अनिल अंबानी पर कितने आरोप, जिसकी वजह से पीछे पड़े CBI-ED, जानें कब और क्या हुआ गड़बड़झाला

Anil Ambani Under Scrutiny: इस बार अनिल अंबानी फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी के आरोपों के चलते खबरों में हैं. वो कई वित्तीय जांच के केंद्र में हैं और कई जांच एजेंसियां उनसे आने वाले दिनों में पूछताछ कर सकती हैं. अनिल अंबानी को अब सीधे पूछताछ के लिए बुलाया गया है.

अनिल अंबानी से पूछताछ करेगी ईडी. Image Credit: Getty image

Anil Ambani Under Scrutiny: अनिल अंबानी एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार वजह उनकी कंपनियों के उछलते शेयर, नई डील या टेंडर नहीं हैं. इस बार अनिल अंबानी फ्रॉड, मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी के आरोपों के चलते खबरों में हैं. वो कई वित्तीय जांच के केंद्र में हैं और कई जांच एजेंसियां उनसे आने वाले दिनों में पूछताछ कर सकती हैं. इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) समेत कई एजेंसियों के जांच के घरे में हैं. 5 अगस्त को ईडी उनसे पूछताछ करेगी. इस मामले के केंद्र में अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) की प्रमुख कंपनी रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर है. नियामकों का आरोप है कि 2013 से 2023 के बीच, कंपनी ने CLE प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक छोटी-सी संस्था के जरिए भारी-भरकम रकम 10,000 से 17,000 करोड़ रुपये के बीच ट्रांसफर की है.

क्या है आरोप?

जिन नंबर्स पर बहस हो रही है वे महत्वपूर्ण हैं

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर का कहना है कि CLE में उसका रियल एक्सपोजर 6,500 करोड़ रुपये है.

सेबी और ईडी का अनुमान है कि समय के साथ CLE के माध्यम से 10,000-17,000 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है. यह प्रोविजनिंग , राइट-ऑफ और एसेट्स ट्रांसफर के आधार पर हुआ, जिसके बारे में उनका तर्क है कि जानबूझकर इसे छिपाया गया था.

नियामकों का मानना है कि यह संबंधित पक्षों के बीच छिपे हुए लेन-देन का मामला था, जिसने शेयरधारकों और बाजार को गुमराह किया. रिलायंस का कहना है कि उसने सद्भावना से काम किया और बड़े आंकड़ों में नॉन-कैश समायोजन शामिल हैं और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है.

अब तक की कार्रवाई

एक अन्य मामला

इसके अलावा ईडी अंबानी से जुड़ी कंपनियों- रिलायंस एनयू बेस और महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड द्वारा सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से सौर ऊर्जा भंडारण परियोजना हासिल करने के लिए जमा की गई 68.2 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी की जांच कर रही है.

अतिरिक्त जांच

समूह का क्या कहना है?

ADAG का दावा है कि अनिल अंबानी ने 2022 से समूह की कंपनियों में कोई ऑपरेशनल भूमिका नहीं निभाई है. उनका तर्क है कि ये आरोप उन पुरानी कंपनियों से संबंधित हैं, जो अब दिवालिया हो चुकी हैं या किसी तीसरे पक्ष द्वारा धोखाधड़ी का शिकार हैं और बाकी कंपनियां वैध और स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं. अंबानी को ईडी के समन की खबर के बाद, शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में बीएसई पर रिलायंस पावर के शेयर 4.82 फीसदी गिरकर 50.30 रुपये पर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर 5 फीसदी गिरकर 311.60 रुपये पर आ गए.

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