8th Pay Commission: OPS की बहाली पर JCM का जोर, टर्म ऑफ रेफरेंस में संशोधन की मांग हुई तेज
8th Central Pay Commission पर JCM ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने और सभी पेंशनर्स की पेंशन रिविजन की मांग तेज कर दी है. 15 नवंबर की बैठक में न्यूनतम वेतन, फिटमेंट फैक्टर, HRA, भत्तों और MACP सहित 30 अहम मुद्दों पर सुझाव मांगे गए. 8th CPC अगले 18 महीनों में अपनी सिफारिशें पेश करेगा.
नेशनल काउंसिल की स्टैंडिंग कमिटी-JCM ने 8वें वेतन आयोग को ज्ञापन पेश किए जाने के लिए अपने सभी घटक संगठनों से सुझाव आमंत्रित किए हैं. इन सुझावों को बाद में आयोग के सामने विचार करने के लिए रखा जाएगा. JCM की बैठक में फिलहाल सबसे ज्यादा जोर OPS की बहाली पर दिया जा रहा है. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल काउंसिल-JCM की स्टैंडिंग कमेटी ने 15 नवंबर को नई दिल्ली में हुई बैठक में 8th सेंट्रल पे कमीशन के लिए महत्वपूर्ण सुझाव पेश किए. मीटिंग में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली और सभी पेंशनर्स व फैमिली पेंशनर्स की पेंशन रिविजन को शामिल करने पर जोर दिया गया. सुझावों को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया.
क्यों उठी OPS की बहाली मांग?
8th CPC के लिए जारी किए गए टर्म ऑफ रेफरेंस में केंद्र सरकार ने “अनफंडेड कॉस्ट ऑफ नॉन कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम” में बदलाव के संकेत दिए हैं. असल में OPS एक नॉन-कॉन्ट्रिब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को पेंशन के लिए कोई योगदान नहीं करना होता. इसी आधार पर JCM ने ToR के क्लॉज (f)(iii) को हटाने की मांग की है.
सुझावों की समयसीमा
स्टैंडिंग कमेटी ने सभी संबद्ध संगठनों से 15 दिसंबर, 2025 तक अपने सुझाव भेजने को कहा है. इन सभी सुझावों का ड्राफ्टिंग कमेटी अध्ययन करेगी और स्टाफ साइड के अंतिम मेमोरेंडम को तैयार करेगी, जिसे 8th CPC को सौंपा जाएगा.
8th CPC के लिए मुख्य एजेंडे
JCM ने 30 प्रमुख मुद्दों पर सुझाव मांगे हैं. इनमें न्यूनतम वेतन निर्धारण, फिटमेंट फैक्टर, उच्चतम वेतन, MACP, अलाउंसेज, बोनस, HRA, इंश्योरेंस स्कीम, लीव पॉलिसी, ट्रांसफर पॉलिसी और कॉन्ट्रैक्ट-कैजुअल कर्मचारियों के रेगुलराइजेशन जैसे मुद्दे शामिल हैं. OPS की बहाली और 1 जनवरी 2026 से पहले रिटायर हो चुके सभी पेंशनर्स की पेंशन रिविजन मुख्य बिंदु हैं.
8th CPC का गठन और कार्यकाल
8th केंद्रीय वेतन आयोग का गठन 3 नवंबर 2025 को किया गया. इसमें पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज रंजनाप्रकाश देसाई चेयरपर्सन हैं. कमीशन वेतन, भत्तों, पेंशन और सर्विस कंडीशंस की पूरी समीक्षा करेगा और गठन से 18 महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देगा.