Yes Bank का पुनर्जन्म; देसी से बनेगा विदेशी! जानें आगे क्या होने वाला है..

जापान की दिग्गज बैंक SMBC (Sumitomo Mitsui Banking Corporation) ने यस बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीदने की डील की है, जिससे वह यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा. इस डील के बाद SBI की हिस्सेदारी घटकर 10% हो जाएगी, क्या है यस बैंक का पुनर्जन्म है?

यस बैंक की बदलेगी किस्मत? Image Credit: Money9live/Canva

Yes Bank SMBC Deal: भारत के बैंकिंग सेक्टर में ऐतिहासिक डील होने जा रही है. जापान की दिग्गज बैंक SMBC (Sumitomo Mitsui Banking Corporation) ने Yes Bank में 20% हिस्सेदारी खरीदने वाली है. ये हिस्सेदारी कंपनी से नहीं बल्कि मौजूदा शेयरधारकों से खरीदे जाएंगे. इसके बाद यस बैंक में SMBC सबसे बड़ा शेयरधारक बन जाएगा. फिलहाल यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक SBI है लेकिन इस डील के बाद SBI अपने शेयरों का बड़ा हिस्सा बेच देगा. इसके साथ ही बंधन बैंक, फेडरल बैंक और HDFC बैंक जैसे दूसरे बैंकों के भी शेयर Yes Bank में शामिल हैं.

SBI की रहेगी 10% हिस्सेदारी

ये बात ध्यान देने वाली है कि मार्च 2020 में जब यस बैंक आर्थिक संकट में था, तब इसे बचाने के लिए SBI और कुछ अन्य बैंकों ने इसमें निवेश किया था. अब उन्हीं बैंकों से SMBC ये हिस्सेदारी खरीद रहा है. हालांकि, सौदे के बाद भी SBI के पास कुछ हिस्सेदारी लगभग 10% बनी रहेगी और वह अब भी एक प्रमुख शेयरधारक रहेगा, बस सबसे बड़ा नहीं रहेगा. इस वक्त SBI के पास यस बैंक में करीब 23.97% हिस्सेदारी है और सभी बैंकों की कुल हिस्सेदारी करीब 33.71% है.

बोर्ड में किसकी कितनी हिस्सेदारी

SMBC को यस बैंक के बोर्ड में दो डायरेक्टर मनोनीत करने का अधिकार मिलेगा. SBI अब से केवल एक डायरेक्टर नामित कर सकेगा और उसका एक मौजूदा डायरेक्टर सौदे के पूरा होते ही इस्तीफा देगा.

यस बैंक के शेयरों में उछाल

SMBC के इस निवेश की खबर के बाद यस बैंक के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया है. पिछले एक हफ्ते में 15% से ज्यादा और पिछले एक महीने में 22% तक की बढ़त हुई है.

Yes Bank की आगे की कहानी?

साल 2020 में यस बैंक की हालत बहुत खराब हो गई थी. ये बैंक पहले तेजी से बढ़ रहा था, लेकिन फिर RBI को पता चला कि इसके खराब NPA असली आंकड़े से 7 गुना ज्यादा थे. करीब 4,900 करोड़ रुपये. इससे लोगों का बैंक से भरोसा उठ गया और बैंक डूबने की कगार पर पहुंच गया.

लेकिन RBI ने तुरंत दखल दिया और बैंक पर अस्थायी रोक लगाई, जिससे लोग सिर्फ 50,000 तक ही निकाल सकते थे. फिर SBI की अगुवाई में एक बचाव टीम बनाई गई, जिसमें HDFC, ICICI, Axis जैसे 10 बैंकों ने मिलकर 10,000 करोड़ लगाए और बैंक की 49% हिस्सेदारी ली.

अब 5 साल बाद SBI और बाकी बैंक अपने हिस्से बेचना चाहते हैं. इस बीच जापान का SMBC बैंक यस बैंक में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीद रहा है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में SMBC अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 51 फीसदी कर सकता है इससे यस बैंक पर SMBC का कंट्रोल बढ़ जाएगा.

Yes Bank की मौजूदा स्थिति

2022 में बैंक ने 48,000 करोड़ के खराब लोन बेचे थे जिससे NPA अब घटकर सिर्फ 1.6% रह गया है. नेट NPA तो सिर्फ 0.3% है, जो बैंक के लिए अच्छा है. बैंक ने कॉरपोरेट लोन घटाकर रिटेल और MSME लोन पर फोकस किया है. FY25 में इसका मुनाफा 2,406 करोड़ हो गया, जो पिछले साल से 92% ज्यादा है.

लेकिन….

  • बैंक का RoE सिर्फ 5% है जबकि दूसरे बड़े प्राइवेट बैंक 15% तक का ROE दिखाते हैं.
  • इसका CASA रेश्यो और नेट इंट्रेस्ट मार्जिन भी दूसरों से कम है. इसका मतलब है कि बैंक को मुनाफा कमाने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.

Yes Bank बनेगी विदेशी? बदलेगी निवेशकों की किस्मत?

रिटेल निवेशकों की बात करें तो जिन लोगों ने यस बैंक के शेयर 2018 से पहले खरीदे थे जब शेयर 350 रुपये के करीब था, वे अब भी भारी घाटे में हैं, क्योंकि शेयर 21-22 रुपये के आसपास कारोबार कर रहा है. अब SMBC की डील से शेयर की कीमत बढ़ती है तो निवेशकों को फायदा हो सकता है. लेकिन SMBC की एंट्री से कुछ यस बैंक की किस्मत कितनी बदलेगी ये आने वाला समय ही बताएगा.

लेकिन भले ही SMBC यस बैंक में 51% हिस्सेदारी खरीद भी ले तो भी SMBC यस बैंक का मालिक नहीं बन पाएगा.

RBI का एक नियम है कि कोई भी विदेशी निवेशक, भले ही वो बैंक में कितनी भी हिस्सेदारी ले ले, उसकी वोटिंग पावर 26% से ज्यादा नहीं हो सकती. इसका मकसद ये है कि कोई भी विदेशी संस्था पूरी तरह से किसी भारतीय बैंक को कंट्रोल न कर सके.

तो अगर SMBC को कंट्रोल नहीं मिलेगा तो क्या ये बस यस बैंक का एक और अस्थायी सुधार होगा जहां एक नया खिलाड़ी आएगा और शायद बाद में वापस चला जाएगा? या फिर ये यस बैंक का पुनर्जन्म होगा जो निवेशकों के हित में जाएगा?