क्रेडिट कार्ड बिल में गड़बड़ी दिखी? ऐसे करें शिकायत, ये हैं स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
अगर आपके क्रेडिट कार्ड बिल में कोई गलत चार्ज नजर आता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. अक्सर मामूली जांच करने से ही गलती पता चल जाती है. सबसे पहले अपनी रसीद, ऑर्डर कन्फर्मेशन और ईमेल या मैसेज को देख कर उस ट्रांजैक्शन को मिलाएं. कई बार नाम अलग दिखने या रकम बदलने की वजह से भी कन्फ्यूजन हो जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि इस समस्या को आसानी से कैसे हल किया जा सकता है.
क्रेडिट कार्ड बिल में अचानक कोई गलत चार्ज दिख जाए, तो ज्यादातर लोग घबरा जाते हैं. कई बार ये गलती व्यापारी की होती है, तो कई बार बैंक की तरफ से भी एंट्री गलत दिख सकती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कैसे आप स्टेप-बाय-स्टेप इस विवाद को बिना परेशानी के सुलझा सकते हैं.
सबसे पहले व्यापारी से बात करें
ऐसे में अगर चार्ज साफ तौर पर गलत है जैसे कि एक ही चीज के दो बार पैसे काट लिए गए हों, कैंसल ऑर्डर का पेमेंट लिया गया हो या रिफंड न दिया गया हो तो सीधे व्यापारी से बात करें. कई मामले इसी लेवल पर हल हो जाते हैं. कॉल या ऑनलाइन चैट का रिकॉर्ड रखें और उनसे लिखित कन्फर्मेशन जरूर मांगें. इससे आपकी बैंक में की जाने वाली शिकायत मजबूत होती है.
कार्ड इश्यूअर के पास औपचारिक शिकायत दर्ज करें
अगर व्यापारी मदद नहीं करता, तो तुरंत अपने बैंक या कार्ड कंपनी से संपर्क करें. नेटबैंकिंग, ऐप या कस्टमर केयर से डिस्प्यूट दर्ज करें. ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी दें, साथ ही रसीद और स्क्रीनशॉट जैसे सबूत भी लगाएं. बैंक जो भी रेफरेंस नंबर दे, उसे सुरक्षित रख लें.
प्रोविजनल क्रेडिट और समयसीमा समझें
अधिकतर बैंक जांच पूरी होने तक अस्थायी रूप से रकम वापस कर देते हैं, जिसे प्रोविजनल क्रेडिट कहा जाता है. इसके नियम हर बैंक में अलग हो सकते हैं. बैंक से पूछें कि क्रेडिट कब मिलेगा और जांच पूरी होने में कितना समय लग सकता है. आमतौर पर जांच कुछ हफ्तों से लेकर 45 दिन तक चल सकती है.
हर रिकॉर्ड संभालें और समय पर फॉलो-अप करें
अपनी पूरी बातचीत, ईमेल, स्क्रीनशॉट और डॉक्यूमेंट एक जगह रखें. बैंक की ओर से बताए गए समय के बाद विनम्रता से फॉलो-अप करें. कई बार लगातार लेकिन शांति से किए गए रिमाइंडर से प्रक्रिया तेज हो जाती है. अगर जवाब अस्पष्ट हो, तो सुपरवाइजर से बात करने का अनुरोध करें.
जरूरत पड़े तो बाहरी स्तर पर शिकायत बढ़ाएं
अगर बैंक आपकी समस्या हल नहीं करता, तो आप शिकायत को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं. पहले बैंक के नोडल ऑफिसर या ग्रिवेंस सेल से संपर्क करें. यदि फिर भी समाधान न मिले, तो बैंकिंग लोकपाल या कंज्यूमर फोरम का सहारा ले सकते हैं. नॉन-बैंक कार्ड इश्यूअर के लिए उनके नियामक या उद्योग शिकायत प्रणाली का उपयोग करें.
क्रेडिट स्कोर की सुरक्षा करें
विवाद चलने के दौरान भी कार्ड पर न्यूनतम भुगतान करते रहें. इससे लेट फीस नहीं लगेगी और क्रेडिट स्कोर भी खराब नहीं होगा. जांच पूरी होने पर यह सुनिश्चित करें कि रिफंड या रिवर्सल आपकी अगली स्टेटमेंट में सही दिखाई दे. ऐसे अनुभव आपको भविष्य के विवाद हल करने में और आसान बना देंगे.
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