विदेश यात्रा पर कौन सा कार्ड बेस्ट, डेबिट या क्रेडिट, जानिए पूरा गणित
अगर आप विदेश घूमने का प्लान कर रहे हैं लेकिन सस्ती यात्रा चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. डेबिट और क्रेडिट कार्ड के अपने फायदे हैं लेकिन साथ ही इसमें कई तरह के चार्ज वसूले जाते हैं. आर्टिकल में पढ़ें कि कौन सा कार्ड आपके लिए है सबसे सही है.

अगर आप विदेश घूमने की योजना बना रहे हैं तो क्या आपने यह सोचा कि आप कैसे खर्च करने वाले हैं. भारत में आप यूपीआई के अलावा आमतौर पर डेबिट या क्रेडिट कार्ड से खर्च करते हैं लेकिन जब विदेश जाएंगे तब कौन से कार्ड का उपयोग करेंगे? यह तय करने के लिए पहले आपको जानना होगा कि विदेश में डेबिट या क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल पर कितना शुल्क लगता है? कितना टैक्स लगता है? कौन सा कार्ड इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित होता है? इन सबके जवाब मिलने के बाद आप आसानी से तय कर पाएंगे.
सबसे पहले तो यह पता कर लीजिए कि क्या आपकी बैंक ने आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड को विदेश में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी है. यह आप अपनी बैंक या उसके एप पर जा कर पता कर सकते हैं. अगर आपके कार्ड को मंजूरी नहीं मिली है तो आप इसके लिए बैंक के पास आवेदन कर सकते हैं.
डेबिट/क्रेडिट कार्ड: मार्क अप फीस, फॉरेक्स चार्ज
विदेश में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर मार्क अप फीस वसूली जाती है. यह बैंक द्वारा अपने ग्राहकों से वसूला जाने वाला अतिरिक्त शुल्क होता है. आपके ट्रांजेक्शन का कुछ पर्सेंट काटा जाता है. आमतौर पर मार्क अप फीस 1% होती है. कुछ मामलों में यह 2% भी हो जाती है. डेबिट कार्ड हो या क्रेडिट कार्ड, मार्क अप फीस 1% ही होती है.
कुछ बैंक आपको ऐसे डेबिट या क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करवा सकते हैं जिन पर शून्य (0) मार्क अप फीस लगती है. हालांकि ये काफी ज्यादा नियम और शर्तों के साथ दिए जाते हैं.
फॉरेक्स चार्ज: इसके अलावा फॉरेक्स चार्ज भी वसूला जाता है. जब भी आप विदेश में खर्च करेंगे तो वह खर्च विदेशी मुद्रा में होगा. खर्च करने पर आपका रुपया विदेशी मुद्रा में बदल जाता है. इस बदलाव के लिए ही फॉरेक्स कन्वर्जन फीस वसूली जाती है जो आमतौर पर हर लेन-देन पर 3.5% तक होती है.
कितना TCS (टैक्स) कटता है?
1 अक्टूबर 2023 से टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) 20% वसूला जाने लगा है. डेबिट कार्ड पर एक वित्त वर्ष में 7 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च (रेमिटेंस) होने पर टीसीएस कटता है. अगर रेमिटेंस की रकम 7 लाख रुपयों से कम हैं तो कोई टीसीएस नहीं कटता. हालांकि मेडिकल और शिक्षा जैसे कुछ खर्चों पर राहत मिलती है.
अच्छी बात यह है कि इंटरनेशनल क्रेडिट कार्ड को इससे बाहर रखा गया है ऐसे में इस पर टीसीएस नहीं वसूला जाता.
ध्यान देने वाली बात यह है कि टीसीएस को आप टीडीएस की तरह ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर क्लेम कर सकते हैं.
विदेशों में ATM से निकासी पर कौन सा कार्ड बेहतर?
अगर आप डेबिट कार्ड से विदेशों में एटीएम से पैसा निकालते हैं तो हर बार पैसा निकालने पर विड्रॉल फीस के नाम पर आमतौर पर 125 से 150 रुपये तक फीस वसूली जाती है.
वहीं क्रेडिट कार्ड पर फीस ज्यादा होती है. क्रेडिट कार्ड आपको कैश निकालने की सुविधा तो देता है लेकिन तमाम शुल्क भी वसूल लेता है. जैसे कैश एडवांस फीस जो 3.5% तक होती है, इसके अलावा कार्ड के आधार पर ब्याज वसूला जाता है जो काफी ज्यादा होता है, इसके अलावा फॉरेन करेंसी ट्रांजेक्शन फीस भी 3.5% तक होती है.
विदेश में कौन सा कार्ड ज्यादा सुरक्षित है?
स्कैम, फ्रॉड ये सब अब इतनी आम बातें हो गई हैं कि पढ़ा लिखा व्यक्ति भी इसका शिकार हो ही जाता है. डेबिट कार्ड में रखा पैसा आपका अपना होता है. अगर इसमें कोई धोकाधड़ी करता है तो एक बार में सारा का सारा पैसा खाली हो सकता है.
वहीं धोखाधड़ी करने वाला आपके क्रेडिट कार्ड में भी सेंधमारी कर सकता है. हालांकि इसमें रखा पैसा बैंक का आपना होता है, इसीलिए ऐसे समय में बैंक उसे ब्लॉक करने में देर नहीं लगाते.
खर्च का तरीका बताएगा कौन सा कार्ड बेहतर?
डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में आपकी लिमिट तय है, क्योंकि इसमें जितने पैसे हैं आप उतना ही इस्तेमाल करेंगे जबकि क्रेडिट कार्ड में लिमिट ज्यादा भी हो सकती है. इन पैसों को आपको कुछ समय में लौटाना होता है. समय पर पैसा ना लौटाने पर अच्छा खासा ब्याज वसूला जाता है.
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