राजस्थान और MP में कफ सिरप का कहर, Coldrif Syrup में मिला जहरीला Diethylene Glycol; सरकार ने जारी की एडवाइजरी

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि तमिलनाडु की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने राज्य के कांचीपुरम स्थित M/S Sresan Pharma के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से कोल्डरिफ कफ सिरप के सैंपल लिए थे. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई है.

कफ सिरप Image Credit:

मध्य प्रदेश और राजस्थान में खांसी की दवा पीने के बाद 11 बच्चों की मौत के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्र सरकार ने बताया कि Coldrif Cough Syrup के सैंपल में Diethylene Glycol (DEG) की मात्रा परमिसिबल सीमा से अधिक पाई गई है.
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि तमिलनाडु की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने राज्य के कांचीपुरम स्थित M/S Sresan Pharma के मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से कोल्डरिफ कफ सिरप के सैंपल लिए थे. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) की मात्रा तय मानकों से ज्यादा पाई गई है.

मध्य प्रदेश में शनिवार को कोल्डरिफ (Coldrif) सिरप बेचने पर रोक लगा दी गई है. राजस्थान में डेक्सट्रोमेथोरफन हाइड्रोब्रोमाइड कफ सिरप और उसे बनाने वाली कंपनी केसंस फॉर्मा को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.

तमिलनाडु सरकार का बड़ा फैसला

इन घटनाओं के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी Coldrif Cough Syrup की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. 1 अक्टूबर 2025 से यह सिरप राज्यभर में बैन कर दिया गया है और बाजार से इसे हटाने का आदेश दिया गया है. राज्य के कांचीपुरम जिले के Sunguvarchathram स्थित फैक्ट्री में बीते दो दिनों से निरीक्षण किया गया और सैंपल फिर से लिए गए हैं.
इन मौतों को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को खांसी या सर्दी की दवाएं न दी जाएं.

DGHS (Directorate General of Health Services) ने एडवाइजरी में कहा कि आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए. इससे बड़े बच्चों को यदि कफ सिरप दिया जाए तो उसका इस्तेमाल सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए.

क्या है डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) और कितना खतरनाक है?

डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) एक औद्योगिक रसायन (Industrial Chemical) है. इसका उपयोग अक्सर कार, पेंट, प्लास्टिक, कॉस्मेटिक और एंटीफ्रीज बनाने में किया जाता है. अगर यह किसी भी वजह से हमारे शरीर में चला जाए तो यह किडनी और नसों को गंभीर नुकसान पहुंचाता है. बच्चों में इसका असर और भी खतरनाक होता है और किडनी फेल जैसी स्थिति बन सकती है.

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देश में कई कफ सिरप बनाने वाली कंपनियां इसका इस्तेमाल सिरप को पतला और मीठा बनाने के लिए करती हैं. इस वजह से यह सिरप बच्चों को आसानी से पीने लायक लगता है, लेकिन यही तत्व उनकी जान के लिए घातक साबित हो सकता है.

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