Godavari Biorefineries IPO : जानें कैसा रहा आखिरी दिन प्रदर्शन, सब्सक्रिप्शन और जीएमपी की पूरी डिटेल
सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने के बाद दो दिन तक गोदावरी बायोरिफायनरी के आईपीओ में निवेशकों ने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. हालांकि, आखिरी दिन पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया, जिससे फ्लॉप कैटेगरी में शामिल होने से बच गया.

एथनॉल और बायोबेस्ड केमिकल्स बनाने वाली गोदावरी बायोरिफाइनरीज ने बाजार से 554.75 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ पेश किया है. इसमें 325 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू से जुटाए जाएंगे, जबकि 229.75 करोड़ रुपये ओएफएस के तहत जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. फ्रेश इश्यू के तौर पर 92 लाख नए शेयर जारी किए जाएंगे. दूसरी तरफ ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत कंपनी के प्रमोटर समीर शांतिलाल सोमैया, लक्ष्मीवाड़ी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड और सोमैया एजेंसीज प्राइवेट लिमिटेड अपने 65 लाख शेयरों को बेचेंगे.
कैसा रहा आईपीओ का हाल
कंपनी का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23 अक्टूबर को खुला और 25 अक्टूबर को बंद हो गया. इस दौरान सभी कैटेगरी में कुल 186 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला है. पहले दिन कंपनी को सिर्फ 29 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला. वहीं, दूसरे दिन भी यह पूरी तरह सब्सक्राइब नहीं हुआ और महज 56 फीसदी सब्सक्राइब हुआ. हालांकि, आखिरी दिन यह 186 फीसदी सब्सक्राइब हो गया. सबसे ज्यादा 276 फीसदी सब्सक्रिप्शन क्यूआईबी कैटेगरी में मिला. वहीं, सबसे कम 93% एनआईआई कैटेगरी में रहा. नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं किस कैटेगरी में शेयरों का कितना कोटा रखा गया और कितना सब्सक्रिप्शन हुआ.
निवेश श्रेणी | शेयर कोटा | सब्सक्रिप्शन% |
एंकर इन्वेस्टर | 47,27,980 (30%) | उपलब्ध नहीं |
क्यूबाईबी | 31,51,989 (20%) | 276 |
एनआईआई | 47,27,982 (30%) | 93 |
रिटेल | 55,15,978 (35%) | 175 |
कुल | 1,57,59,938 (100%) | 186 |
कैसा रहा जीएमपी का हाल
गोदावरी बायोरिफाइनरीज आईपीओ का जीएमपी सब्सक्रिप्शन के आखिर दिन 5 रुपये के प्रीमियम पर दिखा. कंपनी के शेयरों को ग्रे मार्केट में शुरुआत से ही अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है. अब तक सबसे ज्यादा जीएमपी प्रीमियम 25 रुपये का रहा है. हालांकि, मौजूदा ट्रेंड के हिसाब से विश्लेषकों की राय है कि जीएमपी में लिस्टिंग तक और भी कमी आ सकती है. लिस्टिंग 30 अक्टूबर को होनी है.
अपने क्षेत्र में अव्वल
गोदावरी बायोरिफाइनरीज पूरी दुनिया में मिथाइल-पेंटेन-वन (MPO) की सबसे बड़ी उत्पादक है. इसके अलावा इथेनॉल-बेस्ड केमिकल बनाती है. कंपनी के उत्पादों का उपयोग खाद्य, पेय पदार्थ, फार्मास्यूटिकल्स, सेंट, फ्रेग्रेंस और ईंधन उद्योगों में किया जाता है. अक्टूबर 2024 तक कंपनी ने अपने उत्पादों के लिए 18 पेटेंट हासिल किए हैं, जबकि 53 रजिस्ट्रेशन मिल चुके हैं.
वित्तीय मोर्चे पर कमजोर
कंपनी को पिछले दिनों वित्तीय मोर्चे पर संघर्ष करना पड़ा. मार्च 2024 को खत्म हुए वित्त वर्ष में इसका लाभ पिछले वर्ष की तुलना में 19.6 करोड़ रुपये से घटकर 12.3 करोड़ रुपये रह गया, वहीं, इस दौरान राजस्व में 2014.7 करोड़ रुपये की कमी आई. मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल से जून तिमाही में कंपनी ने 522.5 करोड़ रुपये के राजस्व पर 26.1 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है.
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