जर्मनी की यह कंपनी भारत के रेल ड्राइवरों की दीवानी, काम के बदले दे रही हैं मुंह मांगी कीमत
Germany ने हाल ही में भारतीयों का वीजा कोटा 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है क्योंकि जर्मनी में नौकरी की नहीं काम करने वालों की कमी है और भारतीय नौकरी की तलाश में हैं.

जर्मनी की रेल कंपनी भारतीय लोको पायलट्स को नौकरी का मौका दे रही है. भीरतीय लोको पायलट्स की बेहतर स्किल के कारण उनकी डिमांड बढ़ी है. जर्मनी की रेल कंपनी कई इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स की योजना बना रही है जिसमें उन्हें लोको पायलट्स की जरूरत पड़ेगी है. जाहिर है यह इंटरनेशनल कपंनी भारतीय लोको पायलट को इसके लिए मोटा पैसा भी देगी.
जर्मनी की नेशनल रेल कंपनी, डॉयचे बान (DB), अब अपने वैश्विक प्रोजेक्ट्स के लिए भारत से लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) ला रही है. DB इंटरनेशनल ऑपरेशन्स के सीईओ, निको वारबानोफ ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि, “जर्मनी में ट्रेन ड्राइवरों की कमी है, और हम भारतीय कर्मचारियों का इस्तेमाल हमारे दुनियाभर के प्रोजेक्ट्स में करना चाहते हैं.”
कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि डॉयचे बान के पास मौजूदा स्थिति में कई भारतीय कर्मचारी काम करते हैं जिनमें से लगभग 100 भारतीय कर्मचारी को वैश्विक प्रोजेक्ट्स के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. वारबानोफ ने कहा, “हमने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों से स्टाफ को नियुक्त किया है और उन्हें नई स्किल्स सिखाई हैं.”
यही नहीं कंपनी भारतीय बाजार में भी विस्तार करने की योजना बना रही है. डॉयचे बान मेट्रो सिस्टम्स के लिए कंसल्टेंसी, ऑपरेशन्स, और मेंटेनेंस सर्विसेस देने पर ध्यान दे रहे हैं.
क्या करती है कंपनी?
डॉयचे बान जो जर्मनी की सबसे बड़ी रेल कंपनी है वह केवल जर्मनी में नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी अपनी सेवाएं देती हैं. लेकिन कंपनी के पास लोगों की कमी के कारण वह भारत के बाजार से लोगों को नौकरी देना चाहती है जहां मैनपावर की कमी नहीं है.
जर्मनी दे रहा भारतीयों को नौकरी
जर्मनी ने हाल ही में भारतीयों का वीजा कोटा 20 हजार से बढ़ाकर 90 हजार कर दिया है क्योंकि जर्मनी में नौकरी की नहीं काम करने वालों की कमी है और भारतीय नौकरी की तलाश में हैं. जर्मनी आईटी सेक्टर के अलावा नर्सिंग के क्षेत्र में भी लोगों को खूब नौकरी देता है.
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