NSDL के IPO में कितना दम, क्या CDSL जैसे होगा कमाल ? जानें प्रॉफिट और डिमैट का बादशाह कौन
इन दिनों NSDL आईपीओ के लेकर चर्चा काफी तेज है. यूं कहें तो आईपीओ बाजार गरम है. भारत की दो प्रमुख डिपॉजिटरी हैं, पहला CDSL और दूसरा NSDL. कुछ दिनों में NSDL के शेयर लिस्ट हो जाएंगे. अब निवेशकों के मन में यह सवाल है कि इन दोनों में किसको चुनें?

CDSL Vs NSDL: भारत की दो प्रमुख डिपॉजिटरी कंपनियों में से एक, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL), जल्द ही शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही है. यह एक मोस्ट अवेटेड IPO है, जो 30 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक खुलेगा. यह IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा, जिसमें 5.01 करोड़ शेयर बिक्री के लिए पेश किए जाएंगे. इस ऑफर से कंपनी को कोई पैसा नहीं मिलेगा, बल्कि इसका फायदा उन मौजूदा शेयरधारकों को होगा जो अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. इसमें NSE, HDFC बैंक, SBI, IDBI बैंक, यूनियन बैंक और UTI जैसे बड़े नाम शामिल हैं. अब सवाल यह है कि NSDL और CDSL में प्रॉफिट और डिमैट का बादशाह कौन है. साथ ही निवेशकों के मन में भी सवाल है कि यह CDSL के जैसे कमाल करेगा जिसने लिस्टिंग के दिन 75 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दिया था.
CDSL (Central Depository Services Limited)
CDSL भारत की दूसरी सबसे बड़ी और पहले से लिस्टेड डिपॉजिटरी है. यह निवेशकों, ब्रोकर्स और कंपनियों के लिए डिमैट खाता, ट्रेड सेटलमेंट, कॉर्पोरेट एक्शन, ई-वोटिंग जैसी कई सर्विस देती है. CDSL के पास 15+ करोड़ डिमैट अकाउंट्स हैं यानी 76 फीसदी मार्केट शेयर, जो ज्यादातर रिटेल निवेशकों और डिस्काउंट ब्रोकर्स जैसे Zerodha, Groww, Upstox से जुड़े हुए हैं.
इसके पास 71 लाख करोड़ रुपये की सिक्योरिटी कस्टडी है.
कंपनी की कमाई का हिस्सा इस तरह है
- 33.9 फीसदी – एनुअल इशूअर इनकम
- 22.65 फीसदी – IPO/कॉर्पोरेट एक्शन
- 19.14 फीसदी – ट्रांजैक्शन चार्ज
- 14.45 फीसदी – ऑनलाइन डेटा चार्ज
कंपनी का कहना है कि वह अपने मार्केट लीडरशिप को बनाए रखेगी और भविष्य में म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस सेक्टर में भी विस्तार करेगी.
वित्तीय प्रदर्शन की तुलना
पहलु | CDSL | NSDL |
---|---|---|
डिमैट अकाउंट्स | 15 करोड़+ (76%) | 5 करोड़ (24%) |
सिक्योरिटी कस्टडी | ₹83,600 करोड़ | ₹4.75 लाख करोड़ |
FY18–FY25 रेवेन्यू CAGR | 27.6% | 17.5% |
FY18–FY25 प्रॉफिट CAGR | 28.2% | 20.4% |
प्रति निवेशक ऑपरेशनल रेवेन्यू | ₹55.44 | ₹156.80 |
प्रति अकाउंट ट्रांजैक्शन इनकम | ₹33.21 | ₹91.69 |
EBITDA मार्जिन (FY25) | 64.41% | 58–61% |
NSDL (National Securities Depository Limited)
NSDL भारत की सबसे पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी है, जो 1996 में SEBI के अंतर्गत बनाई गई थी. यह 1992 के हर्षद मेहता घोटाले के बाद बनाई गई थी ताकि शेयर बाजार को पेपरलेस, सुरक्षित और तेज बनाया जा सके. डिमैट अकाउंट्स के मामले में NSDL के पास केवल 24 फीसदी मार्केट शेयर है. लेकिन सिक्योरिटी कस्टडी में इसकी पकड़ बहुत मजबूत है. इसके पास 4.75 लाख करोड़ की कस्टडी इसके पास है, जबकि CDSL के पास सिर्फ 83,600 करोड़ रुपये हैं, यानी NSDL की साइज CDSL से 5.6 गुना ज्यादा है. इसके अलावा NSDL की सब्सिडियरी कंपनियां NDML और NPBL भी कई वैल्यू-एडेड सर्विसेज देती हैं.
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CDSL के IPO ने मचाया था धमाल, लिस्टिंग के दिन ही 75 फीसदी का तगड़ा मुनाफा
शेयर बाजार में लिस्ट हुई CDSL के शेयरों ने पहले ही दिन निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया. कंपनी का शेयर 250 रुपये पर लिस्ट हुआ था, जो इसके इश्यू प्राइस से 68 फीसदी ज्यादा था. लिस्टिंग के दिन निवेशकों को करीब 75 फीसदी का फायदा हुआ. कंपनी का 524 करोड़ रुपये का आईपीओ 19 जून से 21 जून तक खुला था और इसे लोगों ने जबरदस्त रिस्पॉन्स दिया. यह आईपीओ 170 गुना से ज्यादा सब्सक्राइब हुआ, यानी इसे मिलने वाले शेयरों से 170 गुना ज्यादा लोगों ने बिड किया था.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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