Thali Price: घट गया किचन का बजट! अगस्त में सस्ती हुई वेज और नॉनवेज थाली
क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में वेज थाली की कीमत घटकर 31.20 रुपए हो गई है, जबकि नॉन वेज थाली की कीमत कम होकर 59.30 रुपए रह गई है. पिछले साल अगस्त में एक शाकाहारी थाली की कीमत 34 रुपए और एक मांसाहारी थाली की कीमत 67.50 रुपए थी.

पिछले कुछ समय से टमाटर और प्याज की बढ़ी कीमतों के चलते वेज थाली की कीमत नॉन वेज थाली से ज्यादा बढ़ गई थी, लेकिन अगस्त महीने में लोगों को इसमें बड़ी राहत मिली है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ओर से शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि टमाटर और ब्रॉयलर चिकन की कम कीमतों की वजह से अगस्त में घर में पकाए गए वेज थाली की कीमत घटी है. रिपोर्ट के अनुसार शाकाहारी भोजन की कीमत अगस्त में सालाना (YoY) 8% और महीने-दर-महीने (MoM) 4% घट गई है. वहीं नॉन वेज थाली सालाना 12% और महीने के हिसाब से 3% कम हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में वेज थाली की कीमत घटकर 31.20 रुपए हो गई है, जबकि नॉन वेज थाली की कीमत कम होकर 59.30 रुपए रह गई है. पिछले साल अगस्त में एक शाकाहारी थाली की कीमत 34 रुपए और एक मांसाहारी थाली की कीमत 67.50 रुपए थी. जबकि जुलाई 2024 तक वेज थाली की कीमतें 32.60 और नॉन वेज थाली की कीमत 61.40 हो गई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि टमाटर और ब्रॉयलर चिकन की कम कीमतों की वजह से अगस्त में घर में बनाई गई थाली के दाम कम हुए हैं.
कैसे होती है लागत की गणना?
एक सामान्य वेज थाली में रोटी, सब्जियां (प्याज, टमाटर, आलू), चावल, दाल, दही और सलाद शामिल होते हैं. वहीं नॉन वेज थाली में दाल की जगह ब्रॉयलर चिकन होता है. कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बावजूद, इनके लागत की गणना उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर की जाती है. थाली की कीमतों में मासिक परिवर्तन घरेलू व्यय पर खाद्य महंगाई के प्रभाव को मापने का काम करता है.
क्यों घटे थाली के दाम?
अगस्त में सब्जियों की कीमतों में मिला-जुला रुख देखने को मिला. सप्लाई कम होने से प्याज और आलू की कीमतों में क्रमश: 51% और 53% की बढ़ोतरी हुई. लोगों को राहत देने के लिए 29 जुलाई को सरकार ने सब्सिडी में टमाटर बेचने शुरू किए. क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक-अनुसंधान, पुशन शर्मा का कहना है कि वेज थाली की लागत में गिरावट काफी हद तक टमाटर की कीमतों के कारण है, जो पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों से ताजा आपूर्ति के साथ बाजार में आने के साथ और भी कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ईंधन की कीमतों के कम होने से भी थाली के दाम घटे हैं.
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