बदलेगा 300 साल पुराने चांदनी चौक का ठिकाना ! जानें क्या है दिल्ली सरकार का प्लान
चांदनी चौक के ठिकाने को बदलने की बात हो रही है. ऐसा हम नहीं बल्कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है. उन्होंने कहा कि चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे पुराने, भीड़ भाड़ वाले बाजारों को नई जगह पर ले जाना चाहिए. इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं.
Chandni Chowk New Location: यूं तो दिल्ली में कई तंग गलियां है पर इन सबसे इतर पुरानी दिल्ली के दिल में बसा चांदनी चौक की तंग गलियों में अलग ही सुकून मिलता है. यह तंग गलियां अपने इतिहास और रंग-बिरंगे बाजारों के लिए मशहूर है. लेकिन अब इसके ठिकाने को बदलने की बात हो रही है. ऐसा हम नहीं बल्कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है. उन्होंने कहा कि चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे पुराने, भीड़ भाड़ वाले बाजारों को नई जगह पर ले जाना चाहिए. इससे व्यापारियों को राहत मिलेगी और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं.
क्या बोलीं मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता?
शुक्रवार को प्रगति मैदान में व्यापारियों के एक कार्यक्रम में सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि चांदनी चौक और सदर बाजार जैसे पुराने बाजारों में व्यापारियों को छोटी-छोटी दुकानों में काम करने में बहुत दिक्कत होती है. वहां सांस लेना भी मुश्किल है. उन्होंने सुझाव दिया कि इन बाजारों को नई और खुली जगह पर ले जाना चाहिए. इससे व्यापारियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और कारोबार बढ़ेगा. उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली की पुरानी सरकारों ने व्यापार के लिए कुछ खास नहीं किया. अब उनकी नई सरकार व्यापार को मजबूत करना चाहती है और इसके लिए व्यापारियों का साथ चाहिए.
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चांदनी चौक का इतिहास
चांदनी चौक को 17वीं सदी में मुगल बादशाह शाहजहां की बेटी जहानारा बेगम ने बनवाया था. इसका नाम “चांदनी चौक” इसलिए पड़ा क्योंकि यहां एक आधा चांद जैसा चौक था. इसमें पानी का तालाब चांदनी को चमकाता था. साल 1950 में इस तालाब की जगह एक घड़ी टावर बनाया गया. जहानारा ने इस इलाके को बहुत सोच-समझकर बनवाया था. यहां बाजार, हवेलियां, गलियां और घर सब एक खास नक्शे के साथ बनाए गए थे. पहले यहां चांदी के काम के लिए मशहूर दुकानें थीं, इसलिए मुख्य सड़क को “सिल्वर स्ट्रीट” भी कहते थे. पहले यहां पेड़ों की कतारें थीं, जो इसे और खूबसूरत बनाती थीं. मुगल और अंग्रेजों के समय यहां से शाही जुलूस निकलते थे. आज यहां जैन मंदिर, मस्जिदें और खाने पीने की शानदार दुकानें है.
चांदनी चौक का कारोबार
चांदनी चौक दिल्ली के कारोबार का केंद्र है. रोजाना यहां 6-7 लाख लोग आते हैं. यह इसे भारत के सबसे व्यस्त बाजारों में से एक बनाता है. यहां की तंग गलियां और पुरानी दुकानें पर्यटकों को बहुत पसंद हैं. लेकिन अब लोग आधुनिक सुविधाएं भी चाहते हैं. दिल्ली मेट्रो ने चांदनी चौक को और सुविधाजनक बना दिया है. इससे स्थानीय लोग और पर्यटक आसानी से यहां पहुंचते हैं. वॉलमार्ट की रिपोर्ट के अनुसार चांदनी चौक का कारोबार 50 लाख करोड़ रुपए सालाना है.जल्द ही यहां मल्टी-लेवल पार्किंग भी शुरू होगी. इससे गाड़ी पार्क करने की समस्या खत्म होगी.
ये हैं फेमस मार्केट
- दरीबा कलां– यहां स्वादिष्ट जलेबी की दुकानें और आभूषणों का बाजार है.
- नई सड़क– यहां स्कूल-कॉलेज की किताबें, प्रतियोगी परीक्षाओं के गाइड और स्टेशनरी का बाजार लगता है. साथ ही पुरानी किताबों का खजाना भी उप्लबध है.
- भगीरथ पैलेस- यहां लाइटिंग फिक्सचर, लैंप, झाड़-फानूस और फेयरी लाइट्स का बाजार है. एशिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सामान का बाजार है.
- कटरा नील- यहां शादी के कपड़े, गहने और मेहंदी की थोक दुकानें हैं. महीन कपड़े और पुरुषों के वस्त्र भी उपलब्ध हैं.
- चावड़ी बाजार– यहां शादी के कार्ड, कागज और तांबे के सामान का बाजार है. भीड़-भाड़ वाला, लेकिन हर जरूरत पूरी करने वाला बाजार है.
- किनारी बाजार– यहां शादी के सजावटी कपड़े, जरी बॉर्डर, लेस और वरमाला मिलते हैं. पार्टी के सामान और पुरुषों के कपड़े भी उपलब्ध हैं.
- खारी बावली- यहां मसालों, सूखे फल, हल्दी, ग्रीन टी और वर्क का बाजार है. एशिया का सबसे बड़ा मसाला बाजार, सुगंधों से भरा हुआ है.
- फतेहपुरी मार्केट– यहां पनीर और खोए का थोक व्यापार होता है. शादी का सामान, पूजा के सामान और स्वादिष्ट चोले-भटूरे उपलब्ध हैं.
- चोर बाजार– यहां सेकंड-हैंड जूते, कैमरे, फोन और कपड़े मिलते हैं. सुबह 6 बजे खुलता, मोलभाव का हुनर जरूरी है.
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