Yes Bank लोन फ्रॉड मामले में ED की कार्रवाई तेज, जय अनमोल अंबानी से दूसरे दिन भी हुई पूछताछ
Yes Bank से जुड़े कथित लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच तेज कर दी है. ED ने उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की है. यह जांच रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए बड़े कर्ज, फंड फ्लो, लोन अप्रूवल प्रक्रिया और निवेश से जुड़े है.
Jai Anmol Ambani: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक अहम मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी से लगातार दूसरे दिन पूछताछ की है. यह जांच Yes Bank से जुड़े कथित बैंक लोन फ्रॉड से संबंधित है, जिसमें रिलायंस अनिल धीरू भाई अंबानी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए बड़े कर्ज की भूमिका की पड़ताल की जा रही है. PTI ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि 34 वर्षीय जय अनमोल अंबानी के बयान प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज किए जा रहे हैं.
उनसे पहली बार शुक्रवार 19 दिसंबर को औपचारिक पूछताछ की गई थी, जो शनिवार 20 दिसंबर को भी जारी रही. एजेंसी फंड फ्लो, लोन अप्रूवल प्रक्रिया और निवेश से जुड़े दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है.
Yes Bank एक्सपोजर में तेज बढ़ोतरी
जांच एजेंसी के मुताबिक, 31 मार्च 2017 तक Yes Bank का रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के साथ कुल एक्सपोजर करीब 6000 करोड रुपये था. हैरानी की बात यह है कि महज एक साल के भीतर यह बढ़कर लगभग 13000 करोड रुपये तक पहुंच गया. ED का आरोप है कि इस दौरान दिए गए कर्ज और निवेश का एक बड़ा हिस्सा बाद में नॉन परफॉर्मिंग इन्वेस्टमेंट में तब्दील हो गया.
किन कंपनियों की भूमिका की जांच
इस मामले में जिन कंपनियों पर फोकस है, उनमें रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड प्रमुख हैं. एजेंसी का दावा है कि इन सौदों के चलते Yes Bank को करीब 3300 करोड रुपये का नुकसान हुआ. ED यह भी जांच कर रही है कि कर्ज देते समय बैंक के आंतरिक नियमों और जोखिम मूल्यांकन प्रक्रियाओं का पालन हुआ या नहीं.
फंड घुमाने और साजिश की जांच
सूत्रों के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग जांच का फोकस इस बात पर भी है कि क्या कर्ज की रकम को अलग-अलग लेनदेन के जरिए घुमाकर इस्तेमाल किया गया और क्या इसमें किसी तरह की साजिश या नियमों की अनदेखी हुई. इसी कड़ी में जय अनमोल अंबानी से कंपनी संचालन, बोर्ड की भूमिका और बड़े वित्तीय फैसलों को लेकर सवाल पूछे गए हैं.
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