न्यू ईयर के मैसेज में बजेगा खतरे का अलार्म, साइबर ठगों का जाल है ये लिंक, क्लिक करते ही कमाई गुल!
साइबर अपराधी नए साल को मौका बनाकर लोगों को ठगने की तैयारी में हैं. वे हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर फर्जी लिंक और फाइल भेज रहे हैं. ये लिंक दिखने में बिल्कुल असली लगते हैं. कई बार ये आपके किसी जानने वाले के नंबर से भी आ सकते हैं.
Cyber Crime: नया साल आते ही मोबाइल फोन लगातार बजने लगते हैं. व्हाट्सएप, एसएमएस, फेसबुक और ई-मेल पर हैप्पी न्यू ईयर के मैसेज की बाढ़ आ जाती है. हर कोई चाहता है कि सबसे पहले बधाई दे और सबसे पहले शुभकामनाएं पाए. लेकिन इसी खुशी और जल्दबाजी का फायदा अब साइबर ठग उठा रहे हैं. नए साल की रात 12 बजे जैसे ही घड़ी बजेगी, बहुत से लोगों के फोन पर ऐसे मैसेज आएंगे जो देखने में बिल्कुल मासूम और आकर्षक लगेंगे. कहीं लिखा होगा “यह ब्लू लिंक खोलो और गिफ्ट देखो.” कहीं कहा जाएगा “ग्रीटिंग कार्ड डाउनलोड करो.” लेकिन जरा सी लापरवाही आपकी पूरी कमाई पर भारी पड़ सकती है. साइबर एजेंसियों ने नए साल से पहले पूरे देश के लिए चेतावनी जारी की है. यह चेतावनी हर मोबाइल यूजर के लिए बहुत जरूरी है.
नए साल पर साइबर ठगी का नया तरीका
साइबर अपराधी नए साल को मौका बनाकर लोगों को ठगने की तैयारी में हैं. वे हैप्पी न्यू ईयर के नाम पर फर्जी लिंक और फाइल भेज रहे हैं. ये लिंक दिखने में बिल्कुल असली लगते हैं. कई बार ये आपके किसी जानने वाले के नंबर से भी आ सकते हैं. इसी वजह से लोग बिना सोचे समझे इन्हें खोल देते हैं.
इन मैसेज में अक्सर एक ब्लू लिंक दिया होता है. कहीं लिखा होता है “यहां क्लिक करें. कहीं कहा जाता है “यह फाइल डाउनलोड करें.” जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं या फाइल डाउनलोड करते हैं, आपके फोन में एक अनजान एप्लीकेशन अपने आप इंस्टॉल हो जाती है. आपको इसका पता भी नहीं चलता.
फोन का कंट्रोल चला जाता है हैकर के पास
यह अनजान एप्लीकेशन आपके फोन का पूरा कंट्रोल हैकर को दे देती है. हैकर आपके मैसेज पढ़ सकता है. आपके ओटीपी देख सकता है. आपके कॉन्टैक्ट्स और फोटो तक पहुंच बना सकता है. सबसे बड़ा खतरा यह है कि वह आपके बैंक और यूपीआई ऐप तक भी पहुंच सकता है.
कैसे रहें सुरक्षित
- अगर आपके फोन पर कोई लिंक या फाइल आए, तो सबसे पहले उसे नजरअंदाज करें.
- बिना सोचे-समझे किसी भी ब्लू लिंक पर क्लिक न करें.
- किसी भी अनजान फाइल को डाउनलोड करने से बचें.
- मैसेज भेजने वाले व्यक्ति को फोन करके जरूर पूछें कि क्या उसने सच में यह लिंक या फाइल भेजी है.
- अपने फोन की सेटिंग में जाकर “अननोन सोर्स” से ऐप इंस्टॉल होने का विकल्प बंद रखें.
- मोबाइल में सिर्फ प्ले स्टोर या आधिकारिक ऐप स्टोर से ही ऐप डाउनलोड करें.
- बैंक और यूपीआई ऐप में पिन, पासवर्ड और बायोमेट्रिक जैसी अतिरिक्त सुरक्षा सेटिंग चालू रखें.
- किसी को भी ओटीपी, पिन या पासवर्ड कभी न बताएं.
- अगर गलती से लिंक क्लिक हो जाए, तो तुरंत इंटरनेट बंद करें और बैंक को जानकारी दें.
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