8वें वेतन आयोग में TOR पर आईं ये बड़ी डिमांड, जानें DA, पेंशन, सैलरी हाइक का कैसा बनेगा फॉर्मूला
सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को लेकर अहम बैठक हुई, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. कर्मचारियों की मांगों और सरकार के रुख को लेकर एक नई जानकारी सामने आई है जो उनकी आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डाल सकती है.
8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में सुधार को लेकर 8वें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस सिलसिले में 10 फरवरी 2025 को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के सचिव और राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), संयुक्त सलाहकार तंत्र (NC-JCM) के सदस्यों के बीच बैठक हुई. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित संदर्भ शर्तों (Terms of Reference – ToR) पर चर्चा करना था. बैठक के दौरान कर्मचारियों के हितों से जुड़ी कई अहम मांगों को उठाया गया, जिसमें न्यूनतम वेतन निर्धारण, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, जोखिम भत्ता, ग्रेड पे में सुधार और विभिन्न भत्तों की पुनर्समीक्षा शामिल रही. सचिव, DoPT ने सभी बिंदुओं को ध्यानपूर्वक सुना और आश्वासन दिया कि इस मुद्दे पर आगे भी विचार-विमर्श जारी रहेगा.
वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों को लेकर कर्मचारियों की मांगें
बैठक के दौरान कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने 8वें वेतन आयोग के लिए प्रस्तावित संदर्भ शर्तों को विस्तार से समझाया और उनमें आवश्यक लचीलेपन की मांग की.
- ToR में लचीलापन
कर्मचारी संगठनों ने मांग की कि 8वें वेतन आयोग की शर्तों में ऐसा प्रावधान हो जिससे सभी केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सामान्य मुद्दों को शामिल किया जा सके. इसके अलावा, रेलवे और रक्षा मंत्रालयों से जुड़े कर्मचारियों की विशिष्ट समस्याओं पर भी विचार हो. उन्होंने इन मंत्रालयों में कार्यरत कर्मचारियों की जोखिम भरी नौकरियों और बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं का भी उल्लेख किया.
- न्यूनतम वेतन निर्धारण
कर्मचारियों ने न्यूनतम वेतन निर्धारण के लिए पांच-सदस्यीय परिवार की अवधारणा अपनाने की मांग की. उन्होंने तर्क दिया कि “माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2022” के अनुसार, बच्चों पर अपने माता-पिता की देखभाल की कानूनी जिम्मेदारी होती है इसलिए तीन सदस्यीय परिवार की बजाय पांच सदस्यीय परिवार को आधार बनाया जाना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने “सम्मानजनक जीवनयापन वेतन” की मांग की जिसमें वर्तमान जीवन स्तर और पोषण संबंधी आवश्यकताओं का समुचित ध्यान रखा जाए.
- पेंशन से जुड़ी मांगें
- कर्मचारियों ने नॉन-कंट्रीब्यूटरी पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने की मांग की.
- उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी आंशिक रूप से शामिल पेंशन की बहाली 12 वर्षों में कर दी जानी चाहिए.
- संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के अनुसार, हर पांच वर्षों में पेंशन में वृद्धि की जानी चाहिए.
- स्थायी रूप से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलने वाला फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) ₹3,000 प्रति माह किए जाने की मांग रखी गई.
- कर्मचारियों ने सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) से जुड़ी समस्याओं के समाधान पर जोर दिया.
- ग्रामीण डाक सेवकों और चुनाव आयोग कर्मचारियों को शामिल करने की मांग
बैठक में यह भी मांग रखी गई कि 8वें वेतन आयोग की परिधि में ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) और चुनाव आयोग के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए.
वेतन संरचना और प्रोमोशन से संबंधित मांगें
- गैर-व्यवहारिक वेतनमानों का विलय
कर्मचारियों के हवाले से मांग की गई कि गैर-व्यवहारिक वेतनमानों का विलय कर न्यूनतम एंट्री लेवल वेतन में वृद्धि की जाए. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की योग्यता और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए वेतनमान में संशोधन किया जाना चाहिए. साथ ही, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) के कर्मचारियों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया जाए.
- बच्चों की शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी
सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले बच्चों की शिक्षा भत्ता (Children Education Allowance) और छात्रावास सब्सिडी (Hostel Subsidy) को स्नातकोत्तर (Post Graduation) और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों (Professional Courses) तक बढ़ाने की मांग की गई.
मंत्रालय-विशेष की मांगें
- रेलवे कर्मचारियों की मांगें
रेलवे कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ता समिति (Risk Allowance Committee) की सिफारिशों को शीघ्र लागू करने की मांग की गई. इसके अतिरिक्त, रनिंग अलाउंस को इनकम टैक्स फ्री करने की भी मांग उठाई गई.
- रक्षा मंत्रालय से संबंधित मुद्दे
रक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों के हवाले से बताया गया कि वह जोखिम भत्ता से जुड़ी अनुशंसाओं को अंतिम रूप देने में हो रही देरी से परेशान हैं. ऐसे में इस पर शीघ्र निर्णय लिया जाना चाहिए.
लंबित मुद्दे और अंतरिम राहत की मांग
- कैडर समीक्षा और इंटरग्रेड रेशियो
कर्मचारियों ने विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों से लंबित कैडर रिव्यू और इंटरग्रेड रेशियो को जल्द से जल्द मंजूरी देने की मांग की. उन्होंने कहा कि इन मामलों को 8वें वेतन आयोग की प्रक्रिया के चलते लंबित नहीं रखना चाहिए.
- डीए/डीआर का विलय और अंतरिम राहत
कर्मचारी संगठनों ने महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) का 50 फीसदी मूल वेतन में समायोजन करने की मांग की. इसके अलावा, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए अंतरिम राहत (Interim Relief) की भी मांग की गई.
बैठक का निष्कर्ष और आगे की रणनीति
बैठक के अंत में DoPT सचिव ने कर्मचारियों की सभी मांगों को ध्यानपूर्वक सुना और कहा कि यह बैठक एक प्रारंभिक चर्चा थी. उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों की चिंताओं पर विचार किया जाएगा और भविष्य में भी इस विषय पर संवाद जारी रहेगा.
इसके अलावा, NC-JCM के कर्मचारी पक्ष ने घोषणा की कि वे अपने घटक संगठनों से विस्तृत प्रस्ताव एवं औचित्य प्रस्तुत करने के लिए एक अलग परिपत्र जारी करेंगे. इन प्रस्तावों के आधार पर, वे 8वें वेतन आयोग के लिए एक समग्र ज्ञापन तैयार कर केंद्र सरकार को सौंपेंगे.
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