8वें वेतन आयोग के TOR में छिपा है ट्विस्ट, पेंशनर्स के लिए फायदे की बात! जानें किन चीजों पर हो सकता है फैसला

सरकार ने 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी है लेकिन पेंशनर्स नाराज हैं. AIDEF ने आरोप लगाया है कि आयोग में 69 लाख पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया है. ToR में पेंशन शब्द का उल्लेख नहीं है, हालांकि इसमें वेतन, भत्ते और रिटायरमेंट बेनेफिट की समीक्षा की बात कही गई है.

AIDEF ने आरोप लगाया है कि 69 लाख पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया है. Image Credit: money9live

8th Pay Commission: सरकार ने हाल ही में 8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दी है. जिससे केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी का माहौल है. लेकिन सरकार के इस फैसले से सभी लोग खुश नहीं हैं, खासकर पेंशनर्स. ऑल इंडिया डिफेंस एम्प्लॉइज फेडरेशन (AIDEF) ने दावा किया है कि इस आयोग में 69 लाख केंद्र सरकार के पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को शामिल नहीं किया गया है. इसके अलावा ग्रामीण डाक सेवकों को लेकर भी संशय बना हुआ है कि उन्हें 8 वें वेतन आयोग की समीक्षा में रखा गया है या नहीं. इस बीच अगर नोटिफिकेशन की बारीकी को देखा जाए तो उसमें कई तरह की सर्विस के लिए पेंशन और अन्य सुविधाओं की इन डायरेक्ट समीक्षा की बात की गई है.

आधिकारिक ToR क्या कहता है

सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग की टर्म ऑफ रेफरेंस (ToR) यानी दिशा-निर्देशों को औपचारिक रूप से नोटिफाई किया है. आधिकारिक नोटिफिकेशन में ‘पेंशनर्स’ या ‘फैमिली पेंशनर्स’ का नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिखा गया है, लेकिन इसमें वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाओं की समीक्षा का उल्लेख किया गया है, जिनमें रिटायरमेंट बेनेफिट जैसे सभी प्रकार की पेंशन भी शामिल हैं.

8वें वेतन आयोग के दायरे में आने वाले कर्मचारी वर्ग:

किन कर्मचारियों को शामिल किया गया है

8वें वेतन आयोग में केंद्रीय सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी, रक्षा बलों के कर्मचारी, केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कर्मचारी तथा संसद द्वारा गठित नियामक संस्थाओं के सदस्य शामिल किए गए हैं.

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रिटायरमेंट बेनेफिट की भी होगी समीक्षा

ToR में आयोग को निर्देश दिया गया है कि वह नेशनल पेंशन सिस्टम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और पेंशन लाभों की समीक्षा करे. साथ ही गैर-योगदान आधारित पेंशन योजनाओं की लागत को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें दे.

AIDEF का आरोप, पेंशनर्स को किया गया बाहर

AIDEF के अनुसार, जिन कर्मचारियों ने तीन दशक से अधिक समय तक देश की सेवा की, उन्हें अब 8वें वेतन आयोग की समीक्षा से बाहर रखा गया है. संगठन ने कहा कि पेंशन का संशोधन पेंशनर्स का अधिकार है और उन्हें इससे वंचित करना सही नहीं है.

18 महीने में सौंपी जाएगी रिपोर्ट

8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें 18 महीनों में सरकार को सौंपनी होंगी. उम्मीद है कि आयोग अपनी रिपोर्ट में कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों से जुड़े वेतन और पेंशन से संबंधित विषयों पर डिटेल सुझाव देगा.

सांसद ने लिखा पत्र

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर लोकसभा क्षेत्र से TDP सांसद अंबिका जी. लक्ष्मीनारायण वाल्मीकि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) को 8वें केंद्रीय वेतन आयोग की परिधि में शामिल करने का अनुरोध किया है. उन्होंने पत्र में कहा कि देशभर में करीब 2.75 लाख ग्रामीण डाक सेवक आवश्यक सेवाएं दे रहे हैं और उन्हें शहरी डाक कर्मियों के समान सम्मान और लाभ मिलना चाहिए.

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