31 दिसंबर की डेडलाइन से पहले प्रोसेस नहीं हुआ ITR तो क्या होगा? जान लें कितना बड़ा है रिस्क
31 दिसंबर 2025 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों के लिए बेहद अहम तारीख है. इस तारीख के बाद ITR को स्वेच्छा से संशोधित करने का विकल्प खत्म हो जाता है, भले ही रिटर्न प्रोसेस न हुई हो. अभी करीब 70 लाख ITR पेंडिंग हैं, जिनमें कई रिफंड से जुड़ी हैं.
Income tax refund Deadline 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों के लिए 31 दिसंबर 2025 बेहद अहम तारीख है. अभी भी लाखों ITR प्रोसेस नहीं हुई हैं, जिनमें बड़ी संख्या रिफंड से जुड़ी है. कई मामलों में फॉर्म 16 और ITR के बीच डिडक्शन या डोनेशन को लेकर अंतर सामने आया है. ऐसे में टैक्सपेयर्स के मन में सवाल है कि अगर 31 दिसंबर तक ITR प्रोसेस नहीं हुई तो क्या होगा. इस रिपोर्ट में हम आपको आसान भाषा में पूरा नियम समझा रहे हैं.
31 दिसंबर के बाद क्या बदल जाता है
31 दिसंबर 2025 के बाद टैक्सपेयर्स को अपनी ITR स्वेच्छा से संशोधित करने का अधिकार खत्म हो जाता है. भले ही रिटर्न अभी प्रोसेस न हुई हो, लेकिन रिवाइज करने की सुविधा नहीं रहती. कई लोग मानते हैं कि प्रोसेस होने तक सुधार किया जा सकता है, जबकि नियमों के मुताबिक यह अधिकार केवल डेडलाइन तक ही सीमित है. इसके बाद सुधार की प्रक्रिया जटिल और महंगी हो जाती है.
कितनी ITR अभी भी पेंडिंग हैं
28 दिसंबर तक करीब 8.5 करोड़ ITR फाइल और वेरिफाई हो चुकी थीं. इनमें से लगभग 7.8 करोड़ रिटर्न प्रोसेस हो गई हैं. यानी करीब 70 लाख से ज्यादा ITR अभी भी सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर में पेंडिंग हैं. टैक्स एक्सपर्ट्स के मुताबिक इनमें बड़ी संख्या रिफंड क्लेम से जुड़े मामलों की है.
समय पर रिवाइज नहीं किया तो क्या होगा
अगर 31 दिसंबर 2025 के बाद ITR प्रोसेसिंग के दौरान विभाग कोई गड़बड़ी पकड़ता है तो टैक्सपेयर्स के विकल्प सीमित हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में केवल अपडेटेड रिटर्न दाखिल की जा सकती है. इसमें अतिरिक्त टैक्स और ब्याज देना होता है. पहले साल में 25 फीसदी, दूसरे साल में 50 फीसदी, तीसरे साल में 60 फीसदी और चौथे साल में 70 फीसदी तक अतिरिक्त टैक्स देना पड़ सकता है.
क्या पेंडिंग ITR से रिफंड खत्म हो जाएगा
अगर आपकी ITR 31 दिसंबर के बाद भी प्रोसेस नहीं होती है तो रिफंड खत्म नहीं होता. कानून टैक्स विभाग को तय समय देता है और सही पाए जाने पर रिफंड देना जरूरी होता है. अगर देरी टैक्सपेयर की वजह से नहीं है तो ब्याज भी मिलता है. हालांकि जिन मामलों में मिसमैच है, वहां रिफंड तब तक रोका जा सकता है जब तक मामला सुलझ नहीं जाता.
कितने समय में करना होता है प्रोसेस
इनकम टैक्स विभाग को ITR फाइल होने वाले वित्तीय वर्ष के अंत से 9 महीने के भीतर रिटर्न प्रोसेस करनी होती है. उदाहरण के तौर पर अगर ITR 31 जुलाई 2025 या 31 दिसंबर 2025 को फाइल की गई है, तो उसे 31 दिसंबर 2026 तक प्रोसेस किया जा सकता है. तय समय सीमा के भीतर प्रोसेस न होने पर टैक्सपेयर रिफंड और ब्याज पाने का हकदार होता है.
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टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए
अगर आपको किसी तरह का मिसमैच अलर्ट मिला है तो उसे नजरअंदाज न करें. 31 दिसंबर 2025 से पहले सुधार कर लेना ही सबसे सुरक्षित विकल्प है. डेडलाइन के बाद छोटी सी गलती भी महंगी पड़ सकती है. टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह है कि समय रहते अपनी ITR की स्थिति जांच लें और जरूरी कदम उठाएं.
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