इन गलतियों के चलते कहीं कर्ज के जाल में तो नहीं फंस रहे आप, चेक करें ये 5 फैक्टर
Debt Trap: कर्ज के जाल की शुरुआत अक्सर पेमेंट की डेडलाइन से चूक जाने पर शुरू होती है. डेडलाइन चूकने पर ब्याज दर बढ़ती है और आपके ऊपर फाइनेंशियल दबाव बढ़ाता चला जाता है.
हर किसी के जीवन एक समय ऐसा आ ही जाता है जब कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है जो आपको समस्या के समय राहत देता है. इसे समय रहते चुका दें तो और सही रहता है लेकिन कई बार ऐसी स्थिति आती है जब एक कर्ज को चुकाने के लिए आप दूसरा कर्ज लेते हैं. इसे कर्ज के जाल में फंसना बोलते हैं. अंग्रेजी में बोले तो डेट ट्रैप.
कर्ज का जाल: पहचाने और एक्शन लें
कई बार होता ये है कि आप उतना कर्ज लेते हैं जितनी आपमें उसे वापस करने की क्षमता नहीं होती. फिर धीरे धीरे आप कर्ज को चुकाने के लिए कर्ज लेते हैं और एक भारी जाल में फंस जाते हैं. और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी खत्म हो जाती है.
कर्ज के जाल की शुरुआत अक्सर पेमेंट की डेडलाइन से चूक जाने पर शुरू होती है. डेडलाइन चूकने पर ब्याज दर बढ़ती है और आपके ऊपर फाइनेंशियल दबाव बढ़ाता चला जाता है.
ऐसे में क्या करें?
EMI से पता करें: अगर आपकी ईएमआई आपकी मासिक सैलेरी के 50% को पार कर जाए मतलब समझ लीजिए समस्या है. अगर 50 हजार कमाते हैं और आपकी ईएमआई 25 हजार या इससे ज्यादा है तो आपने अपनी क्षमता से ज्यादा लोन ले लिया है.
एक से ज्यादा लोन: अगर आपने एक ही समय पर एक से ज्यादा लोन ले रखें हैं तो यह आपकी फाइनेंशियल स्थिति को गड़बड़ा सकता है.
क्रेडिट कार्ड: हद से ज्यादा क्रेडिट कार्ड पर निर्भर रहना भी आपको परेशानी में डाल सकता है.
खर्च: अगर आपकी सैलरी का 70% या इससे ज्यादा फिक्स्ड खर्चों पर जा रहा है तो आपके फाइनेंसेस आगे चल कर गड़बड़ा सकते हैं. फिक्स्ड खर्चों से मतलब हल महीने में आपके जो स्थायी खर्चें हैं जैसे किराया, बिजली बिल, मोबाइल बिल, आदी.
जीरो बचत: अगर आपके जीवन में बचट का नामो निशान नहीं है मतलब आपकी फाइनेंशियल स्थिति सही नहीं है.
अगर आपकी बेसिक जरूरतें सैलेरी से पूरी नहीं होती है तो जरूरतों को कम करने की जरूरत हो सकती है, ऐसा ना करने पर आप कर्ज लेंगे जो आपको आगे चलकर कर्ज के जाल में फंसा सकता है.
कर्ज के जाल से कैसे बचें?
वैसे तो कर्ज के जाल से बाहर निकलना बहुत ज्यादा चैलेंजिंग है, लेकिन सही स्ट्रैटेजी अपनाने पर चीजें सुधर सकती हैं. नीचे पढ़ें आप क्या-क्या कर सकते हैं:
- पहले अपनी माली हालत पर गौर करें, स्वीकार करें और पहचाने की आप कर्ज के जाल में फंसे पड़े हैं. लिस्ट बनाएं आपके ऊपर कितनी देनदारी है.
- इसके बाद एक पुख्ता बजट बनाएं, कितना खर्च करेंगे उसकी डेडलाइन सेट करें. फालतु के खर्चों को पूरी तरह से बंद करें और ज्यादा से ज्यादा बजट कर्ज वापस करने में खर्च करें.
- सबसे पहले उस कर्ज को निपटाने की कोशिश करें जिसपर आपको ज्यादा ब्याज चुकाना है, कोशिश करें बीच-बीच में कोई बड़ी रकम चुकाएं.
- आपने जिनसे उधार लिया है उनके साथ थोड़ा समझौता करें, जैसे कुछ उधार माफी, ब्याज दर में कटौती.
- अगर हो सकें तो आप ऐसा सामान बेच सकते हैं जिसकी आपको ज्यादा जरूरत नहीं है, इस वजह से थोड़ा पैसा मिल जाता है.