केंद्र सरकार ने रद्द किया सोनम वांगचुक के NGO का विदेशी फंडिंग लाइसेंस, लद्दाख हिंसा के बाद लिया एक्शन
सरकार ने लद्दाख में राज्य का दर्जा मांगने को लेकर हुए हालिया विरोध प्रदर्शनों के बीच सोनम वांगचुक की संस्था का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है. इसी मामले में सीबीआई उनकी संस्थाओं द्वारा प्राप्त विदेशी फंड से जुड़े कथित उल्लंघनों की जांच कर रही है. इसे लेकर वांगचुक का कहना है कि यह जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित है और यह उसी समय शुरू हुई है जब वे लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे.

केंद्र सरकार ने लद्दाख में हुई हिंसक घटनाओं के बीच एक बड़ा कदम उठाया है. गुरुवार को सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व वाली संस्था Students Educational and Cultural Movement of Ladakh (SECMOL) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया है. यह कदम उस समय आया है जब केंद्र शासित प्रदेश में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर जोरदार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.
क्यों हुआ लाइसेंस रद्द ?
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) पहले से ही SECMOL और Himalayan Institute of Alternatives Ladakh (HIAL) पर विदेशी फंडिंग से जुड़े मामलों की जांच कर रहा. इसे लेकर सोनम वांगचुक का कहना है कि करीब 10 दिन पहले CBI की टीम एक आदेश लेकर आई थी, जिसमें गृह मंत्रालय की शिकायत का हवाला दिया गया था. इसमें आरोप था कि संस्थानों ने बिना मंजूरी विदेशी फंड प्राप्त किया है. वांगचुक ने कहा, हम विदेशी फंड पर निर्भर नहीं रहना चाहते.
विदेशी संस्थाओं से करार और विवाद
सोनम वांगचुक के मुताबिक, शिकायतें उस समय की हैं जब उनकी संस्था ने संयुक्त राष्ट्र, एक स्विस यूनिवर्सिटी और एक इटैलियन संगठन के साथ करार किया था. इन करारों पर टैक्स भी सरकार को दिया गया था. उन्होंने कहा कि जांच टीम का असली कार्यकाल 2022-24 तक सीमित था, लेकिन टीम ने 2020 और 2021 के अकाउंट की भी जानकारी मांगी और स्कूलों से दस्तावेज हासिल किए.
क्या करती है सोनम वांगचुक की संस्था?
SECMOL और HIAL दोनों ही संस्थान गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते हैं. HIAL में तो छात्रों को प्रोजेक्ट्स पर काम करने के बदले स्टाइपेंड भी दिया जाता है. लेकिन वांगचुक का आरोप है कि इसके बावजूद CBI की कार्रवाई और आयकर विभाग के नोटिस जारी किए गए. उन्होंने में कहा, लद्दाख में टैक्स ही नहीं है, फिर भी मैं स्वेच्छा से टैक्स देता हूं और मुझे नोटिस मिलते हैं.
चार साल पुरानी शिकायत का भी जिक्र
वांगचुक ने यह भी कहा कि अब सरकार ने चार साल पुरानी शिकायत भी निकाल ली है, जिसमें मजदूरों को सही पेमेंट न करने का आरोप था. उनके मुताबिक, यह सब तब हो रहा है जब उन्होंने 10 सितंबर से भूख हड़ताल शुरू की थी, जिसमें उन्होंने लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग की थी. बता दें बुधवार को लद्दाख में स्थिति बिगड़ गई और 1989 के बाद की सबसे बड़ी हिंसा देखी गई. प्रदर्शनकारियों ने आगजनी और तोड़फोड़ की, जिसमें बीजेपी मुख्यालय और हिल काउंसिल को निशाना बनाया गया. कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया.
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