कर्ज में डूबे मालदीव को 4,850 करोड़ उधार देगा भारत, डिजिटल और व्यापारिक सहयोग को मिलेगा बढ़ावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के मालदीव दौरे पर हैं. उनके दौरे के पहले दिन भारत की तरफ से मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये उधार देने का वादा किया गया है. मालदीव भी श्रीलंका की तरह चीन के कर्ज के जाल में फंसा हुआ है. 2024 के अंत तक मालदीव पर कुल विदेशी कर्ज करीब 800 करोड़ डॉलर हो गया, इसमें सबसे ज्यादा हिस्सा चीन का है.

पीएम मोदी की अगवानी करते हुए मलेशिया के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू Image Credit: X/MEA India

India-Maldives Modi-Muizzu: भारत और मालदीव के रिश्तों में ‘इंडिया आउट’ अभियान के जरिये खटास लाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू शुक्रवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी में रेड कार्पेट पर खड़े नजर आए. भारत ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये की नई क्रेडिट लाइन का ऐलान किया है. इसके साथ ही दोनों देशों ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बातचीत भी शुरू कर दी है. इसके साथ ही कई और क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए MoU पर हस्ताक्षर किए हैं.

पीएम मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान भारत ने मालदीव को जो 4,850 करोड़ की एक लाइन ऑफ क्रेडिट देने की घोषणा की है, उसका मकसद मालदीव में बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं को समर्थन देना है. पीएम मोदी मालदीव यात्रा पर असल में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर पहुंचे. यह मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के आमंत्रण पर आयोजित दो दिवसीय आधिकारिक दौरा है. इस मौके को खास बनाने के लिए एक दोनों देशों ने एक संयुक्त स्मारक डाक टिकट भी जारी किया हैं.

आर्थिक सहयोग में विस्तार

भारत की तरफ से मालदीव को दी गई नई क्रेडिट लाइन के अलावा दोनों देशों ने एक संशोधित समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारत की तरफ से मालदीव को पहले दिए गए कर्ज की सालाना किस्तों में भी राहत दी जाएगी. इससे मालदीव को अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने में मदद मिलेगी.

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर बातचीत शुरू

भारत और मालदीव ने India-Maldives Free Trade Agreement (IMFTA) पर औपचारिक बातचीत भी शुरू कर दी है. इस समझौते के जरिये दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करेंगे. दोनों देशों के व्यापारी और निवेशकों को इस समझौते का लाभ मिलेगा.

इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

पीएम मोदी की यात्रा के दौरान कई अहम सहयोग समझौताें पर भी हस्ताक्षर किए गए.

  • मत्स्य पालन और जलकृषि के क्षेत्र में सहयोग
  • भारत के ट्रॉपिकल मौसम विज्ञान संस्थान और मालदीव मौसम सेवा के बीच मौसम विज्ञान में संयुक्त शोध
  • भारत के डिजिटल गवर्नेंस समाधानों को मालदीव में लागू करने के लिए सहयोग, जिससे ई-गवर्नेंस और डिजिटल सेवाओं का विस्तार हो सके

भारत-मालदीव संबंधों को नई दिशा

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के साथ एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत हमेशा मालदीव के विकास में एक विश्वसनीय भागीदार बना रहेगा. हमारी प्राथमिकता साझेदारी, पारदर्शिता और लोगों के लाभ पर आधारित है.” वहीं, इस दौरान मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत के सहयोग के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि भारत की मदद से उनकी अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी.

क्या बोले पीएम मोदी?

मालदीव में दो दिवसीय दौरे के पहले दिन के अंत में राजधानी माले में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी के सम्मान में रात्रिभोज आयोजित किया. इस भोज से पहले पीएम मोदी ने वहां मौजूदा मालदीव के तमाम गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “भारत और मालदीव के बीच सदियों पुराने संबंध हैं. हम पड़ोसी, साझेदार और सच्चे मित्र हैं जो जरूरत के समय एक-दूसरे के साथ मजबूती से खड़े रहते हैं.”

मालदीव पर कितना कर्ज

IMF के आंकड़ों और मालदीव मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव पर सबसे ज्यादा कर्ज चीन का बाकी है. इसके बाद भारत का करीब 100 करोड़ डॉलर का कर्ज बाकी है.

देश/संस्थानअनुमानित कर्ज (USD में)कुल कर्ज में हिस्सा (%)कर्ज का मकसद
चीन$1.4 अरब~45%बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट्स, बुनियादी ढांचा
भारत$1.0 अरब से अधिक~32%LoC, अनुदान और सहायता योजनाएं
सऊदी अरब$200-300 मिलियन~7%तेल और विकास सहायता
एशियाई विकास बैंक (ADB)$150-200 मिलियन~6%जलवायु और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स
वर्ल्ड बैंक (IDA/IBRD)$100-150 मिलियन~5%सामाजिक और पर्यावरणीय परियोजनाएं
अन्य देश/संस्थान$100 मिलियन से कम~5%विविध स्रोत
कुल विदेशी ऋण$3.1 – 3.3 अरब100%2024 तक अनुमानित कुल सरकारी बाह्य ऋण