US Fed ने फिर घटाई ब्याज दरें, दिसंबर में खत्म होगा बैलेंस शीट रन-ऑफ, क्या अब सस्ता होगा ग्लोबल लोन?

अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेड ने इस साल दूसरी बार ब्याज दर घटाने का ऐलान किया है. फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने रेट कट का ऐलान करते हुए कहा कि बैलेंस शीट रन-ऑफ दिसंबर में खत्म होगा. जानें जेरोम पॉवेल के बयान का पूरी दुनिया के बाजारों पर क्या असर पड़ेगा?

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल Image Credit: US FED

US Fed Rate Cut News: अमेरिकी सेंट्रल बैंक Federal Reserve (Fed) ने इस साल दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की है. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) ने बुधवार को 0.25% की कटौती करते हुए बेंचमार्क दर को 3.75%–4% के दायरे में ला दिया है. इसके साथ ही, फेड ने ऐलान किया है कि 1 दिसंबर से बैलेंस शीट रन-ऑफ (Quantitative Tightening) की प्रक्रिया समाप्त कर दी जाएगी.

क्या है फेड के पूरा फैसला?

ब्याज दर में कटौती के फैसले पर 10-2 के बहुमत से सहमति बनी है. फेड गवर्नर स्टीफन मिरन ने ज्यादा आक्रामक कदम की मांग करते हुए 0.50% कटौती का समर्थन किया, जबकि सेंट लुइस फेड प्रेसिडेंट जेफ्री श्मिड ने दर घटाने का विरोध किया. यह कटौती ऐसे समय में की गई है, जब अमेरिकी सरकार के शटडाउन के चलते ज्यादातर इकोनॉमिक डाटा जारी नहीं हो पा रहे हैं. फिलहाल सिर्फ कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) रिपोर्ट ही उपलब्ध है, जिसमें महंगाई 3% के स्तर पर बनी हुई है, जो अभी भी फेड के 2% लक्ष्य से ज्यादा है.

फेड की सोच में बदलाव

फेड ने अपने बयान में कहा कि आर्थिक गतिविधियां मध्यम गति से बढ़ रही हैं, लेकिन नौकरियों में वृद्धि कमजोर पड़ी है. इससे बेरोजगारी दर हल्की बढ़ी है, जबकि महंगाई कुछ ऊंची बनी हुई है. पिछले महीने फेड ने कहा था कि ग्रोथ मॉडरेट हो रही है, लेकिन इस बार टोन में थोड़ा सतर्क बदलाव दिखा है. बयान में यह भी माना गया कि रोजगार के मोर्चे पर नीचे की तरफ जोखिम बढ़े हैं.

क्या है QT खत्म करने का मतलब ?

फेड ने COVID काल में बैलेंस शीट को 4 ट्रिलियन डॉलर से बढ़ाकर 9 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया था. पिछले दो साल में Quantitative Tightening (QT) के जरिए लगभग 2.3 ट्रिलियन सिक्योरिटीज रोल-ऑफ की गईं. अब फेड इस प्रक्रिया को खत्म करते हुए मच्योर सिक्योरिटीज को शॉर्ट-टर्म बिल्स में रोलओवर करेगा. यानी बैलेंस शीट का ड्यूरेशन घटेगा, पर कुल आकार स्थिर रहेगा. इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ने की उम्मीद है.

पॉवेल ने क्या कहा?

फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल ने कहा कि मौजूदा स्थिति “जटिल” है. इसके साथ ही उन्होंने माना कि “रोजगार बाजार सुस्त है, लेकिन खपत बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अब देखना होगा कि यह संतुलन किस ओर जाता है. पॉवेल ने दोहराया कि FOMC अब मीटिंग दर मीटिंग इकोनॉमी के डाटा के हिसाब से फैसला करेगी.

बाजार पर कैसा असर?

इतिहास बताता है कि जब भी फेड इकॉनॉमिक एक्सपैंशन या बुल मार्केट के दौरान दरें घटाता है, तो शेयर बाजार में नई रैली देखने को मिलती है. फिलहाल Big Tech शेयरों के दम पर NASDAQ और S&P 500 दोनों रिकॉर्ड हाई के करीब हैं. बुधवार को फेड के फैसले के बाद अमेरिकी बाजार हरे निशान में सामान्य कारोबार करते दिखे. फेड की नरम मौद्रिक नीति और दिसंबर में बैलेंस शीट रन-ऑफ खत्म होने की घोषणा ने निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, जिससे कैपिटल-इंटेंसिव और टेक सेक्टर्स में खरीदारी का रुझान मजबूत हुआ है.

क्या अब सस्ता होगा ग्लोबल लोन?

Fed की दर कटौती से ग्लोबल लोन आंशिक रूप से सस्ते हो सकते हैं, क्योंकि अमेरिका में उधारी की लागत घटने से वैश्विक वित्तीय स्थितियां भी उदार होती हैं. क्योंकि, डॉलर-बेस्ड कर्ज पर ब्याज दरें नीचे आती हैं. हालांकि, इसका असर हर देश में एक समान नहीं होगा, क्योंकि लोन की कीमत स्थानीय नीतियों, मुद्रा विनिमय दर, बैंकिंग मार्जिन और क्रेडिट रिस्क पर भी निर्भर करती है. भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी उधार कुछ सस्ता हो सकता है, लेकिन स्थानीय ब्याज दरों और आर्थिक परिस्थितियों के कारण इसका लाभ भी सीमित रह सकता है.