“नाकारा” बैंक कर्मियों पर सरकार की टेढ़ी नजर! क्या सच में जाएगी इतने लोगों की नौकरी?
सरकारी बैंकों कर्मचारियों की लेट-लतीफ और कामकाज की सुस्ती की समस्या को दिखाते हैं. सरकार और बैंकों के शीर्ष अधिकारी कई बार स्वीकार कर चुके हैं. अब माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की "नकारा" बैंक कर्मियों पर नजर टेढ़ी हो गई है. जानते हैं वित्त मंत्रालय ने इस मामले में क्या कहा है?
 
 
            पिछले दिनों यह जानकारी सामने आई कि केंद्र सरकार ने सभी नेशनलाइज्ड बैंकों से “अंडर परफॉर्मर” कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के लिए कहा है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने नेशनलाइज बैंकों को कहा है कि वे अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करें. इस समीक्षा में जिनका प्रदर्शन खराब पाया जाए, उन्हें प्रीमैच्योर रिटायरमेंट दिया जाए.
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में दिए गए निर्देशों पर स्पष्टीकरण जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि खराब प्रदर्शन का पैमाना क्या होगा. गुरुवार को लोकसभा में सांसद सुब्बारायण के और सेल्वाराज वी ने सरकार से पूछा कि क्या इस तरह का कोई आधिकारिक आदेश दिया गया है. अगर ऐसा आदेश दिया गया है, तो इसमें कर्मचारियों के मूल्यांकन के मानदंड क्या हैं.
इसके साथ ही सांसद ने सवाल उठाया कि क्या सरकार ने नेशनलाइज्ड बैंकों को अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने और मानदंडों से कम पाए जाने वालों को समय से पहले रिटायर करने का निर्देश दिया है? अगर ऐसा कोई निर्देश है, तो सरकार को उसका ब्यौरा और कारण बताना चाहिए.
सरकार ने क्या जवाब दिया
इन सवालों का जवाब सरकार की तरफ से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने दिया. उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक (पीएसबी) बोर्ड संचालित संस्थाओं के तौर पर काम करते हैं. इनके कर्मचारियों की सेवा शर्तें पहले से तय होती हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि परफॉर्मेंश रिव्यू का प्रावधान पहले से ही मौजूद है. इस तरह के रिव्यू में सर्विस प्रोफाइल, कर्मचारी के स्वास्थ्य की स्थिति, प्रमुख जिम्मेदारियां, विजिलेंस एक्शन सहित और भी तमाम पहलुओं पर विचार किया जाता है.
क्या सरकार ने रिव्यू के लिए कहा
इस सवाल का जवाब देते हुए चौधरी ने बताया कि वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने सरकारी कामकाज में प्रशासनिक दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए मौजूदा दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी सरकारी बैंकों को समय-समय पर समीक्षा करने की सलाह दी है.
वित्तीय सेवा विभाग के आदेश में क्या
वित्तीय सेवा विभाग ने पत्र 26 सितंबर, 2024 को एक सर्कुलर में सभी सरकारी बैंका को सलाह देते हुए कहा कि वे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीएंडटी) के निर्देशों के मुताबिक मौजूदा प्रावधानों के तहत अपने कर्मचारियों के प्रदर्शन की आवधिक समीक्षा करें. इसका उद्देश्य जनहित में कर्मचारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करना है, ताकि सरकार के कामकाज को निपटाने की उनकी दक्षता के बारे में पता चले. इसके साथ ही का गया कि अर्थव्यवस्था और विकास को गति देने के लिए प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करना जरूरी है.
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