टैरिफ विवाद के बीच PM मोदी ने रद्द की UNGA की यात्रा, जयशंकर करेंगे भारत का नेतृत्व, 23 सितंबर को शुरू होगा सत्र
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल नहीं होंगे और भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. पहले जारी सूची में मोदी का संबोधन तय था, लेकिन अब 27 सितम्बर को जयशंकर भारत का बयान देंगे. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 23 सितम्बर को संबोधित करेंगे.

UN General Assembly: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने अमेरिका में होने वाले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के हाई लेवल जनरल डिबेट में हिस्सा नही लेंगे. उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत का पक्ष रखेंगे. यह भाषण 27 सितंबर को होगा. पहले जारी लिस्ट में मोदी का संबोधन 26 सितंबर को तय था, लेकिन अब बदलाव कर दिया गया है. इस दिन चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश और इजरायल के टॉप नेता सभा को संबोधित करेंगे. इस बदलाव के बाद मोदी इस साल इन नेताओं के साथ मंच साझा नही करेंगे.
ट्रंप का भाषण रहेगा फोकस
संयुक्त राष्ट्र महासभा का जनरल डिबेट 23 से 29 सितंबर तक चलेगा. सबसे पहले ब्राजील और फिर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भाषण देंगे. यह ट्रंप का व्हाइट हाउस में दूसरी बार लौटने के बाद पहला यूएनजीए संबोधन होगा. भारत में इस भाषण पर खास नजर रहेगी क्योंकि हाल ही में ट्रंप ने भारत की रूस से तेल खरीद पर नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि भारत और रूस चीन की ओर झुक गए हैं.
भारत अमेरिका संबंधों में तनाव
ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की है जिसे पिछले वर्षों में सबसे कड़ा कदम माना जा रहा है. इसके अलावा ट्रंप ने शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन की तस्वीर भी साझा की थी जिसमें मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग नजर आए. इस पर ट्रंप ने इशारा किया कि भारत रूस और चीन के करीब जा रहा है. हालांकि भारत की ओर से इस बयान पर सीधी प्रतिक्रिया नही दी गई है.
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व्यस्त रहेगा यूएनजीए सत्र
यूएनजीए का 80वां सत्र 9 सितंबर से शुरू होगा. इस बार का थीम है बेहतर साथ मिलकर 80 साल और शांति, विकास और मानवाधिकार. कार्यक्रम में 22 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. 24 सितंबर को क्लाइमेट समिट होगी. इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था, युवाओं, मानसिक स्वास्थ्य, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, परमाणु निरस्त्रीकरण और रोहिंग्या संकट जैसे मुद्दों पर उच्च स्तरीय बैठकें होंगी. इसे संयुक्त राष्ट्र का सबसे व्यस्त कूटनीतिक सत्र कहा जा रहा है.
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