10वीं फेल और 8800 करोड़ का साम्राज्य, जानें कौन हैं Azad Engineering के मालिक
डिफेंस सेक्टर की नामी कंपनी आजाद इंजीनियरिंग लिमिटेड की शुरुआत 1983 में हुई थी. लेकिन कंपनी ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज की शुरुआत 2008 में की थी. आइए जानते हैं कंपनी और उसके सीईओ की पूरी कहानी.

Azad Engineering Profile And Its Owner: कहते हैं कि भारत में उन लोगों ने ज्यादा तरक्की की है जिन्होंने अपने स्कूल या कॉलेज को बीच में छोड़ दिया था. मतलब स्कूल और कॉलेज ड्रॉपआउट हो. इसी लाइन को गाढ़ा करते हुए एक शख्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गया. नाम है राकेश चोपदार और व्यवसाय है Azad Engineering Ltd. कंपनी की शुरुआत 1983 में हुई थी लेकिन आजाद इंजीनियरिंग ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों की शुरुआत 2008 में की थी. कंपनी का हेडक्वार्टर हैदराबाद, तेलंगाना में है और इसका बिजनेस मॉडल B2B यानी बिजनेस टू बिजनेस है. आइए अब आपको हम कंपनी और उसके मालिक के बारे में बताते हैं.
10वीं में फेल लेकिन बिजनेस में पास!
10वीं के इम्तिहान में जब राकेश फेल हुए, तब उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें ‘असफल’ और ‘किसी काम के नहीं’ होने का ताना कसा था. उसके बाद उन्होंने सभी के तानों से बचने के लिए अपने पिता की फैक्ट्री एटलस फास्टनर्स में शॉपफ्लोर पर इंजीनियरिंग के पुर्जे बनाने की कला सीखना शुरू किया. उसी दौरान उन्होंने मशीनों को लेकर अपनी समझ को बेहतर किया और नई जानकारी हासिल की. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक चोपदार ने दसवीं फेल होने और फिर आगे की चुनौती के बारे में बताया था कि मुझे खुद को सेल्फ इंजीनियर के रूप में ढालने में चार साल लगे और उसमें शॉपफ्लोर पर मिले एक्सपीरिएंस का बहुत बड़ा योगदान है.

शुरुआती दिनों को लेकर चोपदार ने क्या कहा?
चोपदार ने कहा कि जब वह फैक्ट्री में काम करते थे तब उन्होंने सोचा कि जिन पुर्जे को वह बना रहे हैं, वह आखिर इस्तेमाल कहां होता है. उनके इस जिज्ञासे ने भी शायद आजाद की नींव रखी थी. तकरीबन 12 सालों तक अपने पिता की फैक्ट्री में काम करने के बाद चोपदार ने 2008 में आजाद इंजीनियरिंग के साथ अपने स्तर पर नई शुरुआत की. उन्होंने सेकंड-हैंड सीएनसी मशीन के साथ 200 स्क्वायर मीटर के शेड में बालानगर में शुरुआत की. उन्होंने बताया कि हमने थर्मल पावर के ऑर्डर के साथ शुरुआत की और जल्द ही न्यूक्लियर, गैस और हाइड्रोजन टरबाइन के लिए भी काम शुरू कर दिया.
आज के दौर में क्या करती है कंपनी?
Azad Engineering Ltd एक इंजीनियरिंग कंपनी है जो डिफेंस, एयरोस्पेस, ऑयल और गैस, एनर्जी जैसे क्षेत्रों के लिए प्रोडक्ट बनाती है. आजाद इंजीनियरिंग के प्रोडक्ट्स में टरबाइन इंजन के 3D रोटेटिंग एयर-फॉइल भाग, रक्षा और सिविल एयरक्राफ्ट, स्पेसशिप, रक्षा मिसाइल शामिल हैं. कंपनी के ग्राहकों में अमेरिका, चीन, यूरोप, मिडिल ईस्ट और जापान जैसे देश शामिल हैं. 2008 में 2 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनी से आजाद इंजीनियरिंग ने 2023-24 में 350 करोड़ रुपये का रेवेन्यू बनाया. कंपनी की लिस्टिंग होने के 6 महीने के अंदर इसका मार्केट कैप 1 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया था.

2023 में कंपनी हुई थी पब्लिक
आजाद इंजीनियरिंग लिमिटेड का इश्यू 20 दिसंबर, 2023 को खुला था. इश्यू के जरिये कंपनी 740 करोड़ रुपये जुटाना चाहती थी. दो दिन बाद यानी 22 दिसंबर को कंपनी का आईपीओ बंद हो गया था. कंपनी को कुल 83 गुना सब्सक्राइब किया गया था. बीएसई पर कंपनी की लिस्टिंग 710 रुपये पर हुई थी.
क्या है शेयर का हाल?
4 फरवरी, 2025 को खबर लिखते वक्त (02:00 PM) तक, कंपनी के शेयर 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 1,470 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. यानी अब तक, कंपनी ने अपने निवेशकों को 20.20 रुपये का नुकसान किया है. वहीं महीने भर में कंपनी ने अपने निवेशकों को 22.42 फीसदी का नुकसान किया है. हालांकि ग्राफ को जब 1 साल का करते हैं, तब कंपनी रिटर्न में हरियाली आती है. 1 साल के दौरान कंपनी ने अपने निवेशकों को 55 फीसदी का मुनाफा दिया है. आज, कंपनी का मार्केट कैप 8810 करोड़ रुपये है. वहीं P/E Ratio (TTM) 126.09 है. मौजूदा समय में, कंपनी अपने 52 वीक हाई स्तर से 29.38 फीसदी गिरावट पर कारोबार कर रही है.
वित्तीय स्थिति

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो वह भी साल-दर-साल के आधार पर बेहतर हो रहा है. दिसंबर 2022 में कंपनी का रेवेन्यू 62.3 करोड़ रुपये था, मार्च 23 तक वह बढ़कर 89.9 करोड़ रुपये हो गए. वहीं दिसंबर में वह बढ़कर 107.7 करोड़ रुपये हो गया था लेकिन अगले 2 तिमाहियों में इसमें गिरावट देखी गई. मार्च 24 और जून 24 में कंपनी का रेवेन्यू क्रमश: 95.6 करोड़ रुपये और 99 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. सितंबर 24 में कंपनी का रेवेन्यू बढ़कर 113.1 करोड़ रुपये हो गया था.
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