Mutual Funds में SIP बेहतर या लंपसम? कौन बनाता है ज्यादा पैसा, 10 साल के आंकड़ों के साथ समझें पूरी कैलकुलेशन

कंपाउंडिंग की ताकत की वजह से म्यूचुअल फंड FD की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो प्रमुख तरीके हैं. पहला SIP और दूसरा लंपसम निवेश. SIP में निवेशक हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम डालकर धीरे-धीरे एक बड़ा अमाउंट तैयार कर सकते हैं. आइए 3000 SIP बनाम 3 लाख लंपसम से इस पूरे गणित को विस्तार से समझते है.

म्‍यूचुअल फंडों में एकमुश्‍त करें निवेश या अपनाएं एसआईपी Image Credit: Getty Images

SIP Vs LumpSum: पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड भारतीय निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हुए हैं. अलग-अलग जरूरतों के लिए कई तरह की योजनाएं मौजूद हैं, जिनमें निवेशक लंबे समय में अच्छा पैसा बना सकते हैं. कंपाउंडिंग की ताकत की वजह से म्यूचुअल फंड FD की तुलना में बेहतर रिटर्न देते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने के दो प्रमुख तरीके हैं. पहला SIP और दूसरा लंपसम निवेश. SIP में निवेशक हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम डालकर धीरे-धीरे एक बड़ा अमाउंट तैयार कर सकते हैं. वहीं लंप सम में एक बार में बड़ी रकम निवेश की जाती है, जिससे पहले दिन से ही पूरी अमाउंट पर रिटर्न मिलना शुरू हो जाता है.

कौन सा तरीका बेहतर है?

अक्सर निवेशक इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि उन्हें बड़ी राशि एक साथ निवेश करनी चाहिए या फिर हर महीने SIP के जरिए पैसा लगाना चाहिए. सच यह है कि दोनों तरीकों के अपने फायदे और सीमाएं हैं. यह पूरी तरह आपकी कमाई, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि पर निर्भर करता है. आइए 3000 SIP बनाम 3 लाख लंपसम से इस पूरे गणित को विस्तार से समझते है.

3000 SIP बनाम 3 लाख रुपये लंपसम

अगर आप 3 लाख की राशि एक बार में बाजार में निवेश करते हैं तो आपका पूरा पैसा उसी समय के बाजार हालात पर निर्भर हो जाता है. अगर बाजार हाई पर हो और बाद में गिर जाए तो आपके निवेश की वैल्यू कम हो सकती है. लेकिन अगर आप गिरते बाजार में निवेश करते हैं तो रिबाउंड के समय अच्छी कमाई का मौका मिलता है. वहीं, 3000 की मासिक SIP में आपका निवेश समय के साथ फैल जाता है. इससे बाजार की उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है. SIP में रुपये लागत औसत (Rupee Cost Averaging) का फायदा मिलता है. यानी जब बाजार गिरता है तो आपको ज्यादा यूनिट मिलती हैं और जब बढ़ता है तो कम. इस तरह लंबे समय में Rupee Cost Average बैलेंस रहता है.

10 साल में कितना बनेगा पैसा? (ब्याज दर: 12%)

1) SIP में निवेश

  • मासिक निवेश: 3000 रुपये
  • अवधि: 10 साल
  • कुल निवेश: 3.60 लाख रुपये
  • अनुमानित रिटर्न: 3.12 लाख रुपये
  • मैच्योरिटी कॉर्पस: 6.72 लाख रुपये

2) लंपसम निवेश

  • कुल निवेश: 3 लाख
  • अवधि: 10 साल
  • अनुमानित रिटर्न: 6.32 लाख रुपये
  • मैच्योरिटी कॉर्पस: 9.32 लाख रुपये

आंकड़ों से साफ है कि लंपसम में कम निवेश करके भी SIP से ज्यादा मैच्योरिटी कॉर्पस मिल सकती है, क्योंकि पूरी राशि पहले दिन से ही बढ़ना शुरू कर देती है. लेकिन इसमें बाजार जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है.

किसे क्या चुनना चाहिए?

सैलरी पाने वालों या नियमित इनकम वाले लोगों के लिए SIP सबसे सुविधाजनक तरीका है. छोटी रकम से शुरुआत करने, जोखिम कम करने और लंबे समय तक अनुशासित निवेश बनाए रखने में SIP बेहतरीन ऑप्शन है. वहीं, अगर आपके पास पहले से बड़ी राशि उपलब्ध है और आप बाजार जोखिम उठाने में सहज हैं, तो लंपसम निवेश आपको ज्यादा रिटर्न दिला सकता है.

इसे भी पढ़ें- नेट प्रॉफिट का बाजीगर! तिमाही नतीजों के बाद फोकस में शेयर, म्यूचुअल फंड ने भी लगाया तगड़ा दांव

डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.