये से ज्यादा थी. 17 अप्रैल को इंफोसिस ने 22 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से फाइनल डिविडेंड घोषित किया. एकाग्र के 15 लाख शेयरों के हिसाब से उन्हें 3.3 करोड़ रुपये मिलेंगे.

10,000 रुपये से शुरू हुई थी कंपनी

इस साल उनकी कुल डिविडेंड कमाई 10.65 करोड़ रुपये हो गई है. पहले उन्हें 49 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 7.35 करोड़ रुपये का अंतरिम डिविडेंड मिल चुका है. इंफोसिस साल 1981 में सिर्फ 10,000 रुपये से शुरू हुई थी. आज भारत की प्रमुख टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है. सुधा मूर्ति ने शुरू में अपनी बचत से कंपनी को सपोर्ट किया था. 25 साल तक इंफोसिस फाउंडेशन को लीड किया.

यह भी पढ़ें: Gensol को लोन देना PFC और IREDA को पड़ा भारी, फंसे 977 करोड़, रिकवरी के लिए लिया ये एक्‍शन