सोना-चांदी की रफ्तार पर भिड़े वॉरेन बफेट और कियोसाकी, किसकी होगी भविष्यवाणी सही

पिछले एक साल में सोना-चांदी 50 फीसदी से ज्यादा महंगा हुआ है. शेयर बाजार की अनिश्चितता के बीच ये धातुएं सुरक्षित निवेश साबित हो रही हैं. वॉरेन बफेट, जो पहले गोल्ड-सिल्वर के विरोधी थे, अब इनके पक्ष में दिखे. इस बदलाव पर रॉबर्ट कियोसाकी ने कड़ी आलोचना की और कहा कि स्टॉक्स-बॉन्ड्स गिर सकते हैं, इसलिए सोना, चांदी और क्रिप्टो ही सुरक्षित हैं.

पिछले एक साल में सोने और चांदी की कीमतें 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई हैं. जहां शेयर बाजार डगमगा रहा है, वहीं ये धातुएं निवेशकों को शानदार रिटर्न दे रही हैं. यही वजह है कि सोना-चांदी को हमेशा सेफ इन्वेस्टमेंट यानी सुरक्षित निवेश माना जाता है. लेकिन इस बार चर्चा सिर्फ कीमतों की नहीं है. असली खबर है निवेश की दुनिया के दो दिग्गजों वॉरेन बफेट और रॉबर्ट कियोसाकी के बीच बहस की. दोनों की सोच हमेशा से एक-दूसरे के बिल्कुल उलट रही है.

वॉरेन बफेट हमेशा से गोल्ड और सिल्वर के खिलाफ रहे. उन्होंने इन्हें बेकार धातु तक कह दिया है. लेकिन हाल ही में बफेट ने सोने-चांदी की तारीफ कर दी. बफेट ने कहा कि सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं में मौजूदा समय में निवेश करना बेहतर ऑप्शन है. जिसके बाद कियोसाकी को यही बात खटक गई. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा बफेट सालों से हमें सोना-चांदी के लिए नीचा दिखाते रहे. अब जब वे इसकी तारीफ कर रहे हैं तो समझ लो कि स्टॉक और बॉन्ड मार्केट गिरने वाले हैं. मुझे यह सुनकर उल्टी आ रही है.

बफेट का नजरिया कैसे बदला?

बफेट हमेशा मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता देते आए हैं. वहीं कियोसाकी गोल्ड-सिल्वर और क्रिप्टो पर जोर देते रहे हैं. लेकिन बफेट का गोल्ड के प्रति नरम होना यह दिखाता है कि मौजूदा आर्थिक हालात अब पारंपरिक निवेशकों को भी प्रभावित कर रहे हैं. फिलहाल, सोना और चांदी की तेजी साफ बताती है कि निवेशक पारंपरिक बाजार से हटकर सुरक्षित विकल्प तलाश रहे हैं. हालांकि बफेट का पुराना रुख काफी अलग था. निवेश की दुनिया के सबसे बड़े नामों में से एक बफेट लंबे समय तक सोना और चांदी जैसी कीमती धातुओं के खिलाफ रहे हैं. उन्होंने इन्हें बेकार और अनप्रोडक्टिव संपत्ति कहा था. साल 1998 में तो उन्होंने यह तक कह दिया था सोना जमीन से निकाला जाता है, पिघलाया जाता है और फिर वापस जमीन में गाड़ दिया जाता है. इसका कोई वास्तविक उपयोग नहीं है.

कियोसाकी की सोच: सोना, चांदी और क्रिप्टो ही असली सहारा

रॉबर्ट कियोसाकी, जिन्हें उनकी किताब रिच डैड पुअर डैड की वजह से दुनिया भर में जाना जाता है, सालों से कहते आ रहे हैं कि असली निवेश सोना, चांदी और क्रिप्टोकरेंसी है. उनका मानना है कि शेयर और बॉन्ड जैसी कागजी संपत्तियां कभी भी गिर सकती हैं. कियोसाकी का कहना है कि आने वाला समय खतरनाक हो सकता है. अगर 1929 जैसी महामंदी फिर से आई, तो सिर्फ वही लोग बचेंगे जिन्होंने सोना, चांदी या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया होगा.

क्यों बढ़ रहे हैं सोना और चांदी के दाम?

अब सवाल यह है कि आखिर सोना-चांदी इतना महंगा क्यों हुआ? इसके पीछे कई वजहें हैं. डॉलर लगातार कमजोर हो रहा है. रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी टैरिफ जैसे भू-राजनीतिक तनाव माहौल को और बिगाड़ रहे हैं. ऊपर से बढ़ता सरकारी कर्ज और केंद्रीय बैंकों की ढीली नीतियां भी चिंता बढ़ा रही हैं. ऐसे में जब भी दुनिया में संकट आता है, लोग सबसे पहले सोना-चांदी की तरफ भागते हैं और यही वजह है कि इनकी कीमतें नई ऊँचाइयों पर पहुंच रही हैं.

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