केंद्र ने लाल किला धमाका आतंकी हमला घोषित किया, ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दोहराया, क्या ऑपरेशन सिंदूर के अंदाज में दिया जाएगा जवाब?
लाल किला धमाके को केंद्र सरकार ने आतंकी हमला घोषित कर दिया है. इसके साथ ही आतंक के खिलाफ Zero Tolerance की नीति को दोहराते हुए कहा है कि इस हमले के असल प्रायोजिकों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहला आतंकी हमला है. भारत अपनी नई नीति के तहत इसका जवाब भी ऑपरेशन सिंदूर के अंदाज में दे सकता है.
केंद्र सरकार ने लाल किले के पास हुए कार धमाके को औपचारिक रूप से आतंकी हमला करार दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस वारदात को “राष्ट्रविरोधी ताकतों की तरफ से की गई जघन्य आतंकी साजिश” बताया गया. मंत्रिमंडल ने इस हमले की निंदा करते हुए साफ कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी ‘Zero Tolerance’ नीति पर अडिग रहेगा.
बैठक की शुरुआत में कैबिनेट ने 10 नवंबर की शाम को हुए इस हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और दो मिनट का मौन रखा. बैठक में कहा गया कि सरकार इस घटना की जांच को “उच्चतम प्राथमिकता और पेशेवर तरीके से” आगे बढ़ा रही है, ताकि अपराधियों, सहयोगियों और उनके प्रायोजकों को न्याय के कठघरे में लाया जाए.
आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
कैबिनेट ने इस “कायराना और अमानवीय कृत्य” की कड़ी निंदा की और स्पष्ट किया कि भारत किसी भी रूप में आतंकवाद के प्रति शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) की नीति पर कायम रहेगा. सरकार ने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों को आदेश दिए गए हैं कि वे इस वारदात की जांच उच्चतम तत्परता और पेशेवर तरीके से पूरी करें, ताकि अपराधियों, सहयोगियों और प्रायोजकों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके.
वैश्विक प्रतिक्रिया को सराहा
मंत्रिमंडल ने दुनिया के कई देशों की ओर से मिले समर्थन और संवेदना संदेशों की सराहना की है. इसके साथ ही कहा कि संकट की इस घड़ी में सुरक्षा बलों, प्रशासनिक एजेंसियों और आम नागरिकों ने जिस साहस और संवेदनशीलता का परिचय दिया है, वह प्रशंसनीय है. इसके साथ ही कैबिनेट ने दोहराया कि सरकार देश के हर नागरिक की सुरक्षा और राष्ट्रीय अखंडता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. घटना की निगरानी शीर्ष स्तर पर जारी है और हर कदम पर सख्त कार्रवाई की जा रही है.
ऑपरेशन सिंदूर है नीति
अप्रैल में पहलगाम में हुए बर्बर हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसके अलावा पाकिस्तान के तमाम सैन्य अड्डों पर भी हमला किया था. जब दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ था, तो भारत सरकार ने साफ कर दिया था कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है. बल्कि, रोका गया है.
यह भारत की आतंक से निपटने की नई नीति है. इस नीति के तहत भारत आतंकियों को शरण, संसाधन या समर्थन देने वाले पाकिस्तानी सैन्य ढांचे और राजनीतिक तंत्र में कोई भेद नहीं करेगा. किसी भी आतंकी हमले की जवाबी कार्रवाई में भारत अब सिर्फ आतंकियों पर नहीं, बल्कि उनके प्रायोजकों पर भी सीधा निशाना साधेगा.
आतंकी हमला घोषित करने के मायने
केंद्र सरकार की तरफ से कार विस्फोट को आतंकी हमला घोषित किया जाना बेदह अहम है. क्योंकि, भारत की ऑपरेशन सिंदूर से निकली नई नीति के तहत आतंक के खिलाफ कार्रवाई अब भारतीय सीमा के भीतर तक सीमित नहीं रहेगी. बल्कि सीमा पार से भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी. ऐसे में जांच के आधार पर इस मामले में भी आगे चलकर भारत बड़ी कार्रवाई कर सकता है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को समर्थन
लाल किला धमाके के बाद अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने भारत के साथ एकजुटता जताई है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, इन देशों ने भारत की ‘Zero Tolerance’ नीति का समर्थन किया है और आतंक के खिलाफ साझा कार्रवाई का भरोसा दिया है. कैबिनेट ने इन अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं की सराहना करते हुए कहा कि “आतंकवाद किसी एक देश के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी मानवता के खिलाफ युद्ध है.”
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