MEA ने नकारा ट्रंप का दावा, कहा- PM मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच नहीं हुई कोई बातचीत

विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच हाल में कोई बातचीत नहीं हुई है. इसके पहले विदेश मंत्रालय रूस से भारत के तेल खरीदने को लेकर किए ट्रंप के दावे पर भी सफाई देते हुए कहा था कि भारत अपने हितों को ध्यान में रखकर किफायती दरों पर क्रुड की खरीद करेगा.

भारत-अमेरिका ट्रेड डील. Image Credit: Sergio Flores / Stringer

टैरिफ को लेकर भारत और अमेरिका के बीच अब भी बातचीत जारी है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की तरफ से भारत को लेकर की जा रही अनर्गल बयानबाजी बंद हो गई है. हालांकि, इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी से उनकी बात हुई है. पीएम मोदी ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीद पूरी तरह बंद कर देगा.

ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हाल में ही पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से गुरुवार को मंत्रालय की सप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान जब पूछा गया कि क्या भारतीय पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच कोई बात हुई है, जैसा की अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया है. इस सवाल का जवाब देते हुए जायसवाल ने कहा, विदेश मंत्रालय को इस तरह की किसी बातचीत की कोई जानकारी नहीं है.

तेल आयात पर क्या कहा?

वहीं, जब पूछा गया कि क्या भारत रूस से तेल खरीद बंद कर रहा है, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसका जवाब पहले ही एक स्टेटमेंट जारी कर दे दिया गया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी इस स्टेटमेंट में कहा गया है कि “भारत तेल और गैस का एक बड़ा आयातक है. अस्थिर ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना हमारी निरंतर प्राथमिकता रही है. हमारी आयात नीतियां पूरी तरह इसी उद्देश्य से निर्देशित होती हैं. स्थिर ऊर्जा मूल्य और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करना हमारी ऊर्जा नीति के दोहरे लक्ष्य रहे हैं. इसमें हमारी ऊर्जा स्रोतों का व्यापक आधार बनाना और बाजार की स्थितियों के अनुरूप विविधीकरण करना शामिल है. जहांं, तक अमेरिका का संबंध है, हम कई वर्षों से अपनी ऊर्जा खरीद का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं. पिछले दशक में इसमें लगातार प्रगति हुई है. वर्तमान प्रशासन ने भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को गहरा करने में रुचि दिखाई है. इस पर चर्चाएं जारी हैं.