ट्रंप के जीत के बाद इन अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड्स में निवेश का मौका, जानें पूरी डिटेल
भारतीय निवेशकों के पास अब चीन की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनने और अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का लाभ उठाने का मौका है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में म्यूचुअल फंड्स के जरिए से निवेश करना एक कारगर तरीका साबित हुआ है. हालांकि, निवेशकों को सीमित विकल्प मिल रहे हैं क्योंकि नियामक प्रावधानों के चलते इस रास्ते […]
भारतीय निवेशकों के पास अब चीन की ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनने और अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी का लाभ उठाने का मौका है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में म्यूचुअल फंड्स के जरिए से निवेश करना एक कारगर तरीका साबित हुआ है. हालांकि, निवेशकों को सीमित विकल्प मिल रहे हैं क्योंकि नियामक प्रावधानों के चलते इस रास्ते पर कई रुकावटें हैं.
निवेश पर लगी सीमा
फरवरी 2022 में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने घरेलू म्यूचुअल फंड कंपनियों को विदेशी शेयरों में नए निवेश से रोक दिया था. इसका उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तय 7 अरब डॉलर की सीमा का उल्लंघन रोकना था जो कि उद्योग के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेश पर सीमा निर्धारित करता है. व्यक्तिगत फंड हाउस के लिए यह सीमा 1 अरब डॉलर है. साथ ही, विदेशी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) में निवेश के लिए भी 1 अरब डॉलर की सीमा तय की गई है.
कुछ फंड्स में सब्सक्रिप्शन की अनुमति
बाद में SEBI ने म्यूचुअल फंड्स को विदेशी शेयरों में निवेश की अनुमति दी बशर्ते कि उनके फंड का निवेश आरबीआई की निर्धारित सीमाओं के अनुसार हो. इसके बाद से कई फंड हाउस ने अलग-अलग समय पर सब्सक्रिप्शन लेना शुरू किया. वर्तमान में, कुल 76 अंतरराष्ट्रीय योजनाओं में से 43 योजनाएं निवेश के लिए खुली हैं. इनमें से केवल एक को छोड़कर सभी योजनाओं में SIP के माध्यम से निवेश की सुविधा है हालांकि कई में लम्प-सम निवेश बंद है.
नीचे उन इंटरनेशनल योजनाओं के नाम दिए गए हैं जो भारतीय निवेशकों के लिए खुले हैं:



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