300 गाड़ियों का कारवां… डल झील से पहलगाम तक रोड शो ने आतंकियों के तोड़े हौसले
आतंकियों ने सोचा होगा कि पहलगाम में हमला करने के बाद जम्मू-कश्मीर में खौफ का माहौल होगा. लेकिन भारतीय नौजवानों के हौसले पस्त करने की हिम्मत न तो आतंकियों में है और न ही पाकिस्तानियों में. रविवार की सुबह डल झील के किनारे से करीब 300 गाड़ियों का कारवां निकला.

Pahalgam: खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले, खुदा पूछे, बता तेरी रजा क्या है. आतंकियों ने सोचा होगा कि पहलगाम में हमला करने के बाद जम्मू-कश्मीर में खौफ का माहौल होगा. लेकिन भारतीय नौजवानों के हौसले पस्त करने की हिम्मत न तो आतंकियों में है और न ही पाकिस्तानियों में. रविवार की सुबह डल झील के किनारे से करीब 300 गाड़ियों का कारवां निकला. झंडे लहरा रहे थे, बैनर पर लिखा था स्वर्ग में आपका स्वागत है. यह कारवां पहलगाम जा रहा था.
कश्मीर के टूरिज्म को कर दिया था ठप
यह रोड शो टूरिज्म से जुड़े लोगों ने आयोजित किया था. इसमें व्यापारी, ड्राइवर, होटल व्यवसायी और युवा शामिल थे. यह शो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था. इसमें 26 पर्यटक मारे गए थे. इस हमले ने कश्मीर के टूरिज्म को ठप कर दिया था. हमले के बाद पूरे इलाके में डर फैल गया था. पर्यटक चले गए, दुकानें बंद हो गईं, और कश्मीर में सन्नाटा छा गया.
नारे लगाते हुए पहलगाम की ओर बढ़ रहे थे लोग
लेकिन कश्मीर के लोग हार नहीं मानते. कारवां अनंतनाग, बिजबेहरा और मट्टन से गुजरा. सड़कों पर लोग खड़े थे. गाड़ियों को हाथ हिलाकर अभिवादन कर रहे थे. नाश्ता दे रहे थे और नारे लगाते हुए पहलगाम की ओर बढ़ रहे थे. टूरिज्म कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. हमले के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. चेकपॉइंट, निगरानी और गश्त बढ़ा दी गई है.
सुंदरता का प्रतीक है कश्मीर
पर्यटकों का भरोसा जीतने के लिए लगातार काम हो रहा है. पहलगाम पहुंचते ही वहां के मैदान रंग और संगीत से भर गए. लोगों ने पारंपरिक कहवा और नाश्ता तैयार किया. बच्चे शांति के झंडे लहरा रहे थे. लोक कलाकार रौफ नृत्य कर रहे थे. यह पुनर्जनन और हौसले का जश्न था. इससे आतंकवादियों को साफ संदेश दिया गया कि कश्मीर आतंक के लिए नहीं, बल्कि शांति, संस्कृति और सुंदरता का प्रतीक है.
यह भी पढ़ें: कौन है मोहिनी मोहन दत्ता, जिन्होंने रतन टाटा की वसीयत पर उठाये थे सवाल, अब मिलेंगे 588 करोड़, जानें कैसे
Latest Stories

कहां छिपा है हाफिज सईद, आपरेशन सिंदूर में तबाह हुआ मुरीदके हेडक्वार्टर, जानें कहां दिखी आखिरी लोकेशन

प्रोस्टेट कैंसर क्या है? पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भी आ चुके हैं इसकी चपेट में, जानें कितना रिस्की

DC को रौंदकर गुजरात टाइटंस ने की प्लेऑफ में एंट्री, साई सुदर्शन और शुभमन गिल ने लगाई रिकॉर्ड की झड़ी
