लीलावती ट्रस्ट ने HDFC बैंक के CEO जगदीशन पर ठोका 1000 करोड़ का मानहानि का दावा, ये है पूरा मामला
लीलावती किरतीलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने HDFC बैंक के MD और CEO शशिधर जगदीशन के खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा दायर किया है. ट्रस्ट ने जगदीशन पर झूठे और मानहानिकारक बयान देने का आरोप लगाया है.

HDFC Bank vs Lilavati Trust मामले में अब लीलावती ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये का मानहानी का दावा किया है. लीलावती ट्रस्ट ने जगदीशन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ट्रस्टी के स्थायी सदस्य प्रशांत मेहता और ट्रस्टे के खिलाफ कई दुर्भावनापूर्ण, झूठे और अपमानजनक बयान दिए हैं. इसके अलावा, ट्रस्ट ने गिरगांव के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई है. वहीं, जगदीशन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में उनके खिलाफ न्यायालय के जरिये दर्ज की गई FIR को रद्द करने की याचिका दायर की है.
लीलावती ट्रस्ट मुंबई के मशहूर लीलावती हॉस्पिटल का संचालन करता है. ट्रस्ट का आरोप है कि जगदीशन ने एक सार्वजनिक धर्मार्थ संस्था के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया है. इसके साथ ही संचालन में बाधा डालने के लिए सोची समझी साजिश के तहत अभियान चलाया है. लिहाजा जगदीशन के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस मामले में मजिस्ट्रेट ने जगदीशन के साथ ही एचडीएफसी बैंक के प्रवक्ता और कॉर्पोरेट संचार प्रमुख को नोटिस जारी किया है.
ट्रस्ट ने क्या कहा?
ट्रस्ट ने इस संबंध में एक बयान में जारी कर कहा कि LKMM यानी लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट ने एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ शशिधर जगदीशन के खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये का दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर किया है. क्योंकि, जगदीशन ने ट्रस्ट और स्थायी ट्रस्टी प्रशांत मेहता के खिलाफ लगातार कई दुर्भावनापूर्ण, झूठे और मानहानि करने वाले बयान दिए हैं. इसके साथ ही ट्रस्ट ने अपने बयान में कहा कि आपराधिक शिकायत के बाद जगदीशन को नोटिस जारी किया जाना इस मामले में उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए एक अहम कदम है.
प्रतिष्ठा बचाना जरूरी
लीलावती ट्रस्ट का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई बदले की भावना से नहीं की है. बल्कि यह एक प्रतिष्ठित धर्मार्थ संस्था और उसके संस्थापक परिवार को बदनाम करने के निरंतर प्रयासों का जवाब है. खासतौर पर जब अपने दावों को साबित करने के लिए जगदीशन के पास कोई भी दस्तावेज या सबूत नहीं हैं. इसके साथ ही एचडीएफसी बैंक के आरोपों का खंडन करते हुए, इसने कहा, ट्रस्ट और प्रशांत मेहता किसी भी तरह से स्प्लेंडर जेम्स के मामलों से जुड़े नहीं हैं, जैसा कि एचडीएफसी के सीईओ की तरफ से दावा किया गया है.
जगदीशन बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे
इस सप्ताह की शुरुआत में जगदीशन ने लीलावती ट्रस्ट की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. यह एफआईआर मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज की गई है. इसमें पुलिस को कथित वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया गया है. लीलावती ट्रस्ट ने शिकायत में आरोप लगाया है कि उसके ट्रस्टियों की तरफ से किए गए 14.42 करोड़ के गबन में से 2.05 करोड़ जगदीशन को मिले हैं.
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