सीधे शेयरों में निवेश कर रहे युवा, क्या म्यूचुअल फंडों से हो रहा मोह भंग
खास बात यह है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 से अधिक शहरों में सर्वे किया गया. इस सर्वे में 1,600 युवा से डेटा लिया गया है. सर्वे के दौरान युवाओं से सेविंग बिहेवियर, इन्वेस्टमेंट प्रेफरेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के उपयोग के चार प्रमुख क्षेत्रों को बेंचमार्क किया गया था.
यंग एडल्ट के बीच इक्विटी मार्केट का क्रेज बढ़ रहा है. अब देश के यंग एडल्ट म्यूचुअल फंड में निवेश करने के बजाए इक्विटी मार्केट में अपनी कमाई के बड़े हिस्से को इन्वेस्ट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. खास बात यह है कि यंग एडल्ट की इस प्रवृति का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है. कहा जा रहा है कि करीब 93 फीसदी यंग एडल्ट कमाई का बड़ा हिस्सा बचा रहे हैं. वे अपनी बचत को इक्विटी मार्केट में तेजी से इन्वेस्ट कर रहे हैं. उन्हें लगता है कि इसमें ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
फिनटेक ब्रोकरेज फर्म एंजेल वन की पहल ‘फिन वन’ की रिपोर्ट के अनुसार, 93 यंग एडल्ट हर महीने सेविंग करने वाले हैं. इनमें से अधिकांश अपनी मंथली इनकम का 20 से 30 प्रतिशत बचा रहे हैं. साथ ही रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि शेयर मार्केट भी यंग एडल्ट के बीच सबसे अधिक भरोसेमंद और पसंदीता विकल्प के रूप में उभरा है. करीब 45 फीसदी एंग एडल्ट का कहना है कि उन्होंने फिक्स्ड डिपॉजिट या सोने जैसे अधिक पारंपरिक विकल्पों की तुलना में शेयरों को तरजीह दी है.
58 प्रतिशत युवाओं की पसंद है शेयर मार्केट
वर्तमान में 58 प्रतिशत युवा इंडियन इन्वेस्टर शेयर में निवेश करते हैं, जबकि 39 प्रतिशत म्यूचुअल फंड में निवेश करना पसंद करते हैं. ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि युवाओं ने फिक्स्ड डिपॉजिट (22 फीसदी) और रेकरिंग डिपॉजिट (26 फीसदी) सुरक्षित विकल्पों को अपेक्षाकृत कम अपनाया है. इसने कहा कि यह युवाओं के बीच हाई रिटर्न और स्टेबल सेविंग के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है.
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13 से अधिक शहरों में किया गया सर्वे
खास बात यह है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 से अधिक शहरों में सर्वे किया गया. इस सर्वे में 1,600 युवा से डेटा लिया गया है. सर्वे के दौरान युवाओं से सेविंग बिहेवियर, इन्वेस्टमेंट प्रेफरेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट के उपयोग के चार प्रमुख क्षेत्रों को बेंचमार्क किया गया था. इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म और टेक्नोलॉजी के रोल को अंडरलाइन किया गया है, जिसमें 68 प्रतिशत लोगों ने नियमित रूप से ऑटोमेटिक सेविंग डिवाइस का उपयोग किया है, जो भारत की युवा पीढ़ी की फाइनेंशियल हैबिट पर फिनटेक के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि डिसिप्लिन सेविंग हैबिट के बावजूद, 85 प्रतिशत युवा खाद्य महंगाई और यातायात खर्च को सेविंग में सबसे बड़ा बाधा मानते हैं.
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