दो साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़, फर्जी निवेश के नाम पर 31 लाख की ठगी, ऐसे रहें सेफ
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अलग-अलग ठगी नेटवर्क का खुलासा किया है. ऑनलाइन निवेश और फर्जी पहचान के जरिए लोगों को निशाना बनाने वाले इन मामलों में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने भारी मात्रा में एटीएम कार्ड, चेकबुक, मोबाइल फोन और नकदी बरामद की है.
Cyber Fraud: दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच ने दो अलग-अलग मामलों में सक्रिय साइबर ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से 38 एटीएम कार्ड, 51 चेकबुक, 4 मोबाइल फोन और करीब 2.45 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. दोनों मामलों में ऑनलाइन निवेश और फर्जी पहचान के जरिए ठगी की गई थी.
दो साइबर फ्रॉड नेटवर्क का भंडाफोड़
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान दो अलग-अलग साइबर फ्रॉड नेटवर्क का पर्दाफाश किया. पुलिस ने दोनों मामलों में एक-एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान वरुण सिंह और अर्जुन सिंह के रूप में हुई है. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ठगी की रकम को कई फर्जी खातों में घुमाते थे और कमीशन के तौर पर मोटी रकम लेते थे.
ऑनलाइन निवेश के नाम पर 31 लाख रुपये ठगे
पहले मामले में डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि एक शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ ऑनलाइन निवेश के नाम पर 31,45,000 रुपये की ठगी की गई. आरोपी ने व्हाट्स ऐप ग्रुप जॉइन करवाकर और Cventur नाम के एप्लिकेशन के जरिए अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. पैसे मिलने के बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता को ग्रुप से हटा दिया. जांच में सामने आया कि ठगी की रकम कई फर्जी बैंक खातों में घुमाई गई. पुलिस टीम ने पंजाब के फिरोजपुर से आरोपी को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह अपने अकाउंट से पैसे निकालकर कमीशन के तौर पर करीब 2 लाख रुपये लेता था.
सैन फ्रांसिस्को दूतावास का अफसर बताकर ठगी
दूसरे मामले में एक अन्य शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि 6 अक्टूबर को उसके पास वॉट्सऐप पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को सैन फ्रांसिस्को दूतावास का अधिकारी बताया और कहा कि अमेरिका में वापस एंट्री लेने के लिए एनओसी लेना होगा. इसके बाद कॉल करने वाले ने दिल्ली पुलिस के अधिकारी और साइबर एक्सपर्ट बनकर वीडियो कॉल की. डर दिखाकर शिकायतकर्ता से 30 लाख रुपये वसूले गए. जांच में पता चला कि रकम कुछ ही मिनटों में कई अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में भी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
ठगी के बाद क्या करें?
साइबर बुलिंग का शिकार होने पर सबसे पहले शांत रहें और किसी भी जवाबी हमले में न पड़ें, क्योंकि इससे स्थिति और बिगड़ सकती है. सभी सबूत जैसे स्क्रीनशॉट, मैसेज और पोस्ट सेव करके रखें. तुरंत किसी भरोसेमंद व्यक्ति माता-पिता, टीचर या बड़े भाई-बहन को बताएं.
प्लेटफॉर्म पर कंटेंट रिपोर्ट करें और अगर जरूरी हो तो साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं. भारत में साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) और हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क किया जा सकता है. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या काउंसलर से बात करना बहुत जरूरी है, क्योंकि साइबर बुलिंग से डिप्रेशन, चिंता और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है. कई एनजीओ और हेल्पलाइन जैसे चाइल्डलाइन (1098) पीड़ितों की मुफ्त मदद करते हैं. याद रखें, मदद मांगना कमजोरी नहीं बल्कि साहस है.
Latest Stories
अश्लील कंटेंट हटाना जरूरी, प्लेटफॉर्म्स को 36 घंटे में पालन करना होगा आदेश, सरकार ने जारी किया सख्त एडवाइजरी
एक कॉल और खाली हो सकता है बैंक अकाउंट… नया साइबर फ्रॉड अलर्ट, इन USSD कोड्स से रहें दूर
Realme का नया धमाका, 200MP कैमरा, 7000mAh बैटरी और सुपर ब्राइट डिस्प्ले के साथ आ रहा है Realme 16 Pro+ 5G
