CBDT ने शुरू किया NUDGE कैंपेन, SMS-ईमेल आ रहे हैं तो तुरंत सुधारें ये गलतियां; 31 दिसंबर तक मौका
CBDT ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए NUDGE कैंपेन शुरू किया है, जिसके तहत गलत डिडक्शन और छूट के मामलों में टैक्सपेयर्स को SMS और ईमेल के जरिए अलर्ट किया जा रहा है. इसका मकसद डराना नहीं, बल्कि टैक्सपेयर्स को खुद से ITR की समीक्षा कर स्वेच्छा से गलती सुधारने का अवसर देना है. संशोधित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर 2025 है.
ITR CBDT NUDGE Campaign: आयकर दाताओं के लिए एक अहम जानकारी सामने आई है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए एक खास NUDGE कैंपेन शुरू किया है. इस अभियान का मकसद टैक्सपेयर्स को डराना या जांच के दायरे में लाना नहीं, बल्कि उन्हें खुद से अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) की समीक्षा करने और अगर कोई गलती हो तो उसे स्वेच्छा से सुधारने के लिए प्रेरित करना है.
क्यों शुरू किया गया NUDGE कैंपेन?
CBDT ने 23 दिसंबर 2025 को जारी अपने नोटिफिकेशन में बताया कि एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स और रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां असेसमेंट ईयर 2025-26 में डिडक्शन और छूट गलत तरीके से क्लेम की गई हैं. इन मामलों में कई तरह की गड़बड़ियां पाई गई हैं. कुछ टैक्सपेयर्स ने ऐसी राजनीतिक पार्टियों या संस्थाओं को दान दिखाया है, जो या तो मान्यता प्राप्त नहीं हैं या अस्तित्व में ही नहीं हैं. कई मामलों में डोनेशन के लिए गलत या अमान्य PAN नंबर डाले गए हैं. वहीं, कुछ रिटर्न में डिडक्शन की रकम जरूरत से ज्यादा दिखाई गई है, जिससे इनकम कम और टैक्स देनदारी कम हो गई.
टैक्सपेयर्स को कैसे किया जा रहा है अलर्ट?
इन मामलों में सीधा नोटिस भेजने की बजाय इनकम टैक्स विभाग ने SMS और ईमेल के जरिए टैक्सपेयर्स से संपर्क किया है. यह संपर्क “Non-intrusive Usage of Data to Guide and Enable (NUDGE)” अभियान के तहत किया जा रहा है. इसमें टैक्सपेयर्स से कहा गया है कि वे अपनी ITR दोबारा जांच लें और अगर कोई गलत दावा किया गया है तो 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित रिटर्न (Revised Return) दाखिल कर लें.
गलत क्लेम से कैसे बचें? जानिए जरूरी स्टेप्स
- SMS और ईमेल जरूर चेक करें: 12 दिसंबर 2025 के बाद आए इनकम टैक्स विभाग के मैसेज या ईमेल को नजरअंदाज न करें.
- डोनेशन क्लेम की जांच करें: सेक्शन 80G और 80GGC के तहत दिखाए गए दान की जांच करें. संस्था की वैधता, सही PAN और पेमेंट मोड जरूर मिलाएं.
- जोखिम वाले संकेत पहचानें: फर्जी रसीद, नकद भुगतान, गैर-मान्यता प्राप्त संस्थाएं या अधूरी जानकारी खतरे की निशानी हो सकती हैं.
- रिटर्न सुधारें: अगर गलती मिले तो संशोधित रिटर्न या पुराने सालों के लिए ITR-U फाइल करें.
- कॉन्टैक्ट डिटेल अपडेट रखें: ई-फाइलिंग पोर्टल पर मोबाइल नंबर और ईमेल सही रखें, ताकि कोई जरूरी अलर्ट मिस न हो.
सही क्लेम वालों को घबराने की जरूरत नहीं
CBDT ने साफ किया है कि जिन टैक्सपेयर्स ने कानून के मुताबिक सही तरीके से डिडक्शन और छूट का दावा किया है, उन्हें किसी तरह की कार्रवाई करने की जरूरत नहीं है. लेकिन जिन लोगों ने तय समयसीमा तक गलती नहीं सुधारी, वे 1 जनवरी 2026 से अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) दाखिल कर सकते हैं. हालांकि, इसमें अतिरिक्त टैक्स और चार्ज देना पड़ सकता है.
टैक्स सिस्टम की कोशिश
CBDT का कहना है कि यह पहल ट्रस्ट-बेस्ड टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन की दिशा में एक बड़ा कदम है. विभाग चाहता है कि टैक्सपेयर्स खुद अपनी गलतियों को सुधारें, ताकि अनावश्यक जांच, नोटिस और कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके. इस अभियान में टेक्नोलॉजी और डेटा का इस्तेमाल सिर्फ मार्गदर्शन के लिए किया जा रहा है, न कि दबाव बनाने के लिए.
अब तक का असर क्या रहा?
CBDT के मुताबिक, इस तरह के अभियानों का असर पहले भी देखने को मिला है. वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 21 लाख से ज्यादा टैक्सपेयर्स ने असेसमेंट ईयर 2021-22 से 2024-25 तक की अपनी रिटर्न अपडेट की हैं. इसके चलते सरकार को 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का अतिरिक्त टैक्स मिला है. वहीं, चालू असेसमेंट ईयर 2025-26 में ही 15 लाख से ज्यादा ITR पहले ही संशोधित की जा चुकी हैं.
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