रिश्वतखाेरी के मामले में अडानी को सौंपे जाएंगे SEC के समन, केंद्र ने अहमदाबाद की सत्र अदालत से मांगी मदद
भारत सरकार ने गुजरात के अहमदाबाद स्थित एक सत्र न्यायालय से उद्योगपति गौतम अडानी को अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की तरफ से जारी समन पर उनके शहर के पते पर सौंपने को कहा है. समन में अडानी और उनके परिवार के सदस्यों पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है.
भारत सरकार ने अहमदाबाद के एक सत्र न्यायालय से आग्रह किया है कि वह अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) की तरपफ से उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ जारी समन को स्थानीय पते पर सौंपे. SEC की तरफ से जारी ये समन अमेरिका के हेग कन्वेंशन के तहत बनाए गए केंद्रीय प्राधिकरण की तरफ से भारत भेजे गए हैं. ये समन अमेरिकी जिला अदालत में गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अदानी के खिलाफ लंबित एक मामले से संबंधित है, जिसमें उन पर भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित रूप से 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप है.
क्या है हेग कन्वेंशन
अमेरिका ने भारत को ये समन हेग कन्वेंशन के प्रावधानों के तहत भेजा है. इस कन्वेंशन के तहत हस्ताक्षरकर्ता देशों को एक-दूसरे के साथा कानूनी दस्तावेजों की सेवा में सहयोग करना होता है. भारत सरकार ने दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें अहमदाबाद के जिला और सत्र न्यायालय को भेजा है, ताकि इन्हें गौतम अडानी को सौंपा जा सके.
क्या है अडानी समूह पर आरोप
नवंबर 2024 में न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला न्यायालय में गौतम अडानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था. अडानी समूह और अजूर पावर पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करते हुए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी, जिससे उन्हें सौर ऊर्जा परियोजनाओं में अनुचित लाभ मिला.
भारत सरकार ने अब तक क्या किया?
भारत सरकार ने फरवरी 2025 में अमेरिकी SEC की तरफ से जारी समन स्वीकार किए और उन्हें अहमदाबाद की सत्र अदालत को भेज दिया. यह कदम भारत और अमेरिका के बीच कानूनी सहयोग को दर्शाता है, विशेष रूप से जब आरोपी दोनों देशों में मौजूद हों.
अडानी समूह की प्रतिक्रिया
अडानी समूह ने आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज किया है. कंपनी का कहना है कि वह सभी संभावित कानूनी उपायों का सहारा लेगी और अमेरिकी अदालत में उचित प्रक्रिया का पालन करेगी. इसके साथ ही अडानी समूह का कहना है कि समन जारी होने का मतलब यह नहीं है कि वे अमेरिकी न्यायालय में दोषी ठहराए गए हैं.
आगे क्या होगा
अडानी और उनके भतीजे सागर के खिलाफ मामला न्यूयॉर्क के पूर्वी जिला न्यायालय में चल रहा है. अडानी समूह ने आरोपों का खंडन किया है, लेकिन समन से प्रक्रिया अब आगे बढ़ेगी. समन पर अडानी समूह की प्रतिक्रिया से अमेरिकी न्यायालय की आगामी कार्रवाई तय होगी.