ईरान ने दागी इजरायल पर मिसाइल लेकिन भारत में लगेगी महंगाई की आग!
इरान ने इजरायल पर हमला कर दिया है इसके बाद निवेशकों में चिंता है कि ऑयल स्पलाई में रुकावट आ सकती है जिसका असर भारत पर देखने को मिल सकता है.
इरान ने जो इजरायल पर हमला किया है उससे मध्य पूर्व में तनाव की स्थिति बढ़ गई है, और रातों रात जिस तेल के दाम गिर रहे थे उसमें 4 फीसदी का उछाल आया है. इस उछाल से परेशान विशेषज्ञों का कहना है कि तेल के दाम बढ़ने से भारत के लिए आर्थिक चुनौती खड़ी हो जाएगी क्योंकि हमारी
इंपोर्टेड एनर्जी पर निर्भरता ज्यादा है.
मध्य पूर्व में युद्ध का खतरा बढ़ने से तेल के सप्लाय में रुकावटें पैदा हो सकती है यही वजह है कि तेल के दाम बढ़ने लगे हैं. विशेषज्ञ समझाने के लिए एक उदाहरण देते हैं कि अगर तेल के दाम में 10 डॉलर का उछाल आएगा तो भारत की महंगाई 0.3% बढ़ सकती है.
तेल के दाम बढ़ने से महंगाई आती ही है ये हम सब समझ सकते हैं लेकिन इसके साथ ही एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे रुपये पर भी दबाव पड़ेगा.
ईरान तेल एक्सपोर्ट करने वाले का समूह OPEC का सदस्य है जो हर दिन 17 लाख बैरल (लगभग 27+ लीटर) तेल एक्सपोर्ट करता है. ईरान दुनिया के नक्क्षे पर ऐसी जगह मौजूद है जहां से सऊदी अरब, कतर और यूएई अपना तेल एक्सपोर्ट करते हैं, सोचिए अगर ईरान किसी तरह के युद्ध में शामिल होता है तो इन 4 बड़े देशों से तेल की सप्लाई को नुकसान होगा और फिर बाकी दुनिया का इस पर असर पड़ेगा.
OPEC+ दुनियाभर में 40 फीसदी तेल सप्लाई पर कंट्रोल रखता है, इसके किसी भी तरह के फैसलों का तेल के दामों पर असर पड़ता है जिसका असर भारत जैसे देशों पर भी देखने को मिलता है.
भारत पहले ही अपनी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है जैसे हमारा एक्सपोर्ट कम इंपोर्ट ज्यादा है, हाल में आए PMI के आंकड़े बताते हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट दर्ज हुई है. ऊपर से तेल के दाम आसामन छूने लगेंगे तो और भी नुकसान होगा.
भारत कितना तेल इंपोर्ट करता है?
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के आंकड़ों के अनुसार, भारत 87.8 फीसदी इंपोर्टेड तेल पर निर्भर करता है.