कौन-कौन ले सकता है जॉइंट लोन, टैक्स में मिलेगी डबल छूट! जानें कैसे मिलेगा लाखों का फायदा
Home Loan: जांइट होम लोन लेने के कई सारे फायदे हैं. इसके तहत आपको घर खरीदते समय ज्यादा समझौता नहीं करना पड़ेगा और बजट भी कम नहीं करना पड़ेगा बल्कि आप ज्यादा लोन ले सकते हैं. साथ ही टैक्स छूट भी ले सकते हैं.

Benefits of Join Home Loan: अगर आप होम लोन लेने का प्लान कर रहे हैं तो क्या आपको पता है कि ये लोन आप मिलकर ले सकते हैं. अगर आप पति-पत्नी हैं तो आप मिल कर भी होम लोन ले सकते हैं. मिलकर लोन लेने के अपने कई फायदे हैं जैसे सबसे बड़ा फायदा- टैक्स में छूट मिल जाएगी, लोन मिलने में आसानी होगी, इसके फायदे और भी हैं. चलिए जानते हैं.
कौन-कौन ले सकता है जॉइंट होम लोन
जॉइंट लोन दो या दो से ज्यादा लोग मिलकर एक साथ ले सकते हैं. आमतौर पर, पति-पत्नी, माता-पिता और बच्चे या भाई-बहन जैसे करीबी रिश्तेदार जॉइंट लोन के लिए अप्लाई करते हैं. हालांकि, कुछ वित्तीय संस्थाएं भाई-बहन या माता-पिता और बच्चों के साथ भी जॉइंट लोन की अनुमति देते हैं.
जॉइंट होम लोन लेना फायदेमंद
लोन एलिजिबिलिटी:
जब दो लोग साथ मिलकर लोन लेते हैं, तो बैंक दोनों की इनकम जोड़कर लोन की रकम तय करता है. अगर पति-पत्नी दोनों 1-1 लाख कमाते हैं, तो बैंक 2 लाख की इनकम मानकर ज्यादा लोन देगा. इससे लोन की लिमिट बढ़ जाती है .
ब्याज दर:
अगर आपकी पत्नी और दूसरे साथी का क्रेडिट स्कोर भी अच्छा है तो बैंक ब्याज दर थोड़ी कम कर देता है. कुछ बैंक महिला ओं को 0.05 से लेकर 0.15 फीसदी तक की छूट भी देते हैं.
टैक्स में डबल छूट:
पुराने टैक्स सिस्टम में अगर दोनों EMI भरते हैं तो दोनों अलग-अलग टैक्स छूट ले सकते हैं. सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख की छूट (मूलधन पर) और सेक्शन 24(b) के तहत 2 लाख की छूट ब्याज पर. यानी पति और पत्नी दोनों मिलकर सालाना 7 लाख तक की टैक्स छूट पा सकते हैं.
स्टांप ड्यूटी में छूट:
अगर पत्नी के साथ लोन लिया है तो कुछ राज्यों में स्टांप ड्यूटी में छूट मिलती है. ऐसी स्थिति में दिल्ली में 7% की जगह सिर्फ 6% ड्यूटी लगती है. महाराष्ट्र में ये छूट सिर्फ तभी मिलती है जब दोनों मालिक महिलाएं हों.
सरकारी सब्सिडी:
PMAY में सब्सिडी सिर्फ तभी मिलती है जब घर पहली बार खरीदा जा रहा हो और पत्नी के साथ लोन लिया हो.
सावधानियां भी जरूरी
अगर पति या पत्नी किसी को भी लोन से बाहर निकलना है तो ये आसान नहीं होता. बैंक को भरोसा दिलाना पड़ता है कि बचा हुआ लोन आप अकेले चुका सकते हैं. अगर दोनों में से एक की मौत हो जाती है तो दूसरा मालिक अपने हिस्से को आसानी से ट्रांसफर या इस्तेमाल कर सकता है. लेकिन इसके लिए वसीयत बना कर रखना बेहतर होता है.
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