HUL Demerger: यूनिफाइड ट्रेडिंग का आज आखिरी दिन, शेयर खरीद से निवेशकों को होगा ये फायदा; जानें डिटेल्स

देश की एक बड़ी FMCG कंपनी निवेशकों को लेकर बड़ा बदलाव कर रही है. इसे लेकर बाजार में हलचल है, क्योंकि इसकी एक लोकप्रिय यूनिट अब एक अलग कंपनी के रूप में खड़ी होने वाली है. इस प्रक्रिया से शेयरधारकों की हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा और कीमतों में उतार-चढ़ाव संभव है.

HUL Demerger Image Credit: Money9 Live

HUL demerger: देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) इस हफ्ते निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है. इसकी आइसक्रीम बिजनेस यूनिट क्वालिटी वॉल्स और उससे जुड़े ब्रांड अब कंपनी से अलग होकर एक नई यूनिट के तौर पर खड़े होंगे. इसके चलते HUL का शेयर आज चर्चा में रहा, क्योंकि यह यूनिफाइड कंपनी के रूप में आखिरी बार ट्रेड कर रहा है. निवेशकों के लिए यह डिमर्जर न सिर्फ रणनीतिक बदलाव का संकेत है, बल्कि शेयरहोल्डिंग और मार्केट वैल्यू पर भी असर डालने वाला है.

क्या है डिमर्जर की पूरी प्रक्रिया?

HUL का यह डिमर्जर 1 दिसंबर 2025 से प्रभावी हो चुका है. कंपनी ने अपने सभी आइसक्रीम ब्रांड- क्वालिटी वॉल्स, कॉर्नेटो, मैग्नम, फीस्ट और क्रीमी डिलाइट को नई कंपनी ‘क्वालिटी वॉल्स इंडिया लिमिटेड (KWIL)’ में ट्रांसफर कर दिया है. इसका मतलब यह है कि ये बिजनेस अब HUL के बैलेंस शीट से अलग होकर स्वतंत्र यूनिट की तरह काम करेगा.

रिकॉर्ड डेट और निवेशकों का फायदा

इस डिमर्जर के लिए रिकॉर्ड डेट 5 दिसंबर, शुक्रवार तय की गई है. यानी आज, 4 दिसंबर, HUL का वह आखिरी ट्रेडिंग सेशन है जिसमें कंपनी संयुक्त रूप में खरीद-बिक्री हो रही है. T+1 सेटलमेंट नियम के अनुसार, अगर कोई निवेशक नई कंपनी के शेयर पाना चाहता है, तो उसे आज तक HUL शेयर खरीदना जरूरी है. दोपहर, 12:30 पर कंपनी के शेयर 2,462 रुपये पर ट्रेड हो रहे थे. सबसे अहम बात यह है कि HUL ने 1:1 का शेयर एंटाइटलमेंट रेशियो तय किया है. इसका मतलब है, हर एक HUL शेयर पर निवेशक को क्वालिटी वॉल्स इंडिया का एक शेयर मिलेगा.

नई कंपनी के शेयरों का एलॉटमेंट 29 दिसंबर को होगा, जबकि स्टॉक मार्केट पर इसकी लिस्टिंग डेट बाद में घोषित की जाएगी. SEBI के नियमों के अनुसार, NCLT की मंजूरी मिलने के 60 दिनों के भीतर KWIL को लिस्ट होना होगा.

HUL के शेयर में कीमत का बदलाव कैसे दिखेगा?

डिमर्जर के कारण HUL शेयर की कीमत में समायोजन (Consolidation) होगा. 5 दिसंबर को स्पेशल प्री-ओपन सेशन में HUL शेयर का नया वैल्यू तय होगा, जिसमें आइसक्रीम बिजनेस के निकलने का असर शामिल होगा. NSE और BSE दोनों इस प्रक्रिया के जरिए HUL शेयर का वास्तविक मूल्य निकालेंगे.

डेरिवेटिव सेगमेंट में भी बड़ा बदलाव होगा. HUL के सभी मौजूदा F&O कॉन्ट्रैक्ट आज, 4 दिसंबर, ट्रेडिंग खत्म होने के साथ एक्सपायर हो जाएंगे. रिकॉर्ड डेट पर कीमत तय होने के बाद एक्सचेंज नई स्ट्राइक कीमतों और संरचना के साथ नए F&O कॉन्ट्रैक्ट्स पेश करेंगे.

सूचकांकों में कैसे दिखेगा असर?

निफ्टी 50 और सेंसेक्स अपने पॉलिसी के अनुसार इस डिमर्जर को समायोजित (consolidate) करेंगे. नई कंपनी क्वालिटी वॉल्स इंडिया को अस्थायी रूप से 35 निफ्टी इंडेक्स में जीरो प्राइस पर dummy stock के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसका टेकर होगा “DUMMYHDLVR”。

इस dummy stock का मूल्य HUL के पहले दिन की क्लोजिंग और प्री-ओपन सेशन में तय नई कीमत के अंतर को दर्शाएगा. अगर HUL की नई खोजी गई कीमत पुराने क्लोज के बराबर या उससे अधिक है, तो dummy stock शून्य पर बना रहेगा, जब तक कि KWIL आधिकारिक रूप से एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं हो जाता.

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क्यों है यह डिमर्जर अहम?

HUL के लिए यह कदम रणनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है. आइसक्रीम बिजनेस स्वतंत्र रूप से काम करेगा, जिससे दोनों कंपनियां अपनी-अपनी कैटेगरी में बेहतर फोकस के साथ आगे बढ़ सकेंगी. डिमर्जर प्रक्रिया पूरी होने के साथ बाजार अब इस बात पर नजर रखेगा कि KWIL का मूल्यांकन कैसे होता है और निवेशकों के लिए भविष्य में इसमें रिटर्न के क्या संभावनाएं बनती हैं.

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.