NSDL IPO: लिस्टिंग से पहले क्यों गिर रहा GMP, इन 3 जोखिमों ने निवेशकों की बढ़ाई धड़कन
देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आईपीओ में दांव लगाने का आज आखिरी दिन है. 1 अगस्त को इसका विंडो बंद हो रहा है. मार्केट में इसका काफी बज था, लेकिन इसके GMP में आ रही गिरावट ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, तो क्या है इस गिरावट की वजह, जानें डिटेल.

NSDL IPO: भारत की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के IPO का निवेशकों का बेसब्री से इंतजार था. 30 जुलाई को निवेशकों के लिए खुले इस आईपीओ को निवेशकों से सब्सक्रिप्शन में अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है. मगर लिस्टिंग से पहले ही ₹4,011 करोड़ के इस मेनबोर्ड इश्यू का GMP गिर रहा है. तो आखिर क्यों लुढ़क रहा है ग्रे मार्केट प्रीमियम और किन जोखिमों से निवेशकों में बढ़ी चिंता, जानिए पूरी डिटेल.
कितना है NSDL IPO का GMP?
NSDL IPO 1 अगस्त को बंद होगा और 6 अगस्त को BSE व NSE पर लिस्ट होगा. इंवेस्टरगेन के मुताबिक इसका GMP 1 अगस्त को 134 रुपये दर्ज किया गया, इस लिहाज से लिस्टिंग पर इसमें 16.75% के मुनाफे की उम्मीद है. यह अपने प्राइस बैंड 800 रुपये के मुकाबले 134 रुपये पर लिस्ट हो सकता है. मगर इसके ग्रे मार्केट प्रीमियम में लगातार गिरावट आ रही है. 30 जुलाई को ये 135 रुपये है. वहीं शुरुआती दौर में यह 167 रुपये भी था.
GMP में गिरावट की वजह
बड़े खिलाड़ी बेच रहे हिस्सेदारी
NSDL में बड़े संस्थागत निवेशक अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं. IDBI बैंक 2.22 करोड़, NSE 1.80 करोड़, SBI 40 लाख, HDFC बैंक 20 लाख और SUUTI 34.15 लाख शेयर बेच रहा है. अभी IDBI (26.01%), NSE (24%), HDFC बैंक (7.95%), और SUUTI (6.83%) की हिस्सेदारी है. SEBI नियमों के मुताबिक, कोई भी एक संस्था 15% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकती. यह हिस्सेदारी बिक्री बड़े निवेशकों के लिए मुनाफा ला सकती है, मगर छोटे निवेशकों के लिए इसमें फायदा न होने के चलते इंवेस्टर्स इससे दूरी बना रहे हैं.
पूरी तरह OFS होना
NSDL आईपीओ पूरी तरह OFS है, यानी इसमें कोई नया फंड जारी नहीं होगा. जानकारों के मुताबिक इश्यू के पूरी तरह OFS होने की वजह से भी निवेशकों की दिलचस्पी इसमें कम हो रही है. क्योंकि इस आईपीओ से होने वाली कमाई का फायदा मौजूदा शेयरहोल्डर्स को मिलेगा, इससे कंपनी की ग्रोथ के लिए सवाल उठाता है.
ट्रेडिंग वॉल्यूम पर निर्भरता
NSDL का बिजनेस लेन-देन पर आधारित है और शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम पर टिका है. अगर बाजार में उतार-चढ़ाव या निवेशक दूसरी जगह (जैसे क्रिप्टो या रियल एस्टेट) रुख करें, तो इसका बिजनेस प्रभावित हो सकता है. साथ ही अगर NSDL अपनी सर्विसेज का विस्तार या मार्केट रीच नहीं बढ़ा पाया, तो इसका बिजनेस ग्रोथ रुक सकता है. ये चिंता भी निवेशकों को परेशान कर सकती है.
कितना हुआ सब्सक्राइब?
निवेशक वर्ग | सब्सक्रिप्शन (गुना) | ऑफर की गई शेयर* | बोली लगाई गई शेयर | कुल राशि (₹ करोड़)* |
---|---|---|---|---|
एंकर निवेशक | 1 | 1,50,17,999 | 1,50,17,999 | 1,201.44 |
योग्य संस्थान | 1.96 | 1,00,12,000 | 1,95,96,222 | 1,567.69 |
गैर-संस्थागत खरीदार | 11.08 | 75,09,001 | 8,31,96,540 | 6,655.72 |
bNII (₹10 लाख से अधिक) | 10.44 | 50,06,001 | 5,22,58,248 | 4,180.66 |
sNII (₹10 लाख से कम) | 12.36 | 25,03,000 | 3,09,38,292 | 2,475.06 |
रिटेल निवेशक | 4.19 | 1,75,21,001 | 7,34,28,408 | 5,874.27 |
कर्मचारी | 7.69 | 85,000 | 6,53,616 | 52.28 |
कुल सब्सक्रिप्शन | 5.04 | 3,51,27,002 | 17,68,74,786 | 14,149.98 |
सोर्स: चित्तौड़गढ़
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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