सब्सक्रिप्शन के लिए अगले हफ्ते खुल सकता है NSDL IPO, कंपनी ने तीन साल में दिया 60 करोड़ का डिविडेंड

भारतीय शेयर बाजार में एक नई हलचल शुरू होने वाली है. एक बड़ी कंपनी निवेशकों से जुड़ने के लिए तैयार है और इसके साथ ही शुरू होगा हजारों करोड़ का खेल. इस खबर में जानिए उस डील की पूरी इनसाइड स्टोरी, जो बाजार की दिशा बदल सकती है.

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NSDL IPO Details in hindi: भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से आईपीओ की हलचल तेज होती नजर आ रही है. इसी कड़ी में अब देश की सबसे बड़ी डिपॉजिटरी कंपनी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) भी बाजार में दस्तक देने जा रही है. रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी अगले हफ्ते से अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए निवेशकों से आवेदन लेना शुरू कर सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि NSDL को सेबी से मिली IPO लॉन्च की मंजूरी 31 जुलाई 2025 को समाप्त हो रही है. अगर कंपनी इस तारीख तक IPO नहीं ला पाई, तो उसे फिर से पूरी प्रक्रिया दोबारा शुरू करनी होगी.

IPO की जानकारी

इस ऑफर के जरिए कंपनी के मौजूदा शेयरधारक करीब 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,000 करोड़ रुपये) जुटाने की योजना में हैं. हालांकि, यह पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा यानी NSDL को खुद कोई राशि नहीं मिलेगी.
यह आईपीओ ऐसे समय में आ रहा है जब भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश और रिजर्व बैंक की नीतिगत नरमी से जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. इस IPO को लॉन्च करने के लिए कंपनी ने कई बड़े मर्चेंट बैंकों की सेवाएं ली हैं, जिनमें शामिल हैं, ICICI Securities, Axis Capital, HSBC, IDBI Capital, Motilal Oswal, और SBI Capital Markets.

NSDL क्या है और क्या करती है कंपनी?

NSDL यानी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड की स्थापना 1996 में हुई थी, लेकिन इसे अप्रैल 2012 में “NSDL डिपॉजिटरी लिमिटेड” के रूप में शामिल किया गया था और बाद में नाम बदलकर “नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड” रखा गया. यह कंपनी भारतीय पूंजी बाजार की पहली डिपॉजिटरी रही है जिसने डिमैट फॉर्मेट में सिक्योरिटीज रखने की शुरुआत की थी.

NSDL का काम निवेशकों के शेयर, बॉन्ड और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में सुरक्षित रखना और उनके लेन-देन की सुविधा उपलब्ध कराना है. यह पूरी प्रक्रिया ट्रेड के इलेक्ट्रॉनिक सेटलमेंट को आसान बनाती है. NSDL ने दुनिया की उन शुरुआती डिपॉजिटरीज में जगह बनाई है जिन्होंने सीधे डिमैटरियलाइजेशन सिस्टम लागू किया, बिना किसी दो-स्तरीय प्रक्रिया के.

कंपनी के पास 40 मिलियन से ज्यादा निवेशकों के खाते हैं और यह 51.1 ट्रिलियन रुपये से ज्यादा की संपत्तियों की कस्टोडियन है.

NSDL की आय और मुनाफे की तस्वीर

इसका मतलब है कि कंपनी की अन्य सेवाओं से भी आय में इजाफा हुआ है.

कंपनी ने पिछले तीन सालों में हर साल 20 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है. हालांकि डिविडेंड पेआउट रेशियो में गिरावट देखने को मिली है, जैसे FY22 में 9.4%, FY23 में 8.52%, और FY24 में 7.26% गिरावट. वहीं, FY25 के पहले नौ महीनों में यह 6.3% रहा है.एक अहम कदम के तहत FY23 में कंपनी ने शेयरों का सब-डिवीजन भी किया, जिससे एक शेयर को 5 शेयरों में बदला गया और फेस वैल्यू 10 रुपये से घटाकर 2 रुपये कर दी गई.

NSDL की सहायक कंपनी

NSDL का एक बड़ा राजस्व स्रोत उसकी सहायक कंपनी NSDL पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (NPBL) है. यह एक 100 फीसदी स्वामित्व वाली कंपनी है जिसे 2016 में शामिल किया गया था और 2018 से परिचालन में है. NPBL एक पेमेंट बैंक है, जो खास तौर पर ग्रामीण और कम आय वर्ग के लोगों को डिजिटल बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने के लक्ष्य से काम करता है. इसका बिजनेस मॉडल B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) है और यह वित्तीय समावेशन की दिशा में काम कर रही है.

बाजार में NSDL बनाम CDSL

भारत में फिलहाल दो ही डिपॉजिटरी कंपनियां हैं — NSDL और CDSL.

IPO से किन निवेशकों की हिस्सेदारी होगी कम?

इस IPO के तहत कई बड़े संस्थागत निवेशक अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं:

IPO के जरिए उठाई गई राशि NSDL को नहीं मिलेगी, बल्कि यह पूरी तरह शेयरधारकों की हिस्सेदारी की बिक्री से जुड़ा है.

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अनलिस्टेड मार्केट में क्या हाल?

IPO बाजार में खुलने से पहले अनलिस्टेड शेयर बाजार में NSDL के शेयरों की कीमत करीब 20 फीसदी गिरकर 1,030 रुपये हो गई है, जो पहले 1,275-1,300 रुपये प्रति शेयर के आसपास चल रही थी.