Urban Company IPO: दो दिन में 9x सब्सक्रिप्शन और दमदार GMP, धांसू लिस्टिंग की तरफ बढ़ रहा इश्यू
1900 करोड़ रुपये के Urban Company IPO के इश्यू को दो दिन के भीतर 9x का ताबड़तोड़ सब्सक्रिप्शन मिला है. इसके अलावा ग्रे मार्केट में भी इसके शेयरों को लेकर निवेशकों के बीच जबरदस्त क्रेज को दिखाता है. इस तरह अभी तक की स्थिति के लिहाज से देखा जाए, तो यह इश्यू धांसू लिस्टिंग की तरफ बढ़ रहा है.

Urban Company IPO दो दिन में 9 गुना सब्सक्राइब हुआ है. रिटेल के साथ ही और संस्थागत निवेशकों ने भी इसमें जबरदस्त उत्साह दिखाया है. खास तौर पर नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने इसे हाथोंहाथ लिया है. NSE की तरफ से जारी सब्सक्रिप्शन डाटा बताता है कि हर कैटेगरी के निवेशकों ने इस इश्यू को काफी पसंद किया है. इसके अलावा GMP भी लगातार मजबूत बना हुआ है. इस तरह यह इश्यू मजबूत लिस्टिंग की तरफ बढ़ता दिख रहा है.
Urban Company का IPO 12 सितंबर, 2025 को बंद होगा. शेयरों का प्राइस बैंड 98 से 103 रुपये रखा गया है. कुल इश्यू साइज 1,900 करोड़ रुपये का है, जिसमें 472 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाए जाएंगे, जबकि 1,428 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) के तहत पुराने निवेशकों को दिए जाएंगे.
किस कैटेगरी में कितना सब्सक्रिप्शन?
Qualified Institutional Buyers यानी QIBs ने अपने कोटे से 1.48 गुना ज्यादा सब्सक्रिप्शन किया है. इनमें भी विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही है. वहीं, नॉन-इंस्टीट्यूशनल निवेशकों ने 2.90 करोड़ शेयरों के मुकाबले 18.22 गुना आवेदन किया है. रिटेल निवेशकों भी पीछे नहीं है. इस कैटेगरी में कोटे से 17.68 गुना ज्यादा बिड किए हैं. वहीं, कर्मचारियों ने भी कंपनी पर भरोसा जताया और अपने हिस्से के मुकाबले 13.45 गुना सब्सक्राइब किया है. कुल मिलाकर 10.67 करोड़ शेयरों के मुकाबले 96.14 करोड़ शेयरों के लिए आवेदन आए, जो इस IPO की भारी मांग को दर्शाता है.

ग्रे मार्केट में जबरदस्त उत्साह
शेयर बाजार में IPO की लोकप्रियता का अंदाजा ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी GMP से लगाया जाता है. अर्बन कंपनी के मामले में ग्रे मार्केट ने भी निवेशकों के भरोसे को सही साबित किया है. इन्वेस्टरगेन के डाटा के मुताबिक 11 सितंबर, 2025 तक GMP 38 रुपये पर पहुंच चुका है, जो अपर प्राइस बैंड 103 रुपये के मुकाबले 36.89% लिस्टिंग गेन का संकेत देता है.

लगातार बढ़ रहा कंपनी का कारोबार
Urban Company की वित्तीय स्थिति भी मजबूत दिखाई देती है. FY23 से FY25 के बीच कंपनी का रेवेन्यू 34% की CAGR से बढ़ा है, जबकि नेट ट्रांजैक्शन वैल्यू यानी NTV में 25.5% की वृद्धि दर्ज की गई है. FY25 में कंपनी ने 1,144 करोड़ रुपये का रेवेन्यू और 240 करोड़ रुपये का एडजस्टेड PAT रिपोर्ट किया. साथ ही EBITDA घाटा घट रहा है और FY26 तक ब्रेक-ईवन की संभावना जताई जा रही है. ये आंकड़े निवेशकों के भरोसे को और बढ़ाते हैं, क्योंकि कंपनी का बिजनेस लगातार विस्तार और लाभ की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
कहां होगा फंड का उपयोग?
जुटाई गई रकम का इस्तेमाल भी कंपनी की रणनीति के मुताबिक होगा. फ्रेश इश्यू से जुटाई गई राशि में से 190 करोड़ रुपये नई टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के लिए इस्तेमाल होंगे. इसके अलावा 75 करोड़ रुपये ऑफिस लीज और संचालन में, 90 करोड़ रुपये मार्केटिंग गतिविधियों में और 117 करोड़ रुपये जनरल कॉर्पोरेट खर्चों में लगाए जाएंगे. OFS से जुटाई गई रकम पुराने निवेशकों को दी जाएगी, जिन्होंने IPO से पहले कंपनी में निवेश किया था. यह फंडिंग कंपनी के विस्तार और सेवा गुणवत्ता सुधार में मदद करेगी.
प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटेगी
IPO से पहले प्रमोटर्स और प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी 21.1% थी, जो इश्यू के बाद घटकर 20.4% रह जाएगी. OFS के तहत हिस्सेदारी बेचने वाले निवेशकों में एक्सेल इंडिया IV, एलिवेशन कैपिटल V, इंटरनेट फंड V, VYC11 और बेसेमर इंडिया कैपिटल जैसे बड़े निवेशक शामिल हैं. इससे कंपनी की सार्वजनिक हिस्सेदारी बढ़ेगी, जिससे निवेशकों को अधिक पारदर्शिता और अवसर मिलेंगे.
क्या है ब्रोकरेज की राय?
SBI Securities का मानना है कि भारत का होम सर्विस मार्केट FY23 में 4.2–4.3 लाख करोड़ रुपये का था, जो FY30 तक 8.4–8.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. ब्यूटी एंड वेलनेस और होम रिपेयर-मेंटेनेंस जैसे क्षेत्र तेज गति से बढ़ रहे हैं. अर्बन कंपनी का बिजनेस मॉडल बड़े असंगठित बाजार को लक्ष्य कर रहा है और FY26 तक ब्रेक-ईवन की संभावना जताई जा रही है. 98–103 के प्राइस बैंड पर कंपनी का वैल्यूएशन 12.9x P/S है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह IPO लंबी अवधि के लिए निवेश का बेहतरीन अवसर हो सकता है.
डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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