Lenskart IPO: ₹70000 करोड़ वैल्यूएशन पर 230x P/E को लेकर उठे सवाल, जानें क्या बोले CEO पीयूष बंसल?

7278 करोड़ रुपये के IPO के हिसाब से कंपनी का वैल्यूएशन 70 हजार करोड़ रुपये बनता है. इस वैल्यूएशन के आधार पर प्राइस टू अर्निंग रेश्यो करीब 230 गुना है. इस स्ट्रैच्ड वैल्यूएशन को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इन सवालों पर कंपनी के CEO पीयूष बंसल और CFO अभिषेक गुप्ता ने जवाब दिया है. जानें उन्होंने क्या कहा है?

लेंसकार्ट आईपीओ Image Credit: money9live/CanvaAI

देश की प्रमुख आईवियर रिटेलर कंपनी Lenskart का 7278 करोड़ रुपये का IPO 31 अक्टूबर से 4 नवंबर तक खुला रहेगा. कंपनी ने 382-402 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इसके हिसाब से कंपनी का वैल्यूएशन 70000 करोड़ रुपये का हो गया है. यह वैल्यूएशन करीब 230x का P/E रेश्यो को दिखाता है, जो काफी महंगा माना जा रहा है.

इस वैल्यूएशन की वजह से ही तमाम ब्रोकरेज हाउस ने इस इश्यू को न्यूट्रल या लॉन्ग टर्म के लिए रेट किया है. इसके साथ ही सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए निवेश करने वालों को सचते रहने की सलाह दी है. बहरहाल, महंगे वैल्यूएशन को लेकर कंपनी के सीईओ पीयूष बंसल और सीएफओ अभिषेक गुप्ता ने क्या कहा जानते हैं.

मार्केट तय करता है वैल्यूएशन

कंपनी के CEO पीयूष बंसल से जब CNBC-TV18 पर पूछा गया कि इतने हाई वैल्यूएशन में निवेशकों के लिए क्या मूल्य बचता है, तो उन्होंने कहा, “हमारा काम ग्राहक के लिए वैल्यू क्रिएट करना है और अब शेयरहोल्डर के लिए भी. जहां तक वैल्यूएशन की बात है, उसे मार्केट ही तय करता है.”

पीयर्स के आसपास है वैल्यूएशन

इसके साथ ही बंसल ने कंपनी की तेज ग्रोथ को आउटलाइन करते हुए बताया कि लेंसकार्ट का EBITDA CAGR 90% रहा है और आईवियर मार्केट में अब भी बड़ा स्कोप है. उन्होंने कहा कि कंपनी की वैल्यूएशन अपने “कम्पेरेबल पीअर्स” के करीब ही है.

मुनाफा तेजी से बढ़ेगा

कंपनी के CFO अभिषेक गुप्ता का कहना है कि निवेशकों ने ही प्राइस तय किया है. जब टेक कंपनियों में ऑपरेटिंग लीवरेज काम करना शुरू करता है, तो प्रॉफिट बॉटम लाइन रेवेन्यू से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ता है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे कंपनी का रेवेन्यू बढ़ेगा, वैसे-वैसे प्रॉफिटेबिलिटी में भी बड़ा सुधार दिखेगा.

क्या है ब्रोकरेज की राय?

SBI Securities की रिपोर्ट के मुताबिक लेंसकार्ट का वैल्यूएशन बहुत महंगा दिख रहा है, जिससे लिस्टिंग गेन सीमित रह सकते हैं. हालांकि, रिपोर्ट में कंपनी के मजबूत बिजनेस मॉडल, बढ़ते आईवियर बाजार और EBITDA मार्जिन में सुधार (FY23 में 7% से FY25 में 14.7%) को बड़ा पॉजिटिव बताया गया है. ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि लॉन्ग टर्म निवेशक इसे कट-ऑफ प्राइस पर सब्सक्राइब कर सकते हैं.

कैसा है IPO का स्ट्रक्चर?

क्या कह रहे एक्सपर्ट?

NDTV Profit की एक रिपोर्ट में क्वांट म्यूचुअल फंड के फाउंडर और CIO संदीप टंडन के हवाले से कहा गया है कि भारतीय निवेशक “मूर्खता” में कंपनियों को ऐसे ऊंचे वैल्यूएशन दे रहे हैं, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार कभी मंजूरी नहीं देंगे. लेंसकार्ट समेत कई नए IPO को लेकर जारी उत्साह पर टंडन का कहना है कि जब अमेरिका जैसे बाजार ऐसे वैल्यूएशन नहीं दे रहे, तो भारत में देने का औचित्य नहीं है.

इसके साथ ही उन्होंने चेताया कि पिछले एक साल में 60% नए लिस्टेड स्टॉक्स अपने IPO प्राइस से नीचे ट्रेड कर रहे हैं, जो जोखिम का संकेत है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत का बाजार इतना प्रीमियम दे रहा है कि विदेशी कंपनियां भी यहां लिस्ट होना चाहती हैं. वहीं, अनुभव के अभाव में रिटेल निवेशकों हाइप में फंसकर महंगे IPO में पैसा लगा रहे हैं.

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.