Tata Capital IPO में आप भी लगा रहे दांव? सब्सक्राइब करने से पहले कंपनी के ग्रोथ, स्ट्रेंथ और रिस्क पर जरूर डालें नजर; GMP गिरा
टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी Tata Capital Ltd सोमवार, 6 अक्टूबर से अपना 15,511 करोड़ रुपये का IPO लाने वाली है. यह भारत का चौथा सबसे बड़ा इश्यू होने वाला है. कंपनी अपने मजबूत डिजिटल नेटवर्क, ब्रांड वैल्यू और ग्रोथ ट्रैक रिकॉर्ड के दम पर निवेशकों को अपनी ओर खींचना चाहती है. इस स्टोरी में हमने कंपनी के ग्रोथ, स्ट्रेंथ और रिस्क पर नजर डाली है.
Tata Capital IPO Full Analysis: टाटा ग्रुप की वित्तीय सर्विस देने वाली ब्रांच Tata Capital Ltd सोमवार, 6 अक्टूबर से अपना 15,511 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च करने जा रही है. यह अब तक का भारत का चौथा सबसे बड़ा IPO माना जा रहा है. कंपनी अपने डिजिटल नेटवर्क, मजबूत ब्रांड वैल्यू और स्थिर ग्रोथ ट्रैक रिकॉर्ड के दम पर निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश करेगी. इसी के साथ कई लोगों के दिमाग में इस कंपनी के ग्रोथ को लेकर कई सवाल भी हैं. इस खबर में हम आपको आईपीओ की जानकारी के साथ-साथ जीएमपी, स्ट्रेंथ और रिस्क की भी बात करने वाले हैं.
IPO का पूरा ब्यौरा
टाटा कैपिटल का यह इश्यू सोमवार, 6 अक्टूबर से खुलेगा और बुधवार, 8 अक्टूबर तक निवेशक इसमें बोली लगा सकेंगे. कंपनी ने 310 रुपये से 326 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इसमें 6,846 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 8,666 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है. जुटाई गई राशि का इस्तेमाल कंपनी अपने टियर-I कैपिटल को मजबूत करने और भविष्य की कर्ज वितरण योजनाओं को बढ़ाने में करेगी.
क्या है GMP के हाल?
ग्रे मार्केट प्रीमियम के मोर्चे पर टाटा कैपिटल फिलहाल पिछड़ रहा है. मौजूदा आंकड़ों की बात करें तो टाटा कैपिटल के आईपीओ का जीएमपी में गिरावट दिखी है जिसके बाद वह 2.30 फीसदी पर ट्रेड कर रहा है. लिस्टिंग के साथ निवेशकों को 7.5 रुपये प्रति शेयर का मुनाफा हो सकता है. एक दिन पहले यह 9 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. हालांकि, जीएमपी का सबसे हाई स्तर 28 रुपये था जो घटकर 7.5 रुपये हो गया. लिस्टिंग के साथ निवेशकों को प्रति शेयर 7.5 रुपये और प्रति लॉट 345 रुपये का मुनाफा हो सकता है.
तेजी से उभरती NBFC
साल 2007 में स्थापित Tata Capital, आज भारत की प्रमुख नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) में से एक है. कंपनी खुदरा, एसएमई (छोटे व मझोले इंडस्ट्री), कॉरपोरेट और एंटरप्रेन्योर लोन जैसे डायवर्स प्रोडक्ट की पेशकश करती है. जून 2025 तक कंपनी 73 लाख से अधिक ग्राहकों को सेवा दे चुकी है. FY23 से FY25 के बीच इसका लोन बुक 2.33 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो लगभग 37 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है. यह दर बड़े NBFCs में सबसे तेज मानी जा रही है. कंपनी की शाखाओं की संख्या भी इस अवधि में तीन गुना बढ़ी है. Tata Motors Finance के साथ हुए विलय के बाद इसका डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और मजबूत हुआ. कंपनी अब देशभर के टियर-2 और टियर-3 शहरों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है.
डिजिटल और ब्रांड पावर यानी दो इंजन की ताकत
Tata Capital की रणनीति दो प्रमुख स्तंभों पर आधारित है. टाटा ब्रांड की विश्वसनीयता और डिजिटल टेक्नोलॉजी. कंपनी के लगभग 98 फीसदी ग्राहक डिजिटल रूप से ऑनबोर्ड किए जाते हैं और 99 फीसदी कलेक्शन ऑनलाइन होता है. टाटा ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस जैसे Croma, Tata Motors, Tata Housing आदि के साथ क्रॉस-सेलिंग के जरिए कंपनी को पहले से तैयार ग्राहक आधार मिल जाता है. यही वजह है कि हाल के सालों में कंपनी ने हाई मार्जिन वाले सेगमेंट में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इसके अलावा, कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में 25 से अधिक वित्तीय प्रोडक्ट जोड़े हैं, इनमें- पर्सनल लोन, बिजनेस लोन, हाउसिंग फाइनेंस, व्हीकल लोन, इंश्योरेंस और इन्वेस्टमेंट सर्विसेज तक शामिल हैं.
एसेट क्वालिटी और रिस्क मैनेजमेंट
Tata Capital की सबसे बड़ी मजबूती उसकी एसेट क्वालिटी है. कंपनी का प्रोविजनल कवरेज रेशियो लगभग 74 फीसदी है, जिससे यह संभावित क्रेडिट शॉक से सुरक्षित मानी जाती है. Tata Capital का लगभग 88 फीसदी लोन बुक सिक्योर्ड है, यानी लोन के पीछे गिरवी संपत्ति मौजूद है. हालांकि, Tata Motors Finance के साथ हुए विलय का असर FY25 में थोड़ा दिखा, जब ग्रॉस स्टेज-3 लोन बढ़कर 7.1 फीसदी तक पहुंच गए और कंपनी को 181 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज करना पड़ा. इसके बावजूद नेट स्टेज-3 स्तर नियंत्रण में रहा, जो इसकी मजबूत अंडरराइटिंग नीति को दर्शाता है.
मुनाफे की रफ्तार अभी धीमी
जहां ग्रोथ शानदार रही है, वहीं प्रॉफिटेबिलिटी अभी साथ नहीं चल पा रही है. FY23 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 2,945 करोड़ रुपये था, जो FY25 में बढ़कर 3,655 करोड़ रुपये हुआ. यानी केवल 6.6 फीसदी की CAGR. वहीं दूसरी ओर, कॉम्पटेटिंग कंपनियों जैसे Cholamandalam Investment ने 43 फीसदी, Bajaj Finance ने 13 फीसदी और L&T Finance ने 17 फीसदी CAGR दर्ज किया. कंपनी की नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) फिलहाल 5.1 फीसदी है जो बड़े NBFCs में सबसे कम है.
उदाहरण के तौर पर, Bajaj Finance का NIM 9.37 फीसदी, Shriram Finance का 8.24 फीसदी और L&T Finance का 8.21 फीसदी है. Tata Capital का रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 15.5 फीसदी और रिटर्न ऑन एसेट्स (RoA) 2.3 फीसदी है. मैनेजमेंट का मानना है कि तेज विस्तार और विलय की वजह से अल्पकालिक दबाव बना है, लेकिन आने वाले 12–18 महीनों में रिटर्न में सुधार दिखेगा.
डिसक्लेमर: मनी9लाइव का GMP और IPO तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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