पीने के पानी पर नहीं देना होगा GST, घड़ियां और जूतों पर लगेगा भारी टैक्स?
GOM ने जीएसटी दरों में बड़े बदलाव की सिफारिश की है. पैकेज्ड पानी और साइकिल सस्ती होंगी, वहीं महंगे जूते और घड़ियों पर टैक्स बढ़ने की संभावना है...
जीएसटी पर बने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GOM) ने कई जगह टैक्स रेट में बदलाव की सिफारिश की है. कमेटी ने कुछ चीजों पर जैसे पानी पर टैक्स घटाने के सुझाव दिए हैं वहीं घड़ी और जूते समेत तमाम चीजों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की है. इन सभी मुद्दों पर अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल (GST Council) बैठक में फैसला लिया जा सकता है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले GoM ने यह प्रस्ताव रखा है.छह सदस्यीय मंत्री समूह में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवा मंत्री गजेन्द्र सिंह, कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल भी शामिल हैं. वर्तमान चार-स्तरीय जीएसटी ढांचे में 5, 12, 18, और 28 फीसदी के स्लैब हैं. इस सिफारिश के अनुसार, सरकार को 22,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना है.
सस्ते होंगे पानी, साइकिल और नोटबुक
मिनिस्टर्स ग्रुप ने 20 लीटर और उससे अधिक क्षमता वाली पैकेज्ड पानी की बोतलों पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया है.इसके अलावा, 10,000 रुपये से कम कीमत वाली साइकिलों पर जीएसटी दर को भी 12% से घटाकर 5% करने की बात कही गई है. साथ ही, एक्सरसाइज नोटबुक पर भी जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है.
महंगी होंगी लग्जरी घड़ियां और जूते
GoM ने 25,000 रुपये से ऊपर की घड़ियों और 15,000 रुपये से अधिक कीमत वाले जूतों पर जीएसटी दर को 18% से बढ़ाकर 28% करने की सिफारिश की है. यह कदम उन उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाने की दिशा में है जिन्हें लग्जरी और गैर-जरूरी वस्तुओं के रूप में देखा जाता है.
इसके अलावा मिनिस्टर्स ने कुछ अन्य वस्तुओं जैसे हेयर ड्रायर, हेयर कर्लर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर भी जीएसटी दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. वर्तमान में ये वस्तुएं 18% स्लैब में आती हैं, लेकिन इन्हें 28% टैक्स स्लैब में डाला जा सकता है.
सिन टैक्स को बढ़ाने की सिफारिश
GOM ने सिन टैक्स (Sin Tax) में बढ़ोत्तरी करने की सिफारिश की है.सिन गुड्स में नशा से जुड़ी चीजे शामिल होती हैं जैसे शराब, तम्बाकू और सिगरेट. ऐसी वस्तुओं को 18 से 28 फीसदी के दायरे में ले जाने का सुझाव दिया गया है.
GST दरों में इस बदलाव से जनता को राहत देने की कोशिश की जा रही है जबकि महंगी और लग्जरी आइटम पर टैक्स बढ़ाकर राजस्व को संतुलित करने की योजना है.